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कोरोना के चलते पुलिस वर्किंग में बड़ा बदलाव, बनाए गए कई नए कानूनः अलवर पुलिस अधीक्षक - Rajasthan news

कोरोना में लगातार मिल रही छूट के चलते अलवर में क्राइम का ग्राफ बढ़ने लगा है. वहीं दूसरी तरफ पुलिस पर कोरोना के साथ विशेष गाइडलाइन का पालन करवाने का दबाव भी है. ऐसे में कोरोना में चलते पुलिस की वर्किंग में भी बड़ा बदलाव हुआ है. इस मुद्दे पर ईटीवी भारत से बात की अलवर पुलिस अधीक्षक पारिस देशमुख ने.

अलवर पुलिस अधीक्षक पारिस देशमुख, Alwar Police Officer paris deshmukh
अलवर पुलिस अधीक्षक के साथ ईटीवी भारत की बातचीत
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Published : May 27, 2020, 2:20 PM IST

अलवर. लॉकडाउन 4 में लगातार मिल रही छूट के बाद लोगों की आवाजाही बढ़ रही है. सभी बाजार औद्योगिक इकाइयां खुल चुकी हैं. बस सेवा शुरू हो चुकी हैं. तो वहीं ट्रेन सेवा भी जल्द शुरू होने वाली है. ऐसे में पुलिस के सामने चुनौती बढ़ गई है. अलवर राजस्थान का सीमावर्ती जिला है. ऐसे में अलवर पुलिस के पास कई अन्य जिम्मेदारियां भी बढ़ गई है. कोरोना काल के बीच सरकार ने कई नए कानून बनाए हैं. तो वहीं पुराने कानूनों में बदलाव हुआ है.

अलवर पुलिस अधीक्षक के साथ ईटीवी भारत की बातचीत

ऐसे में आगे आने वाली चुनौती को देखते हुए ईटीवी भारत ने अलवर पुलिस अधीक्षक पारिस देशमुख से खास बातचीत की. पारिस ने बताया कि अलवर पुलिस ने आगामी दिनों को देखते हुए कई योजनाएं बनाई हैं. वहीं पुलिस की जिम्मेदारियां भी बढ़ गई है.

अलवर पुलिस की बढ़ी जिम्मेदारियांः

उन्होंने कहा कि सरकार की तरफ से सार्वजनिक स्थान पर थूकने से मना किया गया है. साथ ही सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखने और मास्क का प्रयोग करने के लिए कानून बनाया गया है. इसके तहत सभी थानों में चालान बुक भेज दी गई है. अलवर जिले में पुलिस की तरफ से अब तक 1431 चालान काटे जा चुके हैं. पुलिस की तरफ से लोगों को जागरूक करने के लिए पेंटिंग प्रतियोगिता शुरू की गई है. इसमें बड़ी संख्या में स्कूलों के छात्र-छात्राओं ने रजिस्ट्रेशन किया है. इस तरह के कार्यक्रमों से लोगों को जागरूक किया जाएगा. इसके अलावा कानून में भी कई तरह के बदलाव हुए हैं. इन बदलाव के पोस्टर और बैनर बनाकर सभी थानों पर भिजवाए गए हैं. वहीं जिले में बंदियों को रखने के लिए एक अलग से अस्थाई जेल भी बनाया गया है.

पढ़ेंः अलवरः कोरोना पॉजिटिव मिलने के बाद प्रशासन अलर्ट, बस्ती में रोकी ग्रामीणाें की आवाजाही

बनाए गए कई नए कानून:

अलवर के लॉर्ड्स हॉस्पिटल को जेल के रूप में अधिग्रहित किया गया है. पीसी और जेसी लेने से पहले सभी बंदियों को यहां रखा जाता है और वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से उनको न्यायालय में पेश किया जा रहा है. पारिस ने बताया कि उनकी कोविड की जांच कराने के बाद ही उन्हें जेलों में डाला जा रहा है. दूसरी तरफ क्राइम पर कंट्रोल करने के लिए सभी टीमों को तैनात कर दिया गया है. पहले के मुकाबले पुलिस के सामने अब जिम्मेदारियां और काम का दबाव ज्यादा है. क्योंकि पहले केवल संक्रमण पर ध्यान था. लेकिन अब संक्रमण के साथ साथ क्राइम पर भी पुलिस को नजर रखनी है.

पढ़ेंः गेहूं खरीद में आ रही दिक्कतों को लेकर Speaker ओम बिरला ने FCI अधिकारियों संग की बैठक

होम आइसोलेशन में रहने वाले लोगों को लगातार चेक किया जा रहा है. जो लोग बिना अनुमति और बिना पास के चोरी चुपके आ रहे हैं, उनके खिलाफ कार्रवाई की जा रही है. पारिस ने बताया कि पुलिस लगातार सभी पॉजिटिव और संदिग्ध लोगों पर नजर रख रही है. प्रदेश से बाहर जाने वाले और प्रदेश में आने वाले सभी लोगों को पास बनवाना अनिवार्य है. बिना पास के किसी भी व्यक्ति को अनुमति नहीं दी जा रही है. प्रत्येक ब्लाक स्तर पर और गांव स्तर पर समितियां बनाई गई हैं. जो लगातार पुलिस के संपर्क में हैं. आने जाने वाले प्रत्येक व्यक्ति पर नजर रखी जा रही है.

अलवर. लॉकडाउन 4 में लगातार मिल रही छूट के बाद लोगों की आवाजाही बढ़ रही है. सभी बाजार औद्योगिक इकाइयां खुल चुकी हैं. बस सेवा शुरू हो चुकी हैं. तो वहीं ट्रेन सेवा भी जल्द शुरू होने वाली है. ऐसे में पुलिस के सामने चुनौती बढ़ गई है. अलवर राजस्थान का सीमावर्ती जिला है. ऐसे में अलवर पुलिस के पास कई अन्य जिम्मेदारियां भी बढ़ गई है. कोरोना काल के बीच सरकार ने कई नए कानून बनाए हैं. तो वहीं पुराने कानूनों में बदलाव हुआ है.

अलवर पुलिस अधीक्षक के साथ ईटीवी भारत की बातचीत

ऐसे में आगे आने वाली चुनौती को देखते हुए ईटीवी भारत ने अलवर पुलिस अधीक्षक पारिस देशमुख से खास बातचीत की. पारिस ने बताया कि अलवर पुलिस ने आगामी दिनों को देखते हुए कई योजनाएं बनाई हैं. वहीं पुलिस की जिम्मेदारियां भी बढ़ गई है.

अलवर पुलिस की बढ़ी जिम्मेदारियांः

उन्होंने कहा कि सरकार की तरफ से सार्वजनिक स्थान पर थूकने से मना किया गया है. साथ ही सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखने और मास्क का प्रयोग करने के लिए कानून बनाया गया है. इसके तहत सभी थानों में चालान बुक भेज दी गई है. अलवर जिले में पुलिस की तरफ से अब तक 1431 चालान काटे जा चुके हैं. पुलिस की तरफ से लोगों को जागरूक करने के लिए पेंटिंग प्रतियोगिता शुरू की गई है. इसमें बड़ी संख्या में स्कूलों के छात्र-छात्राओं ने रजिस्ट्रेशन किया है. इस तरह के कार्यक्रमों से लोगों को जागरूक किया जाएगा. इसके अलावा कानून में भी कई तरह के बदलाव हुए हैं. इन बदलाव के पोस्टर और बैनर बनाकर सभी थानों पर भिजवाए गए हैं. वहीं जिले में बंदियों को रखने के लिए एक अलग से अस्थाई जेल भी बनाया गया है.

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बनाए गए कई नए कानून:

अलवर के लॉर्ड्स हॉस्पिटल को जेल के रूप में अधिग्रहित किया गया है. पीसी और जेसी लेने से पहले सभी बंदियों को यहां रखा जाता है और वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से उनको न्यायालय में पेश किया जा रहा है. पारिस ने बताया कि उनकी कोविड की जांच कराने के बाद ही उन्हें जेलों में डाला जा रहा है. दूसरी तरफ क्राइम पर कंट्रोल करने के लिए सभी टीमों को तैनात कर दिया गया है. पहले के मुकाबले पुलिस के सामने अब जिम्मेदारियां और काम का दबाव ज्यादा है. क्योंकि पहले केवल संक्रमण पर ध्यान था. लेकिन अब संक्रमण के साथ साथ क्राइम पर भी पुलिस को नजर रखनी है.

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होम आइसोलेशन में रहने वाले लोगों को लगातार चेक किया जा रहा है. जो लोग बिना अनुमति और बिना पास के चोरी चुपके आ रहे हैं, उनके खिलाफ कार्रवाई की जा रही है. पारिस ने बताया कि पुलिस लगातार सभी पॉजिटिव और संदिग्ध लोगों पर नजर रख रही है. प्रदेश से बाहर जाने वाले और प्रदेश में आने वाले सभी लोगों को पास बनवाना अनिवार्य है. बिना पास के किसी भी व्यक्ति को अनुमति नहीं दी जा रही है. प्रत्येक ब्लाक स्तर पर और गांव स्तर पर समितियां बनाई गई हैं. जो लगातार पुलिस के संपर्क में हैं. आने जाने वाले प्रत्येक व्यक्ति पर नजर रखी जा रही है.

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