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अलवर की पायल जांगिड़ को चेंजमेकर अवार्ड मिलने से परिजनों में खुशी, बाल विवाह रोकने की जगाई थी अलख

अलवर शहर से 60 किलोमीटर दूर थानागाजी क्षेत्र आज एक बार फिर विश्व पटल पर छा गया है. बता दें कि थानागाजी क्षेत्र के पिछड़े इलाके में रहने वाली मूलभूत सुविधाओं से महरूम सिंगला गांव की 17 वर्षीय पायल जांगिड़ को चेंजमेकर अवार्ड मिला है. परिजनों ने पायल के अवार्ड को देश को गौरवान्वित करने वाला बताया है. वहीं, पायल के माता-पिता ने बच्चियों को पढ़ाने और आगे बढ़ाने के लिए सभी लोगों से अपील की है.

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Published : Sep 25, 2019, 7:43 PM IST

पायल जांगिड़ न्यूज , Payal Jangid News

अलवर. शहर से 60 किलोमीटर दूर थानागाजी क्षेत्र आज एक बार फिर विश्व पटल पर छा गया है. बता दें कि थानागाजी क्षेत्र के पिछड़े इलाके में रहने वाली मूलभूत सुविधाओं से महरूम सिंगला गांव की 17 वर्षीय पायल जांगिड़ को चेंजमेकर अवार्ड मिला है. पायल की वजह से आज पूरे क्षेत्र में खुशी का माहौल है और परिजनों ने पायल के अवार्ड को देश को गौरवान्वित करने वाला बताया है.

चेंजमेकर अवार्ड मिलने से परिजनों में खुशी

अलवर जिले के सिंगला गांव की पायल जांगिड़ को चेंजमेकर अवार्ड मिलने के बाद परिवार और गांव के लोगों में खुशी का माहौल है. पायल के माता-पिता खुद अशिक्षित हैं और वे खुद भी पायल का बाल विवाह करना चाहते थे. लेकिन पायल ने खुद इसका विरोध कर शादी रुकवाई थी और आज वह खुद क्षेत्र में बाल विवाह रोकने के लिए काम करती है. वहीं, पायल के माता-पिता ने बच्चियों को पढ़ाने और आगे बढ़ाने के लिए सभी लोगों से अपील की है.

पढ़ें- राजस्‍थान की बेटी 'पायल' को मिला 'चेंजमेकर अवॉर्ड', कैलाश सत्यार्थी ने दी बधाई

बता दें कि सामाजिक कार्यकर्ता कैलाश सत्यार्थी के एनजीओ और संस्था में थानागाजी क्षेत्र के पिछड़े क्षेत्र के हिंसला बाल मित्र ग्राम (बीएमजी) का प्रतिनिधित्‍व करने वाली 17 वर्षीय पायल जांगिड़ को न्यूयॉर्क में बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन की ओर से 'चेंजमेकर पुरस्कार' दिया गया है. पायल को यह प्रतिष्ठित पुरस्कार खुद के बाल विवाह होने से रोकने के बाद उनके गांव हिंसला और अन्य आसपास के गांवों में बाल विवाह को रोकने की दिशा में किए गए उल्‍लेखनीय कार्यों के लिए दिया गया है. पायल को अवार्ड मिलने के बाद उसके परिजनों में खुशी का माहौल है और परिजनों का कहना है कि पायल ने देश का नाम रोशन किया है.

पायल के पिता पप्पू राम ने बताया कि पायल को अवार्ड मिलने से उन्हें बहुत गौरवान्वित महसूस हो रहा है. उन्होंने कहा कि उनकी बेटी ने बच्चों के बाल विवाह रोकने के लिए काम किया था. पप्पू राम ने बताया कि वह खुद भी पायल का बाल विवाह करना चाहते थे और शादी की तैयारियां कर दी थी, लेकिन पायल के विरोध के कारण उनकी शादी नहीं हो पाई. उन्होंने कहा कि आज पायल ने क्षेत्र में बाल विवाह रोकने के लिए जो काम किया है उसके लिए उसे सम्मानित किया गया है और चेंजमेकर अवार्ड मिला है.

पढे़ं- उदयपुर पहुंचे देशभर में बैलेट पेपर से चुनाव कराने की मांग को लेकर पदयात्रा पर निकले उत्तराखंड के ओमकार

पायल की मां ने बताया कि उसकी बेटी ने बाल विवाह रोकने और बाल मजदूरी रोकने के खिलाफ आवाज उठाई थी, जिसकी वजह से उसे आज यह सम्मान मिला है. उन्होंने सभी लोगों से बेटियों को शिक्षा और आगे बढ़ाने की खुली आजादी देने का आह्वान किया है.

अलवर. शहर से 60 किलोमीटर दूर थानागाजी क्षेत्र आज एक बार फिर विश्व पटल पर छा गया है. बता दें कि थानागाजी क्षेत्र के पिछड़े इलाके में रहने वाली मूलभूत सुविधाओं से महरूम सिंगला गांव की 17 वर्षीय पायल जांगिड़ को चेंजमेकर अवार्ड मिला है. पायल की वजह से आज पूरे क्षेत्र में खुशी का माहौल है और परिजनों ने पायल के अवार्ड को देश को गौरवान्वित करने वाला बताया है.

चेंजमेकर अवार्ड मिलने से परिजनों में खुशी

अलवर जिले के सिंगला गांव की पायल जांगिड़ को चेंजमेकर अवार्ड मिलने के बाद परिवार और गांव के लोगों में खुशी का माहौल है. पायल के माता-पिता खुद अशिक्षित हैं और वे खुद भी पायल का बाल विवाह करना चाहते थे. लेकिन पायल ने खुद इसका विरोध कर शादी रुकवाई थी और आज वह खुद क्षेत्र में बाल विवाह रोकने के लिए काम करती है. वहीं, पायल के माता-पिता ने बच्चियों को पढ़ाने और आगे बढ़ाने के लिए सभी लोगों से अपील की है.

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बता दें कि सामाजिक कार्यकर्ता कैलाश सत्यार्थी के एनजीओ और संस्था में थानागाजी क्षेत्र के पिछड़े क्षेत्र के हिंसला बाल मित्र ग्राम (बीएमजी) का प्रतिनिधित्‍व करने वाली 17 वर्षीय पायल जांगिड़ को न्यूयॉर्क में बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन की ओर से 'चेंजमेकर पुरस्कार' दिया गया है. पायल को यह प्रतिष्ठित पुरस्कार खुद के बाल विवाह होने से रोकने के बाद उनके गांव हिंसला और अन्य आसपास के गांवों में बाल विवाह को रोकने की दिशा में किए गए उल्‍लेखनीय कार्यों के लिए दिया गया है. पायल को अवार्ड मिलने के बाद उसके परिजनों में खुशी का माहौल है और परिजनों का कहना है कि पायल ने देश का नाम रोशन किया है.

पायल के पिता पप्पू राम ने बताया कि पायल को अवार्ड मिलने से उन्हें बहुत गौरवान्वित महसूस हो रहा है. उन्होंने कहा कि उनकी बेटी ने बच्चों के बाल विवाह रोकने के लिए काम किया था. पप्पू राम ने बताया कि वह खुद भी पायल का बाल विवाह करना चाहते थे और शादी की तैयारियां कर दी थी, लेकिन पायल के विरोध के कारण उनकी शादी नहीं हो पाई. उन्होंने कहा कि आज पायल ने क्षेत्र में बाल विवाह रोकने के लिए जो काम किया है उसके लिए उसे सम्मानित किया गया है और चेंजमेकर अवार्ड मिला है.

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पायल की मां ने बताया कि उसकी बेटी ने बाल विवाह रोकने और बाल मजदूरी रोकने के खिलाफ आवाज उठाई थी, जिसकी वजह से उसे आज यह सम्मान मिला है. उन्होंने सभी लोगों से बेटियों को शिक्षा और आगे बढ़ाने की खुली आजादी देने का आह्वान किया है.

Intro:एंकर...अलवर शहर के 60 किलोमीटर किलोमीटर दूर थानागाजी क्षेत्र आज एक बार फिर विश्व पटल पर छा गया है। थानागाज़ी क्षेत्र के पिछड़े इलाके में रहने वाली मूलभूत सुविधाओं से महरूम सिंगला गांव की 17 वर्षीय पायल जांगिड़ को चेंजमेकर अवार्ड मिला है। पायल की वजह से आज पूरे क्षेत्र में खुशी का माहौल है और परिजनों ने पायल के अवार्ड को देश को गौरवान्वित करने वाला बताया हैं। Body:अलवर जिले के थानागाजी की सिंगला गांव की पायल जांगिड़ को चेंजमेकर अवार्ड मिलने के बाद परिवार और गांव के लोगो मे खुशी का माहौल है। पायल के माता पिता खुद अशिक्षित है और वे खुद भी पायल का बाल विवाह करना चाहते थे। लेकिन पायल ने खुद इसका विरोध कर शादी रुकवाई थी और आज वह खुद क्षेत्र में बाल विवाह रोकने के लिए काम करती है। उंसके इस काम की वजह से पायल को इज अवार्ड मिलने पर उंसके परिजनों में खुशी का माहौल है। पायल के माता पिता ने बच्चियों को पढ़ाने ओर आगे बढ़ाने के लिए सभी लोगो से अपील की है। उन्होंने कहा पायल ने देश का नाम रोशन किया है।
सामाजिक कार्यकर्ता कैलाश सत्यार्थी के एनजीओ ओर संस्था में थानागाजी क्षेत्र के पिछडे क्षेत्र के   हिंसला बाल मित्र ग्राम (बीएमजी) का प्रतिनिधित्‍व करने वाली 17 वर्षीय पायल जांगिड़ को न्यूयॉर्क में बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन की ओर से ‘चेंजमेकर’ पुरस्कार दिया गया है। पायल को यह प्रतिष्ठित पुरस्कार खुद के बाल विवाह होने से रोकने के बाद उनके गांव हिंसला और अन्य आसपास के गांवों में बाल विवाह को रोकने की दिशा में किए गए उल्‍लेखनीय कार्यों के लिए दिया गया है। पायल को अवार्ड मिलने के बाद उसके परिजनों में खुशी का माहौल है और परिजनों के कहना है कि पायल ने देश का नाम रोशन किया है। पायल के पिता पप्पू जांगिड़ ओर उसकी माँ राजू देवी का कहा है की पायल ने उनका गांव और इंडिया का नाम रोशन किया है। इसलिए सभी लोगो को अपनी बेटियों को आगे बढ़ना ओर पढ़ना चाहिए।
Conclusion:पायल के पिता पप्पू राम ने बताया कि पायल के अवार्ड मिलने उन्हें बहुत गौरवान्वित महसूस हो रहा है और उनकी बेटी के द्वारा बच्चों के बाल विवाह रोकने के लिए काम किया था वह खुद भी  पायल का बाल विवाह करना चाहते थे और शादी की तैयारियां कर दी थी लेकिन पायल के विरोध के चलते उनकी शादी नहीं हो पाई और आज उसके द्वारा क्षेत्र में बाल विवाह रोकने के लिए जो काम किया है उसके लिए उन्हें सम्मानित किया गया है और चेंजमेकर अवार्ड मिला है इसे पूरे देश को आज गौरवान्वित होने का मौका मिला है।
पायल की माँ ने बताया कि उसकी बेटी ने बल विवाह रोकने और बाल मजदूरी रोकने और वरद7 प्रथा के खिलाफ आवाज उठाई थी। जिसकी वजह से उसे आज यह सम्मान मिला हैं । उन्होंने सभी लोगो से बेटियो को शिक्षा और आगे बढ़ाने की खुली आजादी देने का आव्हान किया है।
बाईट...पप्पू जांगिड़.. पिता
बाईट राजदेवी ..माता
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