अलवर. नवनियुक्त पुलिस अधीक्षक तेजस्विनी गौतम ने सोमवार को पदभार ग्रहण किया. पुलिस अधीक्षक सुबह करीब 10 बजे एसपी ऑफिस पहुंची और परेड की सलामी ली. इसके बाद वहां मौजूद पुलिस अधिकारियों से परिचय करने के बाद पदभार ग्रहण किया.
पदभार ग्रहण करने के बाद मीडिया से बातचीत करते हुए एसपी तेजस्विनी गौतम ने कहा कि सभी जगह पुलिसिंग लगभग एक जैसी रहती है. लेकिन कुछ सामाजिक भिन्नताओं के साथ अपराधिक भिन्नताएं भी होती हैं. ऐसे कुछ विशेष इलाके रहते हैं, जहां विशेष रूप से काम करने की जरूरत होती है.
उन्होंने कहा कि अलवर जिले में हमेशा से ही चुनौतियां रहती हैं. यहां अपराध ज्यादा होता है और खासतौर पर जिले में महिला अपराध पर लगाम कसने के लिए वे काम करेंगी. उन्होंने कहा कि राज्य में जयपुर के बाद सबसे ज्यादा अपराध अलवर जिले में दर्ज होते हैं. तो इसका मतलब है कि महिलाएं पुलिस के पास अपनी बात रख रही है, जो अच्छी बात है.
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नवनियुक्त एसपी ने कहा कि महिलाएं बिना किसी के दबाव में आकर पुलिस तक पहुंच कर कानूनी कार्रवाई की बात कर रही है. पुलिस ऐसे अपराधों पर तत्परता से काम करेगी और अवैध खनन, चोरी लूट और गो तस्करी लगाम कसने के लिए काम करेगी.
उन्होंने कहा कि वे चाहती हैं कि जनता दिल से पुलिस से जुड़े और सहयोग करे. पुलिस के दरवाजे जनता के लिए हमेशा खुले रहेंगे.
बता दें कि तेजस्विनी गौतम पहले चूरू में IPS की पोस्ट पर कार्यरत थी. उन्होंने अपने कार्यकाल में ऐसे कई काम किए थे. जो लोगों और पुलिस महकमे के लिए मिसाल बन गए. तीन काम जो तेजस्विनी यादव ने अपने कार्यकाल में कोरोना की रोकथाम के लिए करवाए थे.
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ऑनलाइन कॉन्टेस्ट : लोगों को घरों से बाहर निकलने से रोकने के लिए उन्होंने कई ऑनलाइन कॉन्टेस्ट करवाए थे. इसमें डांस, स्केचिंग, कुकिंग, सिंगिंग जैसी 17 कैटेगरी शामिल है. लोगों ने इसमें बढ़-चढ़कर हिस्सा भी लिया था.
लाइव सेशन : तेजस्विनी गौतम ने दूसरा तरीका अपनाया था, उन लोगों के लिए, जिनको शाम की सैर किए बिना चैन नहीं मिलता. जो लोग पांच से सात बजे के बाहर निकलते हैं. उन्हें रोकने के लिए एसपी ने लाइव सेशन शुरू करवाने का प्लान बनाया था.
मेरा चूरु मेरा फर्ज: तीसरा तरीका एक और कैंपेन के शक्ल में सामने आया, 'मेरा चूरु मेरा फर्ज'. इसमें शहर के लोगों को दो तरह की शपथ दिलवाई गई. पहली तो ये कि मेरी गली में कोई बाहर न निकले. और दूसरी शपथ ये कि मेरी गली में कोई भूखा नहीं सोएगा.