अलवर. जिले में ग्रामीण क्षेत्रों में बेहतर चिकित्सा सुविधा के लिए हेल्थ वैलनेस सेंटर खोले गए थे. इसके तहत पीएचसी और उप स्वास्थ्य केंद्रों को हेल्थ वैलनेस सेंटर में तब्दील किया गया। लेकिन हाल ही में आई एक रिपोर्ट में अलवर को 100 में से मात्र 11 अंक मिले हैं। हेल्थ वैलनेस सेंटर पोर्टल में डाटा एंट्री की रैंकिंग में अगस्त के मुकाबले सितंबर में जिले की रैंकिंग गिरी है.
अगस्त में अलवर तीसरे स्थान पर रहा. वहीं अलवर जिला सितंबर में 28 वें स्थान पर पहुंच गया हैं. इसके अलावा सीकर 71 अंकों के साथ पहले और बारां 43 अंकों के साथ दूसरे और अजमेर 40 अंकों के साथ तीसरे स्थान पर है. जैसलमेर और बूंदी के मात्र चार चार अंक रहे. जो प्रदेश में सभी जिलों से कम है. दोनों जिले 32 और 33वी रैंकिंग पर रहे. जैसलमेर और बूंदी जिले में हालात अलवर से भी ज्यादा खराब मिले. राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत हेल्थ वेलनेस सेंटर के डाटा एंट्री की स्क्रीनिंग और रैंकिंग जारी की गई.
हाल की रैंकिंग रिपोर्ट ने अलवर में स्वास्थ्य सेवाओं की पोल खोल कर रख दी है. स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने कहा कि सरकार ने पीएचसी व उप स्वास्थ्य केंद्रों को हेल्थ वैलनेस सेंटर में परिवर्तित कर दिया है. लेकिन अभी कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर नहीं होने के कारण यह सेंटर पूरी तरह से एक्टिव नहीं हुए हैं. सरकार के स्तर पर इनकी भर्ती प्रक्रियाधीन है. ऐसी स्थिति में अभी सेंटरों पर पहले की तरह एएनएम काम कर रही है.
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अधिकारियों के अनुसार अभी लोगों को हेल्थ वैलनेस सेंटर की पूरी सुविधा मिल पा रही है. चिकित्सा सुविधा के साथ दवा ओपीडी, जांच, टीकाकरण, गर्भवती महिलाओं की प्रसव पूर्व जांच, मरीजों की स्क्रीनिंग सिस्टम भी शुरू नहीं हुआ है. इसलिए अलवर की रैंकिंग अन्य जिलों की तुलना में खासी कम रही है. हालांकि स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का दावा है कि आने वाले समय में अलवर की रैंकिंग में सुधार होगा. इस दिशा में काम शुरू कर दिया गया है. देखना होगा कि आने वाले समय में किस तरह का सुधार होता है.