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अलवरः 1 जनवरी से पांच साल तक के बच्चों को लगेगा नया वैक्सीन, जानिए क्या है खास

अलवर सहित प्रदेश भर में 1 जनवरी 2020 से 5 साल तक के सभी बच्चों को निमोनिया से बचाने के लिए न्यूमो कोलस कन्ज्यूगेट वैक्सीन लगाया जाएगा. यह रेक्सीन सभी सरकारी केंद्रों पर निशुल्क उपलब्ध रहेगा और टीकाकरण के साथ ही यह वैक्सीन भी बच्चों को लगाया जाएगा.

children will get new vaccine, बच्चों को लगेगा नया वैक्सीन
1 जनवरी से पांच साल तक के बच्चों को लगेगा नया वैक्सीन
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Published : Dec 14, 2019, 7:35 AM IST

अलवर. प्रदेश में जयपुर के बाद सबसे बड़ा जिला अलवर माना जाता है. यह जनसंख्या घनत्व अन्य जिलों की तुलना में ज्यादा है, वहीं एनसीआर का हिस्सा होने के कारण अलवर में औद्योगिक इकाई भी प्रदेश में सबसे ज्यादा है. प्रदेश सरकार को सबसे अधिक राजस्व भी अलवर से मिलता है. ऐसे में अलवर में बेहतर टीकाकरण के लिए लगातार सरकार की तरफ से प्रयास किए जा रहे हैं.

1 जनवरी से पांच साल तक के बच्चों को लगेगा नया वैक्सीन

अलवर में मेवात क्षेत्र आता है. मेवात क्षेत्र में टीकाकरण को बेहतर नहीं माना जाता है, इसलिए लोग टीके नहीं लगाते हैं. ऐसे में वैक्सीन समय पर नहीं लगने के कारण बच्चों में कई तरह की बीमारियों के आउटब्रेक सामने आते हैं. निमोनिया जैसी गंभीर बीमारी बच्चों को नहीं जाती लाने के लिए स्वास्थ विभाग की तरफ से अलवर से प्रदेश भर में 1 जनवरी से 5 साल तक के बच्चों को निमोकोलस कन्ज्यूगेट नाम का टीका लगाया जाएगा.

अलवर की मुख्य चिकित्सा स्वास्थ्य अधिकारी ओपी मीणा ने बताया कि निमोनिया से बचाव के लिए यह टीका बच्चों को निशुल्क लगाया जाएगा. उन्होंने कहा कि टीका लगने के बाद बच्चों को हल्का दर्द सूजन बुखार हो सकती है. ऐसे में उनके परिजनों को घबराने की जरूरत नहीं है. देश में 20 फीसदी बच्चों की मृत्यु निमोनिया से होती है.

पढ़ेंः राजस्थान हाईकोर्ट ने 15 नवंबर के बाद की गई पंचायतों और समितियों के गठन के संशोधन किए रद्द

करीब 30 फीसदी मौतों का कारण नियमों को लस निमोनिया होता है. नवजात शिशु की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होने से रोग होने की आशंका अधिक होती है. टीकाकरण से शिशु को रोगों से सुरक्षित किया जाता है. शिशु को निकोलस रोग होने का खतरा रहता है. जो एक तरह का फेफड़ों में संक्रमण है, इसलिए यह टीका बच्चों के लिए काफी बेहतर रहेगा.

अलवर. प्रदेश में जयपुर के बाद सबसे बड़ा जिला अलवर माना जाता है. यह जनसंख्या घनत्व अन्य जिलों की तुलना में ज्यादा है, वहीं एनसीआर का हिस्सा होने के कारण अलवर में औद्योगिक इकाई भी प्रदेश में सबसे ज्यादा है. प्रदेश सरकार को सबसे अधिक राजस्व भी अलवर से मिलता है. ऐसे में अलवर में बेहतर टीकाकरण के लिए लगातार सरकार की तरफ से प्रयास किए जा रहे हैं.

1 जनवरी से पांच साल तक के बच्चों को लगेगा नया वैक्सीन

अलवर में मेवात क्षेत्र आता है. मेवात क्षेत्र में टीकाकरण को बेहतर नहीं माना जाता है, इसलिए लोग टीके नहीं लगाते हैं. ऐसे में वैक्सीन समय पर नहीं लगने के कारण बच्चों में कई तरह की बीमारियों के आउटब्रेक सामने आते हैं. निमोनिया जैसी गंभीर बीमारी बच्चों को नहीं जाती लाने के लिए स्वास्थ विभाग की तरफ से अलवर से प्रदेश भर में 1 जनवरी से 5 साल तक के बच्चों को निमोकोलस कन्ज्यूगेट नाम का टीका लगाया जाएगा.

अलवर की मुख्य चिकित्सा स्वास्थ्य अधिकारी ओपी मीणा ने बताया कि निमोनिया से बचाव के लिए यह टीका बच्चों को निशुल्क लगाया जाएगा. उन्होंने कहा कि टीका लगने के बाद बच्चों को हल्का दर्द सूजन बुखार हो सकती है. ऐसे में उनके परिजनों को घबराने की जरूरत नहीं है. देश में 20 फीसदी बच्चों की मृत्यु निमोनिया से होती है.

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करीब 30 फीसदी मौतों का कारण नियमों को लस निमोनिया होता है. नवजात शिशु की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होने से रोग होने की आशंका अधिक होती है. टीकाकरण से शिशु को रोगों से सुरक्षित किया जाता है. शिशु को निकोलस रोग होने का खतरा रहता है. जो एक तरह का फेफड़ों में संक्रमण है, इसलिए यह टीका बच्चों के लिए काफी बेहतर रहेगा.

Intro:अलवर
अलवर सहित प्रदेश भर में 1 जनवरी 2020 से 5 साल तक के सभी बच्चों को निमोनिया से बचाने के लिए न्यूमो कोलस कन्ज्यूगेट वैक्सीन लगाया जाएगा यह रेक्सीन सभी सरकारी केंद्रों पर निशुल्क उपलब्ध रहेगा व टीकाकरण के साथ ही यह वैक्सीन भी बच्चों को लगाया जाएगा।


Body:प्रदेश में जयपुर के बाद सबसे बड़ा जिला अलवर माना जाता है। यह जनसंख्या घनत्व अन्य जिलों की तुलना में ज्यादा है। तो वहीं एनसीआर का हिस्सा होने के कारण अलवर में औद्योगिक इकाई भी प्रदेश में सबसे ज्यादा है। प्रदेश सरकार को सबसे अधिक राजस्व भी अलवर से मिलता है। ऐसे में अलवर में बेहतर टीकाकरण के लिए लगातार सरकार की तरफ से प्रयास किए जा रहे हैं। अलवर में मेवात क्षेत्र आता है। मेवात क्षेत्र में टीकाकरण को बेहतर नहीं माना जाता है। इसलिए लोग टीके नहीं लगाते हैं। ऐसे में वैक्सीन समय पर नहीं लगने के कारण बच्चों में कई तरह की बीमारियों के आउटब्रेक सामने आते हैं। निमोनिया जैसी गंभीर बीमारी बच्चों को नहीं जाती लाने के लिए स्वास्थ विभाग की तरफ से अलवर से प्रदेश भर में 1 जनवरी से 5 साल तक के बच्चों को निमोकोलस कन्ज्यूगेट नाम का टीका लगाया जाएगा।


Conclusion:अलवर की मुख्य चिकित्सा स्वास्थ्य अधिकारी ओपी मीणा ने बताया कि निमोनिया से बचाव के लिए यह टीका बच्चों को निशुल्क लगाया जाएगा। उन्होंने कहा कि व्यक्ति लगने के बाद बच्चों को हल्का दर्द सूजन बुखार हो सकती है। ऐसे में उनके परिजनों को घबराने की जरूरत नहीं है। देश में 20 फीसदी बच्चों की मृत्यु निमोनिया से होती है। करीब 30 फ़ीसदी मौतों का कारण नियमों को लस निमोनिया होता है। नवजात शिशु की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होने से रोग होने की आशंका अधिक होती है। टीकाकरण से शिशु को रोगों से सुरक्षित किया जाता है। शिशु को निकोलस रोग होने का खतरा रहता है। जो एक तरह का फेफड़ों में संक्रमण है इसलिए या टीका बच्चों के लिए काफी बेहतर रहेगा।


बाइट-डॉ ओपी मीणा, मुख्य चिकित्सा व स्वास्थ्य अधिकारी, अलवर
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