अलवर.सरस डेयरी में प्रतिदिन 190 लाख लीटर दूध की आवक होती है. इसमें करीब 133 लाख लीटर दूध सप्लाई किया जाता है. इसमें से बचने वाले दूध से छाछ, दही, पनीर, श्रीखंड सहित अन्य खाद्य पदार्थ बनाए जाते हैं. उसके बाद भी जो दूध बचता है. उसका दूध पाउडर बना दिया जाता है.
अलवर डेयरी में प्रतिदिन 15 टन दूध पाउडर बन रहा है... तो वहीं डेयरी में इस समय 650 टन दूध पाउडर का स्टॉक है. डेयरी में छोटी बड़ी मिलाकर करीब 8 यूनिट है. इनमें एक शिफ्ट में सैकड़ों लोग काम करते हैं. डेयरी किसी भी समय आग का गोला बन सकती है. क्योंकि डेयरी में आग लगने पर उस पर काबू पानी व आग बुझाने के कोई भी इंतजाम नहीं है. ऐसे में एक छोटीसी चिंगारी पूरी सरस डेयरी प्लांट को खत्म कर सकती है.
अलवर सरस डेयरी के पास फायर विभाग की NOC तक नहीं है. डेयरी में खाना पूर्ति के लिए कुछ जगह पर आग बुझाने के फायर सिलेंडर लगे हुए हैं, लेकिन प्लांट के हिसाब से गैस सिलेंडर खानापूर्ति के लायक भी नहीं है.
मामले पर डेयरी चेयरमैन बन्नाराम मीणा ने कहा कि अभी तक डेयरी में फायर उपकरण नहीं लगे हैं. यह प्रशासन की बड़ी चूक है. दूसरी ओर डेयरी के पाउडर बनाने वाले प्लांट के ब्वॉयलर में बीती रात हुए धमाके व आग लगने की घटना पर बन्ना राम मीणा ने जांच करने के आदेश देते हुए लापरवाही बरतने वाले कर्मचारियों व अधिकारियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई करने के आदेश दिए हैं. मीणा ने कहा कि किसी भी अधिकारी व कर्मचारियों को बख्शा नहीं जाएगा.