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अलवर के सीएमएचओ ने बताया कोरोना के कम होने के प्रभाव का राज - अलवर कोरोना अपडेट

अलवर सहित देशभर में कोरोना का प्रभाव बढ़ रहा है. आए दिन नए पॉजिटिव मरीज मिल रहे हैं, लेकिन राजस्थान के अन्य जिलों की तुलना में अलवर में कोरोना का प्रभाव अब तक कम रहा है. ऐसे में कोरोना काल के दौरान मुख्य भूमिका में रहने वाले स्वास्थ्य विभाग और स्वास्थ्य विभाग के प्रभारी सीएमएचओ ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की.

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कोरोना के कम होने के प्रभाव का राज
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Published : May 28, 2020, 2:24 PM IST

अलवर. राजस्थान में जयपुर के बाद अलवर सबसे ज्यादा घनी आबादी वाला जिला है. अलवर में 15 हजार औद्योगिक इकाइयां हैं, जिनमें लाखों श्रमिक काम करते हैं. सीमावर्ती जिला होने के कारण हरियाणा और उत्तर प्रदेश की सीमा अलवर से लगती है. इसके अलावा तमाम सेनाओं के मुख्यालय अलवर में है. वहीं अलवर एनसीआर का पार्ट होने के कारण पूरे देश में विशेष स्थान रखता है. ऐसे में कोरोना की दृष्टि से अलवर संवेदनशील है, लेकिन अलवर में अब तक कोरोना के केवल 52 पॉजिटिव मरीज मिले हैं. जबकि राजस्थान के अन्य जिलों में ये आंकड़ा सैकड़ों में है.

सीएमएचओ ने बताया कोरोना के कम होने के प्रभाव का राज पार्ट-1

ऐसे में अलवर के मुख्य चिकित्सा और स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. ओपी मीणा ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की. उन्होंने अलवर में चल रही योजना पर काम की जानकारी देते हुए कहा कि जिस दिन चीन के वुहान में पहला कोरोना पॉजिटिव मरीज मिला था. उसी दिन से अलवर में स्वास्थ्य कर्मियों को कोरोना के बारे में जानकारी दी गई. उससे निपटने के लिए ट्रेनिंग के माध्यम से जागरूक किया गया. इसके अलावा जैसे-जैसे कोरोना का प्रभाव बढ़ा, भारत में पहला मरीज मिला.

उसके बाद से अलवर में योजनाबद्ध तरह से काम करते हुए बाहर से आने वाले प्रत्येक व्यक्ति की जांच के साथ ही उसकी हिस्ट्री तलाश करते हुए सभी पर नजर रखी गई. इस तरह से जनवरी माह के बाद फरवरी माह की शुरुआत हुई. फरवरी माह में लगातार स्वास्थ्य विभाग की तरफ से बाहर से आने वाले लोगों पर नजर रखी गई. इसके बाद जैसे-जैसे कोरोना का प्रभाव पड़ा लगातार गतिविधियों में बढ़ोतरी की गई.

सीएमएचओ ने बताया कोरोना के कम होने के प्रभाव का राज पार्ट-2

पढ़ेंः मोदी सरकार सिर्फ घोषणाएं करती है...आम जनता के हाथ में कुछ नहीं आताः टीकाराम जूली

7 हजार कर्मचारी कर रहे हैं काम

सीएमएचओ ने बताया कि अलवर में इस समय स्वास्थ्य विभाग के 7 हजार कर्मचारी काम कर रहे हैं. इसमें 3 हजार आशा और एनएम भी शामिल है. किसी भी संदिग्ध की जानकारी मिलने के 24 घंटे के अंदर स्वास्थ्य टीम उसके पास पहुंचती है और उसके सैंपल लिए जाते हैं. इसके अलावा लगातार आदेशों की पालना नहीं करने वाले लोगों के खिलाफ विभाग की तरफ से कार्रवाई करने का काम भी किया गया. उन्होंने बताया कि शुरुआत में लोगों को होम क्वॉरेंटाइन किया गया, लेकिन उस समय होम क्वॉरेंटाइन का कुछ लोगों ने पालन नहीं किया. इस पर उनको हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया. जिसके बाद लोगों ने धीरे-धीरे होम क्वॉरेंटाइन का पालन करना शुरू किया.

प्रतिदिन 200 से 250 लोगों की जांच कराई जा रही

उन्होंने कहा कि अलवर से बाहर जाने वाले लोगों से ज्यादा अलवर में आने वाले लोगों पर नजर रखी जा रही थी. प्रतिदिन सब्जियां लेकर जाने वाले ड्राइवरों को अचानक चेक किया गया. उनकी जांच कराई गई, दूसरी तरफ जिले में आने वाली बाहर के प्रवासियों की जांच पड़ताल भी की गई. सीएमएचओ ने कहा कि अलवर में शुरुआत के दौर में भी प्रतिदिन 200 से 250 लोगों की जांच कराई जा रही थी. यह सिलसिला लगातार जारी है.

पढ़ेंः न्याय योजना लागू करने के सवाल पर बोले सचिन पायलट, कहा- अनाज और कैश ट्रांसफर भी न्याय योजना का स्वरूप

छोटी-छोटी जानकारी स्वास्थ्य विभाग तक पहुंचे

उन्होंने कहा कि राजस्थान के अन्य जिलों की तुलना में अलवर में जांच का स्तर बेहतर है. हालांकि, जिले में जांच की स्थापना करने की प्रक्रिया चल रही है, लेकिन अभी उसमें समय लग सकता है. ज्यादा ज्यादा लोगों तक पहुंचने के लिए गांव स्तर पर समितियां बनाई गई और लोगों को तैयार किया गया. जिससे छोटी-छोटी जानकारी स्वास्थ्य विभाग तक पहुंच सके. विभाग के इस फैसले से सबसे ज्यादा फायदा हुआ.

उन्होंने कहा कि आने वाला समय और सावधानीपूर्वक रहने वाला है. हालांकि, आने वाले समय में परेशानी ज्यादा है. क्योंकि लॉकडाउन में छूट मिल चुकी है. ऐसे में लगातार लोगों की आवाजाही बढ़ रही है. ऐसे में लगातार लोगों को होम क्वॉरेंटाइन किया जा रहा है. वहीं अलवर में पहली बार पॉजिटिव मिलने वाले मरीजों का इलाज घर पर ही किया गया. उन्होंने कहा कि ऐसे 3 पॉजीटिव मरीज ठीक हुए हैं.

अलवर. राजस्थान में जयपुर के बाद अलवर सबसे ज्यादा घनी आबादी वाला जिला है. अलवर में 15 हजार औद्योगिक इकाइयां हैं, जिनमें लाखों श्रमिक काम करते हैं. सीमावर्ती जिला होने के कारण हरियाणा और उत्तर प्रदेश की सीमा अलवर से लगती है. इसके अलावा तमाम सेनाओं के मुख्यालय अलवर में है. वहीं अलवर एनसीआर का पार्ट होने के कारण पूरे देश में विशेष स्थान रखता है. ऐसे में कोरोना की दृष्टि से अलवर संवेदनशील है, लेकिन अलवर में अब तक कोरोना के केवल 52 पॉजिटिव मरीज मिले हैं. जबकि राजस्थान के अन्य जिलों में ये आंकड़ा सैकड़ों में है.

सीएमएचओ ने बताया कोरोना के कम होने के प्रभाव का राज पार्ट-1

ऐसे में अलवर के मुख्य चिकित्सा और स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. ओपी मीणा ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की. उन्होंने अलवर में चल रही योजना पर काम की जानकारी देते हुए कहा कि जिस दिन चीन के वुहान में पहला कोरोना पॉजिटिव मरीज मिला था. उसी दिन से अलवर में स्वास्थ्य कर्मियों को कोरोना के बारे में जानकारी दी गई. उससे निपटने के लिए ट्रेनिंग के माध्यम से जागरूक किया गया. इसके अलावा जैसे-जैसे कोरोना का प्रभाव बढ़ा, भारत में पहला मरीज मिला.

उसके बाद से अलवर में योजनाबद्ध तरह से काम करते हुए बाहर से आने वाले प्रत्येक व्यक्ति की जांच के साथ ही उसकी हिस्ट्री तलाश करते हुए सभी पर नजर रखी गई. इस तरह से जनवरी माह के बाद फरवरी माह की शुरुआत हुई. फरवरी माह में लगातार स्वास्थ्य विभाग की तरफ से बाहर से आने वाले लोगों पर नजर रखी गई. इसके बाद जैसे-जैसे कोरोना का प्रभाव पड़ा लगातार गतिविधियों में बढ़ोतरी की गई.

सीएमएचओ ने बताया कोरोना के कम होने के प्रभाव का राज पार्ट-2

पढ़ेंः मोदी सरकार सिर्फ घोषणाएं करती है...आम जनता के हाथ में कुछ नहीं आताः टीकाराम जूली

7 हजार कर्मचारी कर रहे हैं काम

सीएमएचओ ने बताया कि अलवर में इस समय स्वास्थ्य विभाग के 7 हजार कर्मचारी काम कर रहे हैं. इसमें 3 हजार आशा और एनएम भी शामिल है. किसी भी संदिग्ध की जानकारी मिलने के 24 घंटे के अंदर स्वास्थ्य टीम उसके पास पहुंचती है और उसके सैंपल लिए जाते हैं. इसके अलावा लगातार आदेशों की पालना नहीं करने वाले लोगों के खिलाफ विभाग की तरफ से कार्रवाई करने का काम भी किया गया. उन्होंने बताया कि शुरुआत में लोगों को होम क्वॉरेंटाइन किया गया, लेकिन उस समय होम क्वॉरेंटाइन का कुछ लोगों ने पालन नहीं किया. इस पर उनको हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया. जिसके बाद लोगों ने धीरे-धीरे होम क्वॉरेंटाइन का पालन करना शुरू किया.

प्रतिदिन 200 से 250 लोगों की जांच कराई जा रही

उन्होंने कहा कि अलवर से बाहर जाने वाले लोगों से ज्यादा अलवर में आने वाले लोगों पर नजर रखी जा रही थी. प्रतिदिन सब्जियां लेकर जाने वाले ड्राइवरों को अचानक चेक किया गया. उनकी जांच कराई गई, दूसरी तरफ जिले में आने वाली बाहर के प्रवासियों की जांच पड़ताल भी की गई. सीएमएचओ ने कहा कि अलवर में शुरुआत के दौर में भी प्रतिदिन 200 से 250 लोगों की जांच कराई जा रही थी. यह सिलसिला लगातार जारी है.

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छोटी-छोटी जानकारी स्वास्थ्य विभाग तक पहुंचे

उन्होंने कहा कि राजस्थान के अन्य जिलों की तुलना में अलवर में जांच का स्तर बेहतर है. हालांकि, जिले में जांच की स्थापना करने की प्रक्रिया चल रही है, लेकिन अभी उसमें समय लग सकता है. ज्यादा ज्यादा लोगों तक पहुंचने के लिए गांव स्तर पर समितियां बनाई गई और लोगों को तैयार किया गया. जिससे छोटी-छोटी जानकारी स्वास्थ्य विभाग तक पहुंच सके. विभाग के इस फैसले से सबसे ज्यादा फायदा हुआ.

उन्होंने कहा कि आने वाला समय और सावधानीपूर्वक रहने वाला है. हालांकि, आने वाले समय में परेशानी ज्यादा है. क्योंकि लॉकडाउन में छूट मिल चुकी है. ऐसे में लगातार लोगों की आवाजाही बढ़ रही है. ऐसे में लगातार लोगों को होम क्वॉरेंटाइन किया जा रहा है. वहीं अलवर में पहली बार पॉजिटिव मिलने वाले मरीजों का इलाज घर पर ही किया गया. उन्होंने कहा कि ऐसे 3 पॉजीटिव मरीज ठीक हुए हैं.

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