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निकाय चुनाव परिणाम सामने आने के बाद अब सभापति की दौड़ शुरू

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Published : Nov 19, 2019, 5:41 PM IST

अलवर में निकाय चुनाव के परिणाम सामने आने के बाद अब सभापति की दौड़ शुरू हो चुकी है. भाजपा और कांग्रेस दोनो ही पार्टियां चुनावी गणित बैठाने में जुट चुकी हैं. दोनों पार्टियों के नेता सभापति का चयन करने व इस पूरी प्रक्रिया की व्यवस्था में लगे हुए हैं.

Alwar City Council Election, निकाय चुनाव परिणाम

अलवर. नगर परिषद में निकाय चुनाव संपन्न हो चुका है. वहीं निकाय चुनाव के बाद अब सभापति के चुनाव की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है. 21 नवंबर को सभापति के लिए आवेदन पत्र दाखिल होंगे व 26 नवंबर को सभापति का चुनाव होगा. जबकि 27 नवंबर को उपसभापति का चुनाव होगा.

निकाय चुनाव के रिजल्ट के बाद सभापति की दौड़ शुरू

भाजपा और कांग्रेस की तरफ से पार्षदों से संपर्क करने का काम शुरू कर दिया गया है. अलवर और भिवाड़ी में दोनों ही दलों को पूर्ण बहुमत नहीं मिला है. ऐसे में बोर्ड की चाबी निर्दलीयों के हाथ में है. बिना निर्दलीयों के समर्थन के दोनों में से कोई भी पार्टी अपना बोर्ड नहीं बना सकेगी. अलवर में सबसे बड़े दल के रूप में भाजपा सामने आई है. जबकि भिवाड़ी में भाजपा व कांग्रेस की सीटें बराबर रही हैं. दोनों ही पार्टियों ने बाड़ेबंदी शुरू कर दी है.

पढ़ें- शहरी सरकार बनाने में कांग्रेस हुई कामयाब, कांग्रेस के जीते हुए सभी प्रत्याशी की 26 नवंबर तक बाड़ाबंदी

सभापति के चेहरों की बात करें तो भाजपा में घनश्याम गुर्जर, सीताराम चौधरी, धीरज जैन, अशोक पाठक सहित कई दिग्गज लाइन में लगे हुए हैं. इस तरह से कांग्रेस में नरेंद्र मीणा, अजय मेठी, सहित कई दिग्गज सभापति के लिए ताल ठोकते हुए नजर आ रहे हैं. ऐसे में अब शीर्ष नेताओं को यह निर्णय लेना होगा कि सभापति किसे बनाया जाए. वैसे अलवर नगर परिषद में हमेशा सामान्य श्रेणी का व्यक्ति सभापति बनता है. वहीं भिवाड़ी में भाजपा व कांग्रेस दोनों ही पार्टियों ने पूरी ताकत लगा दी है.

अलवर. नगर परिषद में निकाय चुनाव संपन्न हो चुका है. वहीं निकाय चुनाव के बाद अब सभापति के चुनाव की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है. 21 नवंबर को सभापति के लिए आवेदन पत्र दाखिल होंगे व 26 नवंबर को सभापति का चुनाव होगा. जबकि 27 नवंबर को उपसभापति का चुनाव होगा.

निकाय चुनाव के रिजल्ट के बाद सभापति की दौड़ शुरू

भाजपा और कांग्रेस की तरफ से पार्षदों से संपर्क करने का काम शुरू कर दिया गया है. अलवर और भिवाड़ी में दोनों ही दलों को पूर्ण बहुमत नहीं मिला है. ऐसे में बोर्ड की चाबी निर्दलीयों के हाथ में है. बिना निर्दलीयों के समर्थन के दोनों में से कोई भी पार्टी अपना बोर्ड नहीं बना सकेगी. अलवर में सबसे बड़े दल के रूप में भाजपा सामने आई है. जबकि भिवाड़ी में भाजपा व कांग्रेस की सीटें बराबर रही हैं. दोनों ही पार्टियों ने बाड़ेबंदी शुरू कर दी है.

पढ़ें- शहरी सरकार बनाने में कांग्रेस हुई कामयाब, कांग्रेस के जीते हुए सभी प्रत्याशी की 26 नवंबर तक बाड़ाबंदी

सभापति के चेहरों की बात करें तो भाजपा में घनश्याम गुर्जर, सीताराम चौधरी, धीरज जैन, अशोक पाठक सहित कई दिग्गज लाइन में लगे हुए हैं. इस तरह से कांग्रेस में नरेंद्र मीणा, अजय मेठी, सहित कई दिग्गज सभापति के लिए ताल ठोकते हुए नजर आ रहे हैं. ऐसे में अब शीर्ष नेताओं को यह निर्णय लेना होगा कि सभापति किसे बनाया जाए. वैसे अलवर नगर परिषद में हमेशा सामान्य श्रेणी का व्यक्ति सभापति बनता है. वहीं भिवाड़ी में भाजपा व कांग्रेस दोनों ही पार्टियों ने पूरी ताकत लगा दी है.

Intro:अलवर
अलवर में निकाय चुनाव के परिणाम सामने आने के बाद अब सभापति की दौड़ शुरू हो चुकी है। भाजपा और कांग्रेस चुनावी गणित बैठाने में जुड़ चुकी है। दोनों पार्टियों के नेता अंदर खाने सभापति का चयन करने व इस पूरी प्रक्रिया की व्यवस्था में जुड़ चुके हैं।


Body:अलवर में निकाय चुनाव संपन्न हो चुका है तुम्हें निकाय चुनाव के बाद अब सभापति के लिए प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। 21 नवंबर को सभापति के लिए आवेदन पत्र दाखिल होंगे व 26 नवंबर को सभापति का चुनाव होगा। जबकि 27 नवंबर को उपसभापति का चुनाव होगा। भाजपा और कांग्रेस की तरफ से पार्षदों से संपर्क करने का काम शुरू कर दिया गया है। अलवर में भिवाड़ी में दोनों ही दलों को पूर्ण बहुमत नहीं मिला है। ऐसे में बोर्ड की चाबी निर्दलीयों के हाथ में है। बिना निर्दलीयों के समर्थन के दोनों में से कोई भी पार्टी अपना बोर्ड नहीं बना सकेगी। अलवर में सबसे बड़े दल के रूप में भाजपा सामने आई है। जबकि भिवाड़ी में भाजपा व कांग्रेस की सीटें बराबर रही है। दोनों ही पार्टियों ने बाड़ेबंदी शुरू कर दी है।


Conclusion:सभापति के चेहरों की बात करें तो भाजपा में घनश्याम गुर्जर, सीताराम चौधरी, धीरज जैन, अशोक पाठक सहित कई दिग्गज लाइन में लगे हुए हैं। इस तरह से कांग्रेस की बात करें तो नेता प्रतिपक्ष नरेंद्र मीणा, अजय मेठी, सहित कई दिग्गज सभापति के लिए ताल ठोकते हुए नजर आ रहे हैं। ऐसे में अब शीर्ष नेताओं को यह निर्णय लेना होगा कि सभापति किसे बनाया जाए। वैसे अलवर नगर परिषद की बात करें तो अलवर नगर परिषद में हमेशा सामान्य श्रेणी का व्यक्ति सभापति बनता है। तो वही भिवाड़ी की बात करें तो भिवाड़ी में भाजपा व कांग्रेस दोनों ही पार्टियों ने पूरी ताकत लगा दी है।
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