अलवर. जिला सहित देशभर में लगातार बढ़ रहे कोरोना के प्रभाव को देखते हुए अलवर अधिवक्ता संघ ने 21 मार्च तक कार्य स्थगन रखने का फैसला लिया है. इसके अलावा न्यायालय में आने वाले लोगों को जागरूक किया जाएगा. वकीलों ने सरकार से न्यायालय परिसर को सैनिटाइजर से साफ कराने की भी मांग की है.
देशभर में लगातार कोरोना वायरस का प्रभाव तेजी से बढ़ रहा है. देश में आए दिन नए मामले सामने आ रहे हैं. ऐसे में सरकार व प्रशासन की तरफ से लोगों को जागरूक करने के पूरे प्रयास किए जा रहे हैं. जिले में प्रशासन की तरफ से सभी सरकारी विभागों को आवश्यक निर्देश दिए गए हैं. सभी सरकारी कर्मचारी की छुट्टियां निरस्त कर दी गई हैं और सभी को मिलकर काम करने के लिए कहा गया है. राजस्थान उच्च न्यायालय ने 30 मार्च तक न्यायालय की छुट्टी घोषित की है.
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ऐसे में अलवर अधिवक्ता संघ की तरफ से एक बैठक बुलाई गई. इस बैठक में कोरोना वायरस के प्रभाव को कम करने और इससे लड़ने की योजना तैयार की गई. जिसके बाद अधिवक्ताओं की तरफ से 21 मार्च तक कार्य स्थगन करने का फैसला लिया गया. ऐसे में वारंट, बेल और गंभीर मामलों की सुनवाई के लिए वकील को 1 दिन पहले न्यायालय में पत्र देना होगा.
अलवर बार के अध्यक्ष उदय सिंह ने बताया कि देश में कोरोना को राष्ट्रीय आपदा घोषित किया जा चुका है. ऐसे में कोरोना का मुकाबला सभी को मिलकर करना होगा. इसलिए वकीलों ने 21 मार्च तक कार्य स्थगन रखने का फैसला लिया है. उसके बाद आगे की रणनीति तय की जाएगी. इस दौरान न्यायालय में आने वाले लोगों को कोरोना से जागरूक किया जाएगा. लोगों को सैनिटाइजर से हाथ साफ करने और मास्क का उपयोग करने सहित विभिन्न पहलुओं के बारे में अवगत कराया जाएगा.
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सिंह ने बताया कि न्यायालय में कार्य स्थगन के दौरान केवल बेल, वारंट और गंभीर मामलों की सुनवाई होगी. इसमें भी वकील को एक दिन पहले न्यायालय में पत्र देना होगा. वकीलों ने सरकार से न्यायालय परिसर को सैनेटाइजर का छिड़काव कराने की मांग की है. उन्होंने कहा कि वकीलों की तरफ से सरकार का सहयोग किया जाएगा.