अलवर. सरकारी और निजी अस्पतालों में भर्ती मरीजों के लिए राहत भरी खबर है. अब एंबुलेंस के चालक मनमाना किराया नहीं वसूल सकेंगे. प्रशासन, आरटीओ व सीएमएचओ की संयुक्त कमेटी ने एंबुलेंस की तरह निर्धारित किया है. ऐसे में मरीजों व उनके परिजनों को बड़ी राहत मिलेगी. आए दिन एंबुलेंस चालकों द्वारा मनमाना पैसा वसूलने की शिकायतें मिलती थी. साथ ही अगर कोई एंबुलेंस चालक निर्धारित दरों से अधिक किराया वसूलते हुआ पाया गया तो उसके खिलाफ सख्त कदम भी उठाए जाएंगे.
आए दिन एंबुलेंस चालकों द्वारा मरीज व उनके परिजनों से मनमाना पैसा वसूलने की शिकायतें मिलती थी. ऐसे में प्रशासन की तरफ से एक संयुक्त टीम बनाई गई. इसमें प्रशासन, आरटीओ व सीएमएचओ को शामिल किया गया. तीन विभागों की संयुक्त टीम में एंबुलेंस की दरें निर्धारित की हैं. इसके तहत मारुति वैन, मार्शल व मैक्स गाड़ी के लिए 13 रुपए प्रति किलोमीटर के हिसाब से मरीज व उनके परिजनों को देना होगा. इसके अलावा टवेरा, इनोवा, बोलेरो जैसी गाड़ी के लिए 15 रुपए किलोमीटर साथ ही बड़ी एंबुलेंस या शव वाहन के लिए 18 रुपए प्रति किलोमीटर के हिसाब से दरें निर्धारित की गई है.
कमेटी के अनुसार 15 किलोमीटर तक आने-जाने सहित 500 और 100 रुपए की रिचार्ज के देने होंगे और उपरोक्त किराया 15 किलोमीटर के बाद प्रति किलोमीटर के हिसाब से देना होगा. जो दरें निर्धारित की गई हैं और डीजल की 89 रुपए लीटर तक की गई है. यह 95 रुपए प्रति लीटर तक रहेंगे. यदि डीजल 95 लीटर से अधिक होता है तो 20 पैसे प्रति किलोमीटर की वृद्धि की जा सकेगी. अगर में कमी आती है, तो 20 पैसे प्रति किलोमीटर की दर से किराया कम कराया जाएगा.
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प्रशासन के आदेशों में साफ कहा गया है कि किसी भी वाहन का रात्रि का अलग से किराया नहीं देना होगा और एंबुलेंस के रूप में पंजीकृत होना आवश्यक होगा. वाहन चालक वहां पर अपना नाम मोबाइल नंबर और निर्धारित लिखवाएगा. निजी एंबुलेंस के मालिक व चालकों को परिवहन विभाग द्वारा जारी पंजीयन शर्तो की पालना करनी होगी. एंबुलेंस में आवश्यक चिकित्सा यंत्र उपकरणों में सुविधाओं के संबंध में भी चिकित्सा प्रशासन की तरफ से गाइडलाइन जारी की गई है.
एंबुलेंस व शव वाहन उपयोगकर्ताओं से चालाकियां मालिक 15 किलोमीटर से अधिक वाहन उपयोग होने पर 350 एकमुश्त सफाई व सैनिटाइजेशन के लिए ले सकेंगे. जो दरें निर्धारित की गई हैं. उनमें 15 किलोमीटर के बाद एंबुलेंस रक्षा वाहनों का किराया दोनों तरफ का देना होगा. ऐसा इसलिए कि अक्सर वाहन वापसी यात्रा में उपयोग नहीं लिया जा सकता है. इसलिए 15 रुपए किलो मीटर से अधिक चलने पर वाहन को पहले 15 किलोमीटर के अलावा अधिक बनने वाली दूध को दोगुना करने के बाद कुल किलोमीटर की गणना की जाएगी.