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एकादशी के चलते अलवर की मंडी में फलों की बंपर आवक

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Published : Jun 2, 2020, 9:36 AM IST

अलवर की फल और सब्जी मंडी देश की बड़ी मंडियों में शामिल है. प्रतिदिन यहां करोड़ों रुपए का व्यवसाय होता है. एकादशी के मौके पर मंडी में फलों की बंपर आवक हुई है. मंडी में 10 ट्रक खरबूजे और पांच ट्रक तरबूज आए हैं.

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एकादशी को लेकर बपंर फलों की आवक

अलवर. एकादशी के मौके पर अलवर की मंडियों में फलों की बंपर आवक हुई. सुबह से ही लोग खरीददारी करते हुए दिखाई दिए. एक दिन में लाखों का व्यापार हुआ. ग्यारस और एकादशी के मौके पर खरबूजे और तरबूज का खास महत्व होता है. इसलिए मंडी में खरबूज और तरबूज की भी बंपर आवक हुई है.

यह भी पढ़ें- जैसलमेर मिलिट्री स्टेशन में जवान ने की आत्महत्या

अलवर की फल और सब्जी मंडी देश की बड़ी मंडियों में शामिल है. प्रतिदिन यहां करोड़ों रुपए का व्यवसाय होता है. ग्यारस और एकादशी के मौके पर खरबूजे और तरबूज का खास महत्व है. इसलिए सोमवार को सुबह से ही मंडियों में खरबूज और तरबूज की खरीदारी का सिलसिला शुरू हो गया था. अकेले अलवर की मंडी में 10 ट्रक खरबूजे और पांच ट्रक तरबूज आए थे.

वहीं, अन्य दिनों की तुलना में भाव में भी खासी तेजी देखी गई. होलसेल बाजार में खरबूजा 10 से 15 रुपए किलो और तरबूज 5 से 7 रुपए किलो के हिसाब से बिका, जबकि रिटेल बाजार में खरबूजा 30 से 35 रुपए किलो और तरबूज 15 से 20 रुपए किलो के हिसाब से बिका.

यह भी पढ़ें- राजस्थान की 3 राज्यसभा सीटों पर 19 जून को होगा मतदान, 1 सीट के लिए भाजपा-कांग्रेस में होगी जंग

मंडी व्यापारी सौरभ कालरा ने बताया की अलवर की मंडी, बड़ी मंडियों में शामिल है. अलवर के अलावा बहरोड़, भिवाड़ी, खैरथल, तिजारा सहित अलवर के विभिन्न हिस्सों में फल सप्लाई किए जाते हैं. लॉकडाउन के चलते लगातार फलों की डिमांड बढ़ी है. हिमाचल प्रदेश, पंजाब से खरबूजा बिकने के लिए अलवर की मंडी में पहुंचा है. एकादशी के बाद आने वाली ग्यारस के मौके पर लोग खरबूजा दान करते हैं, इसका खास महत्व है.

अलवर. एकादशी के मौके पर अलवर की मंडियों में फलों की बंपर आवक हुई. सुबह से ही लोग खरीददारी करते हुए दिखाई दिए. एक दिन में लाखों का व्यापार हुआ. ग्यारस और एकादशी के मौके पर खरबूजे और तरबूज का खास महत्व होता है. इसलिए मंडी में खरबूज और तरबूज की भी बंपर आवक हुई है.

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अलवर की फल और सब्जी मंडी देश की बड़ी मंडियों में शामिल है. प्रतिदिन यहां करोड़ों रुपए का व्यवसाय होता है. ग्यारस और एकादशी के मौके पर खरबूजे और तरबूज का खास महत्व है. इसलिए सोमवार को सुबह से ही मंडियों में खरबूज और तरबूज की खरीदारी का सिलसिला शुरू हो गया था. अकेले अलवर की मंडी में 10 ट्रक खरबूजे और पांच ट्रक तरबूज आए थे.

वहीं, अन्य दिनों की तुलना में भाव में भी खासी तेजी देखी गई. होलसेल बाजार में खरबूजा 10 से 15 रुपए किलो और तरबूज 5 से 7 रुपए किलो के हिसाब से बिका, जबकि रिटेल बाजार में खरबूजा 30 से 35 रुपए किलो और तरबूज 15 से 20 रुपए किलो के हिसाब से बिका.

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मंडी व्यापारी सौरभ कालरा ने बताया की अलवर की मंडी, बड़ी मंडियों में शामिल है. अलवर के अलावा बहरोड़, भिवाड़ी, खैरथल, तिजारा सहित अलवर के विभिन्न हिस्सों में फल सप्लाई किए जाते हैं. लॉकडाउन के चलते लगातार फलों की डिमांड बढ़ी है. हिमाचल प्रदेश, पंजाब से खरबूजा बिकने के लिए अलवर की मंडी में पहुंचा है. एकादशी के बाद आने वाली ग्यारस के मौके पर लोग खरबूजा दान करते हैं, इसका खास महत्व है.

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