अलवर. माधवगढ़ गांव के निवासी दयाराम गुर्जर ने 40 साल पहले देखा सपना पूरा किया. सिर्फ 5वीं क्लास तक पढ़े दयाराम ने उड़नखटोला बनाकर मिसाल पेश की है.
कैसे आया आइडिया?
माधवगढ़ निवासी 50 वर्षीय दयाराम गुर्जर किसान हैं. वो 40 साल पहले हेलीकॉप्टर में बैठे थे. उसके बाद हेलीकॉप्टर बनाने का आइडिया आया.
बचपन से उड़ने की तमन्ना
दयाराम का कहना है कि वो हवाई जहाज नहीं खरीद सकते, लेकिन बचपन से उनकी उड़ने की तमन्ना थी. शुरुआत में पारिवारिक परिस्थितियों के चलते अपना सपना पूरा नहीं कर पाए. कभी बच्चियों की शादी करनी थी तो कभी फसल कटाई और घर के दूसरे खर्चे थे.

हौसले के आगे हार गई मुसीबत
दयाराम ने उड़नखटोला बनाने के लिए कड़ी मेहनत की है. पाइप वेल्ड करने से लेकर सभी काम खुद किए. कुछ सामान अलवर से कुछ जयपुर और दिल्ली से खरीदा. विदेश से भी सामान मंगवाया. जरूरत के हिसाब से चीजें मंगवाते रहे. करीब 15 लाख रुपए खर्च हुए.
40 साल बाद सपना पूरा
40 साल के दौरान 2 बाइक, 1 कार, 1 ट्रैक्टर का इंजन लगाकर उड़नखटोला बनाने का प्रयास किया. कभी बाइक तो कभी अपनी नैनो कार का इंजन लगाया. सफलता हाथ नहीं लगी तो भी दयाराम ने हिम्मत नहीं हारी. पढ़े-लिखे युवाओं की मदद से रिसर्च किया. फिर जर्मनी से एयरक्राफ्ट का इंजन मंगाकर उड़नखटोला बनाया.

पढ़ें- SPECIAL: किसी की जान न जाए... जरूरतमंदों को मुफ्त ऑक्सीजन दे रहे अलवर वासी
दयाराम ने पेश की मिसाल
लाखों रुपए खर्च कर बड़ी-बड़ी डिग्रियां लेने वाले लोग इस तरह के प्रयोग करते हैं और उपकरण बनाते हैं. लेकिन पांचवी पास दयाराम ने इस उड़नखटोले को बनाकर एक नई मिसाल कायम की है. दयाराम अब आसपास के क्षेत्र में चर्चा का विषय बने हुए हैं. लोग दूर-दूर से उनके उड़नखटोले को देखने के लिए आते हैं. इस पर बैठकर दयाराम आसपास क्षेत्र में घूम रहे हैं और हवा में उड़ने का अपना सपना पूरा कर रहे हैं.

सफलता का मंत्र
दयाराम का कहना है कि मन में कुछ करने की इच्छा हो तो जीवन में कोई भी चीज बड़ी नहीं है. बस दृढ़ निश्चय और संकल्प होना चाहिए. इंसान कोई भी काम कर सकता है. उसके आगे उम्र और पैसे की भी कोई सीमा नहीं होती है.