अलवर. चीन में तेजी से फैल रही कोरोना वायरस के कारण भारत सरकार ने वहां रहने वाले सभी भारतीयों को एअरलिफ्ट करके भारत लाने की योजना बनाई है. अभी शुरुआत में करीब 2 हजार लोगों को भारत लाया जाएगा. चीन से आने वाले सभी लोगों को एयरपोर्ट से सीधे अलवर सहित देश में बनाए गए 3 सेंटरों पर लाया जाएगा. इन सेंटरों पर उनको 14 दिनों तक रखा जाएगा.
कोरोना वायरस के कारण वहां से आने वाले लोगों को अलवर के एमआईए स्थित ईएसआईसी अस्पताल में लाया जाएगा. कोरोना वायरस के इलाज के लिए अलवर सहित भारत में 3 सेंटर बनाए गए हैं. अलवर के ईएसआईसी अस्पताल में 300 लोगों के रहने की व्यवस्था होगी. साथ ही आवश्यकता पड़ने पर बेड बढ़ा दिए जाएंगे. बता दें कि 1 या 2 फरवरी से लोगों के आने का सिलसिला शुरू हो जाएगा.
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बता दें कि सेंटर पर चीन से लाए गए भारतीयों को 14 दिनों तक रखा जाएगा. इस दौरान उनमें कोरोना वायरस के लक्षण मिलते हैं, तो उनका कोरोना वायरस के हिसाब से इलाज शुरू होगा. अगर उनकी रिपोर्ट नेगेटिव आती है, तो उनको उनके घर भेज दिया जाएगा. वहीं, ईएसआईसी अस्पताल के हालात देखने के लिए शुक्रवार को दिल्ली से एक टीम शुक्रवार को अलवर पहुंची. उन्होंने अस्पताल का जायजा लिया और जरूरी निर्देश दिए.
जानकारी के अनुसार दिल्ली से आई टीम के निरीक्षण के दौरान ईएसआईसी के महानिदेशक राजकुमार, श्रम एवं रोजगार मंत्रालय के सचिव हीरालाल सांवरिया, ईएसआईसी के मेडिकल कमिश्नर आरके कटारिया सहित ईएसआईसी के कई आला अधिकारी मौजूद रहे. वहीं, अलवर के ईएसआईसी अस्पताल को चलाने की जिम्मेदारी अब रीजनल डायरेक्टर निदेशक को दी गई है.
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अलवर के अलावा आर्म्ड फोर्स मेडिकल सर्विसेज और आईटीबीपी चीन से आने वाले लोगों को रखने की व्यवस्था की गई है. ईएसआईसी के कमिश्नर ने कहा कि अलवर की ईएसआईसी अस्पताल में 250 से 300 लोगों को रखने की व्यवस्था की गई है और आवश्यकता होने पर बेड की संख्या बढ़ा दी जाएगी.
ईएसआईसी के कमिश्नर ने बताया कि अलवर के अलावा देश में 2 अन्य जगहों पर भी चीन से आने वाले लोगों को रखने की व्यवस्था है. यहां उनको ऑब्जर्वेशन में रखा जाएगा, तो वहीं उसके लिए यह अस्पताल में डॉक्टर स्टाफ सहित अन्य जरूरी संसाधन उपलब्ध रहेंगे. उन्होंने बताया कि अगर उनमें कोरोना वायरस के लक्षण मिलते हैं तो उनको कोरोना का इलाज दिया जाएगा नहीं तो उनको छोड़ दिया जाएगा.