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कोरोना के बीच अलवर में 12,000 कर्मचारी और अधिकारी कराएंगे पंचायत चुनाव

अलवर में एक तरफ तेजी से कोरोना का प्रभाव बढ़ रहा है, वहीं दूसरी तरफ जिले में पंचायत चुनाव की हलचल भी तेज हो चुकी है. पंचायत चुनाव में प्रशासन के तमाम आदेश और निर्देश के बाद खुलेआम सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ रही हैं. प्रत्याशी और उनके समर्थक बिना मास्क के चुनाव प्रचार करते हुए घूम रहे हैं. ऐसे में जिले के 12 हजार कर्मचारी और अधिकारी लगाए जाएंगे. हालांकि खतरे से बेपरवाह कर्मचारी व अधिकारी अपनी ड्यूटी करने में जुटे हुए हैं.

पंचायत चुनाव में प्रशासन जुटा, Administration gathered in Panchayat elections
कोरोना वायरस पर भारी पड़ा पंचायत चुनाव
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Published : Sep 26, 2020, 3:39 PM IST

अलवर. शहर में पंचायत चुनाव की तैयारी कोरोना वायरस पर भारी पड़ रही है. जिले के 8 पंचायत समितियों की 251 ग्राम पंचायतों में होने वाले सरपंच और पंच के चुनाव कराने में पूरा प्रशासन जुटा हुआ है. प्रथम चरण के लिए 28 सितंबर और अंतिम चरण के लिए 10 अक्टूबर को वोट डाले जाएंगे.

कोरोना वायरस पर भारी पड़ा पंचायत चुनाव

जिले में दो चरणों के चुनाव के लिए नामांकन की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है. यही कारण है कि इन दिनों प्रशासन के उपखंड अधिकारी विकास अधिकारी से लेकर अतिरिक्त जिला कलेक्टर स्तर के जातक अधिकारी पंचायत चुनाव में जुटे हुए हैं. जिले के करीब 12 हजार कर्मचारी और अधिकारी पंचायत चुनाव की तैयारी में जुटे हुए हैं.

इनमें करीब 8,200 कर्मचारी और अधिकारियों की ड्यूटी अधिकारी मतदान अधिकारी मतदान दल कार्मिक पीआरओ प्रथम द्वितीय और तृतीय के रूप में लगाई गई है. प्रत्येक पंचायत समिति में करीब 30 सेक्टर अधिकारी नियुक्त किए गए हैं. इस तरह 8 पंचायत समितियों में 200 से 250 अधिकारियों को सेक्टर अधिकारी के पद पर लगाया गया है. साथ ही कानून व्यवस्था के लिए प्रत्येक पंचायत समिति में एरिया मजिस्ट्रेट लगाए गए हैं.

पढ़ेंः पति की तलाश में राजस्थान से यमुनानगर पहुंची महिला, थाने के काट रही चक्कर

जिले में पंचायत चुनाव के दो प्रशिक्षण में 40 से 50 कर्मचारी और अधिकारियों को लगाया गया है. इसके अलावा मतदान दलों के गठन प्रक्रिया में 30 कर्मचारी ईवीएम की तैयारी में 20 कर्मचारी जुटे हुए हैं. इसके अलावा चुनाव की तैयारी और अन्य चुनाव कार्य में भी अनेक कर्मचारी लगे हुए हैं. इस पूरी प्रक्रिया में 12 से ज्यादा कर्मचारी और अधिकारी लगे हुए हैं.

सुरक्षा कार्य में भी बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी पुलिस अधिकारी पर होमगार्ड तैनात किए गए हैं. जिले में कोरोना का संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है. प्रतिदिन संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़ रही है. जिले में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या 13 हजार के पार हो गई है. संक्रमित की मौत के आंकड़े भी बढ़ रहे हैं.

जिले में कोरोना संक्रमण की दस्तक से पहले प्रशासन का ज्यादातर अमला कोरोना से बचाओ और मॉनिटरिंग में तैयारियों में जुटा हुआ था, लेकिन इस बीच पंचायत चुनाव की घोषणा के चलते प्रशासन के बड़े अधिकारी से लेकर कर्मचारी सभी पंचायत चुनाव की तैयारी में जुट गए हैं. इसका असर कोरोना से बचाव संक्रमण रोकने की तैयारी पर भी पड़ने लगा है. इस पूरी प्रक्रिया के दौरान कर्मचारी और अधिकारियों पर संक्रमण का खतरा भी मंडराने लगा है. क्योंकि गांव में जोर शोर से चुनाव प्रचार शुरू हो चुका है,

जगह-जगह बड़ी संख्या में ग्रामीणों की टोली नजर आती है. गांव में चुनाव कार्यालय भी खुल चुके हैं. यहां सुबह-शाम लोग हुक्का पीते हुए दिखाई देते हैं. हालांकि जिले में धारा 144 लगी हुई है, लेकिन उसके बाद भी खुलेआम सरकारी नियम और आदेशों की धज्जियां उड़ती है. कोरोना के बीच बिना सोशल डिस्टेंसिंग के कई वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो चुके हैं.

बीते दिनों अकबरपुर क्षेत्र में एक प्रत्याशी का वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस ने एफआईआर दर्ज की. इसके अलावा भी कई मामले सामने आ चुके हैं. इतना ही नहीं ग्रामीण क्षेत्र में मास्क और सैनिटाइजर का उपयोग भी नहीं होता है. ऐसे में कोरोना का संक्रमण बढ़ने का खतरा ज्यादा रहता है. हालांकि प्रशासन की तरफ से नामांकन के साथ कोरोना गाइडलाइन को लेकर भी प्रत्याशी से एक पत्र भरवाया गया है. उसका असर भी नजर नहीं आ रहा है. कहीं ना कहीं चुनाव ड्यूटी में लगे 12 हजार कर्मचारियों पर भी कोरोना का खतरा मंडरा रहा है. क्योंकि एक दूसरे के संपर्क में आने से कोरोना का संक्रमण फैलता है.

जिले में लगी हुई है धारा 144

जिले में धारा 144 लगी हुई है, लेकिन उसके बाद भी खुलेआम 5 और उससे अधिक लोग घूमते हुए नजर आते हैं. प्रशासन की तरफ से इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है. चुनाव प्रचार में लोगों की भीड़ जुटी हुई है. साथ ही सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क का उपयोग भी नहीं होता है.

पढ़ेंः बीकानेर: नहर में नहाने आए एक ही परिवार के 7 सदस्य डूबे, 2 की मौत, 5 को रेस्क्यू किया

गांव में नहीं है लोग आज भी जागरूक

अलवर शहर से कुछ दूरी पर ही लोग बेपरवाह नजर आते हैं. गांव में कोरोना को लेकर लोग जागरुक नहीं है. यहां ना तो लोग मास्क का उपयोग करते हैं ना ही सोशल डिस्टेंसिंग का. इसके अलावा सैनिटाइजर और साबुन से हाथ धोना सहित अन्य स्वास्थ्य विभाग की गाइडलाइन का भी पालन नहीं किया जाता है. बीमार होने पर यह लोग डॉक्टर को भी नहीं दिखाते हैं.

अलवर. शहर में पंचायत चुनाव की तैयारी कोरोना वायरस पर भारी पड़ रही है. जिले के 8 पंचायत समितियों की 251 ग्राम पंचायतों में होने वाले सरपंच और पंच के चुनाव कराने में पूरा प्रशासन जुटा हुआ है. प्रथम चरण के लिए 28 सितंबर और अंतिम चरण के लिए 10 अक्टूबर को वोट डाले जाएंगे.

कोरोना वायरस पर भारी पड़ा पंचायत चुनाव

जिले में दो चरणों के चुनाव के लिए नामांकन की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है. यही कारण है कि इन दिनों प्रशासन के उपखंड अधिकारी विकास अधिकारी से लेकर अतिरिक्त जिला कलेक्टर स्तर के जातक अधिकारी पंचायत चुनाव में जुटे हुए हैं. जिले के करीब 12 हजार कर्मचारी और अधिकारी पंचायत चुनाव की तैयारी में जुटे हुए हैं.

इनमें करीब 8,200 कर्मचारी और अधिकारियों की ड्यूटी अधिकारी मतदान अधिकारी मतदान दल कार्मिक पीआरओ प्रथम द्वितीय और तृतीय के रूप में लगाई गई है. प्रत्येक पंचायत समिति में करीब 30 सेक्टर अधिकारी नियुक्त किए गए हैं. इस तरह 8 पंचायत समितियों में 200 से 250 अधिकारियों को सेक्टर अधिकारी के पद पर लगाया गया है. साथ ही कानून व्यवस्था के लिए प्रत्येक पंचायत समिति में एरिया मजिस्ट्रेट लगाए गए हैं.

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जिले में पंचायत चुनाव के दो प्रशिक्षण में 40 से 50 कर्मचारी और अधिकारियों को लगाया गया है. इसके अलावा मतदान दलों के गठन प्रक्रिया में 30 कर्मचारी ईवीएम की तैयारी में 20 कर्मचारी जुटे हुए हैं. इसके अलावा चुनाव की तैयारी और अन्य चुनाव कार्य में भी अनेक कर्मचारी लगे हुए हैं. इस पूरी प्रक्रिया में 12 से ज्यादा कर्मचारी और अधिकारी लगे हुए हैं.

सुरक्षा कार्य में भी बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी पुलिस अधिकारी पर होमगार्ड तैनात किए गए हैं. जिले में कोरोना का संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है. प्रतिदिन संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़ रही है. जिले में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या 13 हजार के पार हो गई है. संक्रमित की मौत के आंकड़े भी बढ़ रहे हैं.

जिले में कोरोना संक्रमण की दस्तक से पहले प्रशासन का ज्यादातर अमला कोरोना से बचाओ और मॉनिटरिंग में तैयारियों में जुटा हुआ था, लेकिन इस बीच पंचायत चुनाव की घोषणा के चलते प्रशासन के बड़े अधिकारी से लेकर कर्मचारी सभी पंचायत चुनाव की तैयारी में जुट गए हैं. इसका असर कोरोना से बचाव संक्रमण रोकने की तैयारी पर भी पड़ने लगा है. इस पूरी प्रक्रिया के दौरान कर्मचारी और अधिकारियों पर संक्रमण का खतरा भी मंडराने लगा है. क्योंकि गांव में जोर शोर से चुनाव प्रचार शुरू हो चुका है,

जगह-जगह बड़ी संख्या में ग्रामीणों की टोली नजर आती है. गांव में चुनाव कार्यालय भी खुल चुके हैं. यहां सुबह-शाम लोग हुक्का पीते हुए दिखाई देते हैं. हालांकि जिले में धारा 144 लगी हुई है, लेकिन उसके बाद भी खुलेआम सरकारी नियम और आदेशों की धज्जियां उड़ती है. कोरोना के बीच बिना सोशल डिस्टेंसिंग के कई वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो चुके हैं.

बीते दिनों अकबरपुर क्षेत्र में एक प्रत्याशी का वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस ने एफआईआर दर्ज की. इसके अलावा भी कई मामले सामने आ चुके हैं. इतना ही नहीं ग्रामीण क्षेत्र में मास्क और सैनिटाइजर का उपयोग भी नहीं होता है. ऐसे में कोरोना का संक्रमण बढ़ने का खतरा ज्यादा रहता है. हालांकि प्रशासन की तरफ से नामांकन के साथ कोरोना गाइडलाइन को लेकर भी प्रत्याशी से एक पत्र भरवाया गया है. उसका असर भी नजर नहीं आ रहा है. कहीं ना कहीं चुनाव ड्यूटी में लगे 12 हजार कर्मचारियों पर भी कोरोना का खतरा मंडरा रहा है. क्योंकि एक दूसरे के संपर्क में आने से कोरोना का संक्रमण फैलता है.

जिले में लगी हुई है धारा 144

जिले में धारा 144 लगी हुई है, लेकिन उसके बाद भी खुलेआम 5 और उससे अधिक लोग घूमते हुए नजर आते हैं. प्रशासन की तरफ से इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है. चुनाव प्रचार में लोगों की भीड़ जुटी हुई है. साथ ही सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क का उपयोग भी नहीं होता है.

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गांव में नहीं है लोग आज भी जागरूक

अलवर शहर से कुछ दूरी पर ही लोग बेपरवाह नजर आते हैं. गांव में कोरोना को लेकर लोग जागरुक नहीं है. यहां ना तो लोग मास्क का उपयोग करते हैं ना ही सोशल डिस्टेंसिंग का. इसके अलावा सैनिटाइजर और साबुन से हाथ धोना सहित अन्य स्वास्थ्य विभाग की गाइडलाइन का भी पालन नहीं किया जाता है. बीमार होने पर यह लोग डॉक्टर को भी नहीं दिखाते हैं.

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