अजमेर. लद्दाख के गलवान घाटी में चीन की हरकतों के बाद देश के लोगों में आक्रोश है. लोग चीन का विरोध कर रहे हैं और चीनी सामानों का बहिष्कार कर रहे हैं. वहीं अजमेर के बजरंगगढ़ स्मारक पर पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष रचित कच्छावा के आह्वान पर युवाओं ने एलएसी पर शहीद हुए देश के जवानों को श्रद्धांजलि दी. साथ ही युवाओं ने चाइनीज समान का बहिष्कार किया और उनको जलाया.
पूर्व छत्रसंघ अध्यक्ष रचित कच्छावा ने कहा कि, चीन को अब बचकानी हरकतों से बचना चाहिए. भारतीय भारतीय सेना देश की रक्षा के लिए कटिबद्ध है. साथ ही कहा कि भारतीय सेना ने 20 सैनिकों के जवाब में चीन के 35 सैनिकों को मारा है. इससे भी यह तय होता है कि, अब भारतीय सेना चुप रहने वालों में से नहीं है.
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रचित कच्छावा ने देश के युवाओं ने अपील की है कि, जिस प्रकार भारतीय सेना सरहद पर देश की रक्षा कर रही है. उसी प्रकार देश के युवाओं को भी अपनी नैतिक जिम्मेदारी निभाते हुए चीनी वस्तुओं का बहिष्कार करना चाहिए. स्वदेशी वस्तु को बढ़ावा देकर हम भारत की अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ा कर आत्मनिर्भर बनाने में सहयोग कर सकते हैं.
वहीं, अंकुर सोनी ने कहा कि देश को जागरूक होना चाहिए ताकि हम किसी भी तरीके से चाइनीज का समर्थन नहीं करें. हमारी खरीदी हुई वस्तुओं से ही चाइना को आर्थिक बल मिलता है. अगर हम चीनी चीजों का पूरी तरीके से बायकॉट करेंगे तो जल्द ही चीन चरमरा जाएगा.
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गौरतलब है कि, लद्दाख में एलएसी पर भारत और चीन के सैनिकों के बीच विवाद जारी है. दोनों ओर के सैनिक एक-दूसरे के साथ हाथापाई और मारपीट कर रहे हैं. लेकिन 15 जून को दोनों सेनाओं के बीच हिंसक झड़प हुई, जिसमें भारत के 20 भारतीय जवान शहीद हुए हैं. वहीं सूत्रों के अनुसार चीन के 35 सैनिक हताहत हुए हैं. समाचार एजेंसी एएनआई के सूत्रों ने पुष्टि की है कि, गलवान घाटी में मारे गए लोगों में चीनी यूनिट के कमांडिंग ऑफिसर भी शामिल है.