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Sarpanch With A Difference: युवा उद्यमी भी हैं ये! इनकी जनसेवा ने बदल कर रख दी एक गांव की सूरत - Panchayat Samiti Member

राजस्थान के नागौर का गांव है जुसरी. छोटे से गांव के बड़ी सोच वाले सरपंच (Sarpanch With A Difference) इसकी खासियत हैं. सरपंच का नाम है प्रकाश भाकर (Young Entrepreneur Sarpanch), जो गांव की Youth Brigade के आइडियल हैं. किसी को प्रभावित कर उसका आदर्श बनना आसान नहीं होता लेकिन भाकर ने वो कर दिखाया है.

Sarpanch With A Difference
युवा उद्यमी भी हैं ये! इनकी जनसेवा ने बदल कर रख दी गांव की सूरत
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Published : Nov 28, 2021, 2:14 PM IST

अजमेर: सरपंच एवं युवा उद्यमी (Young Entrepreneur Sarpanch) प्रकाश भाकर ने अपनी सूझबूझ और जनसेवा के जज्बे से (Spirit Of Public Service) सबको प्रभावित किया है. वर्षों से मूलभूत सुविधाओं के लिए तरस रहे ग्रामीणों के लिए प्रकाश भाकर मसीहा से कम नहीं हैं. भाकर ने अपनी सामाजिक और राजनीतिक समझ से गांव में मूलभूत सुविधाओं को न सिर्फ दुरुस्त करवाया बल्कि ग्रामीणों को जनप्रतिनिधि होने का सही मतलब भी समझाया. जनसेवा के जज्बे से भाकर जुसरी गांव ही नही बल्कि मकराना क्षेत्र में युवाओं के चहेते बन गए हैं.

जानते हैं इनका इतिहास

हमारे यहां एक मशहूर कहावत है- जाके पैर न फटी बिवाई, वो क्या जाने पीर पराई. कुछ ऐसा ही 34 साल के भाकर के लिए कहा जा सकता है. जूसरी ग्राम पंचायत (Joosri Gram Panchayat) के ही हैं, किसान परिवार के हैं सो जानते थे कि लोगों का दर्द क्या है. बचपन से पानी के लिए, सड़क, बिजली, चिकित्सा व्यवस्था और शिक्षा के लिए लोगों को तड़पते, बिलखते और सिसकते देखा तो उसे अपनी कमजोरी नहीं ताकत बना लिया. सरपंच बनने से पहले इस दिशा में काम किया तो सरपंच की कमान थामते ही द्रुत गति से अपनी सोच को आकार दे दिया. सड़क से लेकर साढ़े तीन बीघे की गौशाला की चर्चा सब करते हैं. गांव इनकी सोच को सलाम करता है.

Sarpanch With A Difference

पढ़ें-Special 31 साथ मिले तो बन गया 'किड्स हेल्पिंग हैंड', बच्चों को पढ़ाई के लिए मोटिवेट कर मुस्कुराहट बिखेरना ध्येय

2005 में भाकर ने अपने बूते मकराना मार्बल व्यवसाय शुरू किया. 2015 में पंचायत समिति सदस्य (Panchayat Samiti Member) का चुनाव लड़ा, जिसमे 137 मतों से विजयी रहे. यहीं से भाकर ने राजनीति में पदार्पण किया. 2020 में जन्मभूमि और कर्मभूमि से सरपंच बने साथ ही नागौर जिले के सरपंच संघ अध्यक्ष भी चुने गए. भाकर वर्तमान में जालोर मार्बल एसोसिएशन (Jalore Marble Association) के सदस्य भी हैं.


हर मदद को तैयार सरपंच

शिक्षा को लेकर भी सजग हैं. बालिका शिक्षा (Girl Child Education In Joosri) हो या फिर आर्थिक तौर पर कमजोर किसी परिवार की कोई जरूरत हो भाकर बेहिचक मदद को तैयार रहते हैं. विद्यार्थियों की आर्थिक रूप से मदद करते हैं. इतना ही नहीं कोरोना काल में पूरे मकराना विधानसभा क्षेत्र में गरीबों के लिए राशन, ऑक्सीजन सिलेंडर, मास्क, पीपीई किट, दवाइयां आदि जरूरी सामान निजी खर्चे से भाकर ने वितरित करवाई. कोरोना काल (Corona Period Chaos) में जब अस्पतालों में खून की कमी हो रही थी तब भाकर ने रक्तदान शिविर (Blood Donation Camp In Joosri) आयोजित करवा कर 367 यूनिट ब्लड एकत्रित किया. जनसेवा के जज्बे की वजह से उन्हें जिला स्तर पर उनकी ग्राम पंचायत को एक लाख रुपए की प्रोत्साहन राशि देकर सम्मानित भी किया गया.

भाकर वातावरण को भी साफ, स्वच्छ और खूबसूरत बनाने को लेकर समर्पित हैं. इसके तहत उन्होंने 32 हजार औषधीय पौधे (Medicinal Plants Distribution) वितरित किए. फिर घर-घर जाकर उनसे होने वाले फायदे के बारे में भी बताया. यही वजह है कि इनके जज्बे की महक चारों ओर फैल गई है. गांव जुसरी के साथ ही मकराना विधानसभा क्षेत्र के युवाओं के लिए प्रकाश भाकर एक मिसाल बन गए हैं.

अजमेर: सरपंच एवं युवा उद्यमी (Young Entrepreneur Sarpanch) प्रकाश भाकर ने अपनी सूझबूझ और जनसेवा के जज्बे से (Spirit Of Public Service) सबको प्रभावित किया है. वर्षों से मूलभूत सुविधाओं के लिए तरस रहे ग्रामीणों के लिए प्रकाश भाकर मसीहा से कम नहीं हैं. भाकर ने अपनी सामाजिक और राजनीतिक समझ से गांव में मूलभूत सुविधाओं को न सिर्फ दुरुस्त करवाया बल्कि ग्रामीणों को जनप्रतिनिधि होने का सही मतलब भी समझाया. जनसेवा के जज्बे से भाकर जुसरी गांव ही नही बल्कि मकराना क्षेत्र में युवाओं के चहेते बन गए हैं.

जानते हैं इनका इतिहास

हमारे यहां एक मशहूर कहावत है- जाके पैर न फटी बिवाई, वो क्या जाने पीर पराई. कुछ ऐसा ही 34 साल के भाकर के लिए कहा जा सकता है. जूसरी ग्राम पंचायत (Joosri Gram Panchayat) के ही हैं, किसान परिवार के हैं सो जानते थे कि लोगों का दर्द क्या है. बचपन से पानी के लिए, सड़क, बिजली, चिकित्सा व्यवस्था और शिक्षा के लिए लोगों को तड़पते, बिलखते और सिसकते देखा तो उसे अपनी कमजोरी नहीं ताकत बना लिया. सरपंच बनने से पहले इस दिशा में काम किया तो सरपंच की कमान थामते ही द्रुत गति से अपनी सोच को आकार दे दिया. सड़क से लेकर साढ़े तीन बीघे की गौशाला की चर्चा सब करते हैं. गांव इनकी सोच को सलाम करता है.

Sarpanch With A Difference

पढ़ें-Special 31 साथ मिले तो बन गया 'किड्स हेल्पिंग हैंड', बच्चों को पढ़ाई के लिए मोटिवेट कर मुस्कुराहट बिखेरना ध्येय

2005 में भाकर ने अपने बूते मकराना मार्बल व्यवसाय शुरू किया. 2015 में पंचायत समिति सदस्य (Panchayat Samiti Member) का चुनाव लड़ा, जिसमे 137 मतों से विजयी रहे. यहीं से भाकर ने राजनीति में पदार्पण किया. 2020 में जन्मभूमि और कर्मभूमि से सरपंच बने साथ ही नागौर जिले के सरपंच संघ अध्यक्ष भी चुने गए. भाकर वर्तमान में जालोर मार्बल एसोसिएशन (Jalore Marble Association) के सदस्य भी हैं.


हर मदद को तैयार सरपंच

शिक्षा को लेकर भी सजग हैं. बालिका शिक्षा (Girl Child Education In Joosri) हो या फिर आर्थिक तौर पर कमजोर किसी परिवार की कोई जरूरत हो भाकर बेहिचक मदद को तैयार रहते हैं. विद्यार्थियों की आर्थिक रूप से मदद करते हैं. इतना ही नहीं कोरोना काल में पूरे मकराना विधानसभा क्षेत्र में गरीबों के लिए राशन, ऑक्सीजन सिलेंडर, मास्क, पीपीई किट, दवाइयां आदि जरूरी सामान निजी खर्चे से भाकर ने वितरित करवाई. कोरोना काल (Corona Period Chaos) में जब अस्पतालों में खून की कमी हो रही थी तब भाकर ने रक्तदान शिविर (Blood Donation Camp In Joosri) आयोजित करवा कर 367 यूनिट ब्लड एकत्रित किया. जनसेवा के जज्बे की वजह से उन्हें जिला स्तर पर उनकी ग्राम पंचायत को एक लाख रुपए की प्रोत्साहन राशि देकर सम्मानित भी किया गया.

भाकर वातावरण को भी साफ, स्वच्छ और खूबसूरत बनाने को लेकर समर्पित हैं. इसके तहत उन्होंने 32 हजार औषधीय पौधे (Medicinal Plants Distribution) वितरित किए. फिर घर-घर जाकर उनसे होने वाले फायदे के बारे में भी बताया. यही वजह है कि इनके जज्बे की महक चारों ओर फैल गई है. गांव जुसरी के साथ ही मकराना विधानसभा क्षेत्र के युवाओं के लिए प्रकाश भाकर एक मिसाल बन गए हैं.

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