अजमेर. जिले में लोगों की सजगता से मकान की नींव खोद रहे श्रमिक की जान बचा ली गई. यह मामला दरगाह क्षेत्र में लाखन कोटड़ी क्षेत्र का है. वहीं, मलबे से निकाले गए श्रमिक को तत्काल इलाज के लिए जेएलएन अस्पताल ले जाया गया, जहां श्रमिक एकदम स्वस्थ्य है. लेकिन इस घटना ने क्षेत्र में अवैध रूप से हो रहे निर्माण की पोल खोल दी है.
प्रत्यक्षदर्शी का कहना है कि श्रमिक अकबर पूर्व में ढाए गए पुराने मकान की नींव खोद रहा था. इस दौरान नींव खोदते समय आसपास का मलबा उस पर गिरा गया, जिससे वह गर्दन के ऊपर तक मलबे में दब गया. इस दौरान क्षेत्र के लोगों ने तत्काल पुलिस को सूचना दी. साथ ही मिट्टी में दबे श्रमिक को लोग बचाने में जुट गए. इस दौरान मौके पर रेस्क्यू टीम पहुंची, तब तक श्रमिक को आधे घंटे में साथी श्रमिक और क्षेत्र के लोग निकाल चुके थे.
क्षेत्रवासी मोहम्मद फारुख ने बताया कि करीब 100 साल से अधिक पुराना मकान ढाह कर मालिक अशोक सिंधी यहां गेट हाउस बनाने की तैयारी में था. इसके लिए नींव खुदाई जा रही थी. वहीं, प्रत्यक्षदर्शी रूपा देवी ने बताया कि हादसा होते देखकर वह जोर से चिल्लाई और आस पड़ोस के लोगों को एकत्रित किया. तत्काल श्रमिक के मुंह तक आई मिट्टी और पत्थर को लोगों ने हटाकर उसे सुरक्षित बाहर निकाला गया. जिससे उसकी जान बच पाई.
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बताया जा रहा कि क्षेत्र में अशोक सिंधी, लछु सिंधी और एक अन्य ने पार्टनरशिप में पुराना मकान खरीदकर ढहाया था और यहां अवैध निर्माण किया जा रहा है. खास बात यह कि हादसा होने के बाद भी जगह के मालिक मौके पर नहीं पहुंचे. श्रमिक को निकालने के दौरान पहुंचे क्षेत्र के वृताधिकारी रघुवीर ने बताया कि सूचना मिलते ही रेस्क्यू टीम को सूचना दी गई थी. साथ ही जगह के मालिकों को पाबंद किया गया है. अधिकृत संस्था की स्वीकृति और सुरक्षा के मापदंड अपनाकर ही निर्माण किया जाए.
बता दें कि दरगाह का क्षेत्र काफी सघन है. पतली-पतली गलियों में बने मकान दशकों से धीरे धीरे होटल गेस्ट हाउस में तब्दील हो रहे है, जिनके निर्माण की ना कोई स्वीकृति है और ना हीं नियमानुसार निर्माण करवाया जाता है. बस जिसको जहां जगह मिली, वहीं निर्माण होना शुरू हो गया. क्षेत्र में सैकड़ों होटल गेस्ट हाउस बन चुके हैं और अभी पुराने मकानों को खरीद कर वहां नए सिरे से गेस्ट हाउस फॉर होटल बनाए जा रहे हैं.
इसके बावजूद नगर निगम भी कोई कार्रवाई नहीं करता है. दरअसल, विश्व विख्यात ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह में देश दुनिया से बड़ी संख्या में जायरीन आते हैं. ऐसे में यह पूरा रिहायशी क्षेत्र का उपयोग अवैध रूप से व्यवसायिक गतिविधियों के लिए हो रहा है.