अजमेर. मोदी 2.0 सरकार के 100 दिन पूरे हो गए है. मोदी की दूसरी सरकार ने 30 मई को शपथ ली. जिसके बाद 6 सिंतबर को मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के 100 दिन पूरे हो गए. ऐसे में इन 100 दिनों में सरकार एक्शन में नजर आई. चाहे वो तीन तलाक का मुद्दा हो या फिर कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाना लेकिन इन सब के बीच महंगाई ऐसा मुद्दा है जो हर घर हर व्यक्ति को प्रभावित करता है. महंगाई का मुद्दा इतना प्रभावशाली रहा कि यूपीए को चुनाव में शिकस्त खानी पड़ी थी. मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में नोटबंदी, जीएसटी और महंगाई के मुद्दे पर राष्ट्रवाद का मुद्दा हावी रहा. जिसका फायदा मोदी सरकार को दोबारा मिला. जिसके बाद मोदी सरकार दूसरा कार्यकाल शुरू हुआ. वर्तमान में देश में आर्थिक मंदी का दौर है. ऐसे में महंगाई को लेकर महिलाएं मोदी सरकार-2 से क्या उम्मीद कर रही है आइए जानते हैं.
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अजमेर की रचना तिवारी ने बताया कि बढ़ती महंगाई और बेरोजगारी पर कोई फर्क नहीं पड़ रहा है. मोदी सरकार ने महंगाई को नियंत्रण में कर रखा था. इसके अलावा महिलाओं के लिए बनी योजनाओं का लाभ उन तक नहीं पहुंच पाता है. मोदी सरकार को महिलाओं के रोजगार के लिए प्रयास करने चाहिए. महंगाई ही सबसे ज्यादा महिलाओं को आहत करती है. घर चलाना मुश्किल होता है. पेट्रोल-डीजल के दामों में वृद्धि की वजह से खाद्य पदार्थों में भी महंगाई बढ़ रही है.
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वहीं एक अन्य ग्रहणी मधु छत्री ने कहा कि बीजेपी सरकार ने सत्ता में आने से पहले महंगाई को नियंत्रण करने का वादा किया था. लेकिन महंगाई अभी तक कम नहीं हुई है. महंगाई का असर घर के साथ-साथ ग्रस्त जीवन में भी पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि महंगाई के इस दौर में तलाकशुदा और वृद्ध महिलाओं की जो पेंशन योजना है उन जरूरतमंद महिलाओं तक पहुंचाने के लिए ठोस कदम उठाने चाहिए. महंगाई को नियंत्रण करने के लिए महिलाओं की मोदी सरकार से काफी उम्मीदें हैं. महिलाएं चाहती है कि देश की सुरक्षा से जुड़े मुद्दों के साथ मोदी सरकार-2 देश में व्याप्त महंगाई को कम करने के लिए कोई ठोस कदम जल्द उठाए.