नसीराबाद (अजमेर). देश और प्रदेश में कोरोना वायरस के चलते कोहराम मचा हुआ है. केन्द्र और राज्य सरकारें आमजन की सुविधा के लिये युद्ध स्तर पर जुटी हुई हैं.
“कोई भी जरुरतमन्द भूखा नहीं रहे“ इसके लिए खाद्य सामग्री का वितरण भी करवाया जा रहा है. जिसमें सरकार के साथ भामाशाह भी हर संभव मदद कर रहे हैं. कई भामाशाह तैयार सामग्री वितरित कर रहे हैं.
लेकिन नसीराबाद कस्बे में कई जरुरतमंदो तक खाद्य सामग्री नहीं पहुंचने के कारण महिलाओं का गुस्सा फूट पड़ा. आक्रोशित महिलाएं उपखंड कार्यालय पहुंच गई. लेकिन उनकी सुनवाई करने वाला कोई भी जिम्मेदार अधिकारी वहां नहीं आया. महिलाओं का कहना है कि वो बी.एल.ओ के पास जाती हैं तो वो राशन डीलर के पास भेज देते हैं. राशन डीलर कहता है कि तहसील कार्यालय जाओ. वहां मिलेगा राशन और तहसील कार्यालय से कहा जाता है कि मजदूर डायरी बनवाओ. अब इस लॉकडाउन में मजदूर डायरी बनवाने कहा जाएंं. जबकि हमारे राशन कार्ड आधार कार्ड होने के बावजूद भी मदद करने वाला कोई भी नहीं है.
बता दें कि कस्बे के कोटा रोड स्थित राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक विधालय में प्रशासन ने सुखी सामग्री के लिए भण्डारण केन्द्र स्थापित कर रखा है. जहां से जरूरतमंद को सामग्री वितरित की जाती है. वहीं खाना मोहल्ला में लोहार बस्ती के जरुरतमन्द परिवार पार्षद, राशन की दुकान, एस डी एम व तहसील कार्यालय के चक्कर काट परेशान हो समाजसेवी सावित्री गुर्जर के पास जाकर अपना दुखड़ा सुनाया. तो उन्होंने भामाशाहो के माध्यम से उनको खाध्य सामग्री उपलब्ध करवाई.
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केन्द्र प्रभारी मधु गर्ग ने बताया कि प्रशासन व भामाशाहो द्वारा जरुरतमन्दों व गरीब तबके के लिए खाद्य सामग्री मुहैया करवाई जा रही है. पूर्व में 812 सुखी सामग्री के किट भामाशाहों से और 300 किट रसद विभाग से प्राप्त हुए हैं. जिसमें 358 किट नसीराबाद शहर में और 500 किट आसपास के ग्रामीण क्षेत्रो में वितरित कर दिए गए हैं. शेष 254 किट और सोमवार को प्राप्त 300 किट का वितरण आगामी दिनों में बी.एल.ओ की सूची के अनुसार शहर में वितरित किए जाऐंगे.