अजमेर. अजमेर रेलवे स्टेशन के बाहर मुख्य सड़क पर बन रहे एलीवेटेड ब्रिज के काम के दौरान पेयजल पाइप लाइन टूटने से फव्वारा फूट पड़ा. तेज धार के साथ फव्वारा इतना ऊपर उठा की आधा किलोमीटर से देखा जा सकता था, लेकिन जिनके कांधो पर व्यर्थ बह रहे पानी को रोकने की जिम्मेदारी है उन्हें डेढ़ घंटे में भी दिखाई नहीं दिया.
पानी की किल्लत अजमेर कई बार भुगत चुका है. पूर्व वसुंधरा राजे सरकार ने अजमेर को 24 घण्टे में पानी देने का वादा किया था. वर्तमान कांग्रेस सरकार में भी वही वादा अजमेर की जनता से किया गया. अजमेर में 48 से 72 घण्टे के उपरांत घरों में पेयजल सप्लाई दी जा रही है.
बावजूद इसके सड़क पर डेढ़ घण्टे बहते पानी को लेकर जलदाय विभाग ने गंभीरता नहीं दिखाई वो भी तब जब अजमेर में ख्वाजा गरीब नवाज का उर्स मेला जारी है. उस मेले में लाखों लोग अजमेर में है. लोगों का कहना है कि जलदाय विभाग से एक व्यक्ति बाइक पर आया था और मौके पर अपने मोबाइल से फोटो खींच कर ले गया, लेकिन विभाग ने पानी को व्यर्थ बहने से रोकने के लिए डेढ़ घण्टे तक कोई प्रयास नहीं किए. जल ही जीवन है, लेकिन यह जीवन सड़क पर व्यर्थ बहकर मैला हो गया. जबकि व्यर्थ बह रहे पानी को समय रहते रोकने से कई लोगों की प्यास बुझाई जा सकती है. समीप ही रेस्टोरेंट मालिक राजेश सजनानी ने बताया कि पीने योग्य पानी डेढ़ घण्टे से बर्बाद हो रहा है, लेकिन पाइपलाइन को सुधारने के लिए कोई नहीं आया.
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आस-पास के दुकानदारों ने तेज धारा के साथ बह रहे पानी को रोकने के लिए पाइप लाइन पर पत्थर भी लगाए. लेकिन प्रेशर तेज होने की वजह से पत्थर भी नहीं टिक पा रहे हैं. वैसे ही जलदाय विभाग के कानों में जूं नहीं रेंग रही है.