अजमेर. प्रदेश के शिक्षकों को लेकर वर्तमान और पूर्व शिक्षा मंत्री के बीच ट्विटर वॉर चल रहा है. जहां पूर्व शिक्षा राज्यमंत्री वासुदेव देवनानी ने शिक्षा मंत्री डटोसरा पर आरोप लगाते हुए कहा कि शिक्षा मंत्री लगातार शिक्षकों का अपमान कर रहे हैं. शिक्षा मंत्री के राज में अधिकारी शिक्षकों के लिए तुगलकी फरमान जारी कर रहे हैं, जिससे शिक्षकों के सम्मान पर ठेस पहुंच रहा है. पूर्व शिक्षा राज्य मंत्री देवनानी की तरफ से किए गए ट्वीट को लेकर वर्तमान शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डटोसरा की ओर से भी जवाब भी दिया गया जिसके बाद से दोनों के बीच ट्विटर पर आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है.
अजमेर उत्तर विधायक देवनानी ने जानकारी देते हुए बताया कि जब से प्रदेश में कांग्रेस सरकार में गोविंद सिंह डोटासरा शिक्षा मंत्री बने हैं, तब से प्रदेश के शिक्षकों का लगातार अपमान हो रहा है. देवनानी ने कहा कि आए दिन शिक्षा विभाग के अधिकारियों की ओर से शिक्षकों को लेकर तुगलकी फरमान जारी कर दिए जाते हैं, जिससे शिक्षकों के सम्मान को ठेस पहुंच रही है.
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ऐसे आदेश विगत वर्ष में कई बार शिक्षा विभाग के विभिन्न अधिकारियों द्वारा जारी किये गये हैं।क्या विभाग बिना ज़िम्मेदारी तय किये-बिना दोषियों पर कार्यवाही किये सिर्फ़ आदेश के निरस्त होने से इतिश्री कर लेगा।यह गम्भीर कृत्य हैं पूर्व में भी शोचालय को लेकर ऐसे आदेश निकले हैं । https://t.co/nGGucAeUA0
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देवनानी ने कहा कि पहले भी एक आदेश जारी किया गया था, जिसमें खुले में शौच किए जाने पर शिक्षकों की निगरानी रखने की बात की गई थी. वहीं, हाल में एक नया आदेश जारी किया गया है, जिसमें शादी में सोशल डिस्टेंसिंग का शिक्षकों को ध्यान रखना होगा.
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ऐसे आदेशो से सम्पूर्ण शिक्षा जगत शर्मसार हुआ है ,शिक्षक पद की गरिमा को धुमिल करने का प्रयास l राज्य सरकार को ऐसे आदेशों के विषय में गंभीरता से विचार कर दोषियों पर कार्यवाही करनी चाहिए ना की सिर्फ़ आदेशों को निरस्त करवा कर वाहवाही यह शर्मनाक हैं । https://t.co/3qhxZ4AjI8
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देवनानी ने कहा कि इस तरह के मुद्दों पर आवाज उठाने के बाद वर्तमान शिक्षा मंत्री की नींद खुली और कुछ आदेशों को उन्होंने निरस्त किया. जो अधिकारी इस तरह के आदेश निकाल रहे हैं उनके खिलाफ शिक्षा राज्यमंत्री को कार्रवाई करनी चाहिए. देवनानी ने ये भी कहा कि शिक्षा मंत्री शिक्षकों का अपमान करना बंद करें और शिक्षा अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करें, नहीं तो शिक्षक शिक्षा मंत्री के खिलाफ उग्र आंदोलन भी कर सकते हैं.