अजमेर. रीट परीक्षा 2021 के पेपर लीक मामले में भाजपा नेताओ के हमले तेज हो गए हैं. भाजपा के वरिष्ठ नेता किरोड़ी लाल मीणा और पूर्व शिक्षा राज्यमंत्री वासुदेव देवनानी पेपर लीक मामले में राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड अध्यक्ष डॉ. डीपी जारोली की भूमिका को लेकर सवाल उठा रहे हैं.
पेपर लीक मामले में 6 गंभीर सवाल
पूर्व मंत्री वासुदेव देवनानी ने प्रेस वार्ता कर पेपर लीक मामले में छह गंभीर सवाल उठाए. देवनानी ने कहा कि 26 सितंबर को रीट परीक्षा 2021 का आयोजन हुआ था. परीक्षा से 2 दिन पूर्व यानी 24 सितंबर की रात को ही पेपर लीक हो चुका था. 25 सितंबर को पूरा दिन और 26 की सुबह पेपर शुरू होने तक पेपर प्रदेश के कई हिस्सों में बंटता रहा.
जारोली को देना चाहिए पद से इस्तीफा
देवनानी ने कहा कि डॉ. डीपी जारोली ने प्रेस वार्ता कर कहा था कि पेपर लीक होता है तो वह इस्तीफा देंगे और अपनी पेंशन भी सरकार को सरेंडर कर देंगे. देवनानी ने कहा कि गीत नेपाली की जिम्मेदारी जारोली की है. डॉ जारोली ने अपने साथी को जयपुर में रीट समन्वयक बनाया था. जयपुर के शिक्षा संकुल के स्ट्रांग रूम से पेपर लीक हुआ है, यह एसओजी भी मान चुकी है. ऐसे में जारोली को अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए.
देवनानी ने दूसरा सवाल उठाते हुए कहा कि बोर्ड की ओर से प्रश्न पत्र का वितरण जिला वार किया गया तब प्रत्येक जिले में प्रश्न पत्र थानों में रखवाए गए थे. बावजूद इसके जयपुर में प्रश्न पत्र शिक्षा संकुल में क्यों रखवाए गए. तीसरा सवाल उठाते हुए कहा कि शिक्षा संकुल में स्ट्रांग रूम की सुरक्षा का जिम्मा निजी सुरक्षा एजेंसी को क्यों दिया गया. वहीं बोर्ड ने परीक्षा केंद्रों पर सीसीटीवी कैमरे लगवाए बावजूद इसके स्ट्रांग रूम में सुरक्षा की दृष्टि से सीसीटीवी कैमरा क्यों नहीं लगवाया गया. यदि वहां सीसीटीवी कैमरा होता तो यह खुलासा बहुत पहले ही हो जाता.
उन्होंने चौथा सवाल उठाते हुए कहा कि की बोर्ड में अधिकारी होने के बावजूद सेवानिवृत्त जीके माथुर और मदन लोरी को महत्वपूर्ण पद पर क्यों लगाया गया. जबकि जीके माथुर के प्रमोशन को लेकर पहले भी उंगलियां उठती रही हैं. पांचवा प्रश्न उठाते हुए कहा कि किसी मंत्री के कहने पर उसके परिचित कोलकाता की फर्म को पेपर छपवाने का ठेका क्यों दिया गया. छटा सवाल उठाते हुए देवनानी ने कहा कि जब 10वीं और 12वीं की परीक्षा के परिणाम का कार्य प्रदेश की बाहर की फर्म को दिया जाता है, तो रीट परीक्षा 2021 के परिणाम का कार्य अजमेर की एजेंसी को क्यों दिया गया.
नियुक्तियां प्रक्रिया पर लगे रोक, 2021 की रीट परीक्षा हो दोबारा : देवनानी ने कहा कि रीट परीक्षा 2021 शुरू से ही संदेह के घेरे में थी. एसओजी की जांच पूरी नहीं हुई उससे पहले ही परीक्षा का परिणाम जारी कर दिया गया. बल्कि नियुक्ति के लिए आवेदन भी लिए जा रहे हैं. देवनानी ने युक्तियों के लिए किए जा रहे आवेदन को तत्काल रोकने की मांग की है. साथ ही 16 लाख अभ्यार्थियों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए परीक्षा का आयोजन दोबारा करने की भी मांग रखी है. देवनानी ने कहा कि रीट परीक्षा 2022 का कार्य भी बोर्ड को फिलहाल नहीं देना चाहिए.
गहलोत में नैतिकता है तो जारोली का ले इस्तीफा : देवनानी ने सियासी हमला करते हुए कहा कि सीएम में नैतिकता है तो वह बोर्ड अध्यक्ष डॉ डीपी जारोली का इस्तीफा ले या उन्हें बर्खास्त करे. गहलोत इस मामले को ईगो नहीं बनाएं बल्कि 16 लाख अभ्यार्थियों के भविष्य को देखते हुए निर्णय लें.