अजमेर. उत्तर विधायक वासुदेव देवनानी ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से वीडियो कॉन्फ्रेंस की. इस दौरान उन्होंने सीएम से आग्रह किया कि प्रदेश के एपीएल श्रेणी के कार्डधारियों को भी राशन उपलब्ध कराया जाए. लॉकडाउन की लम्बी अवधि में रोजगार और कमाई के अभाव में मध्यमवर्गीय परिवारों की आर्थिक स्थिति बहुत खराब हो चुकी है. जिससे इन्हें राशन के लिए दर-दर चक्कर लगाने पड़ रहे है.
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देवनानी ने मुख्यमंत्री से दैनिक मजदूरी से अपनी आजीविका चलाने वाले कामगार लोगों को कर्नाटक, यूपी अन्य राज्यों की तरह आर्थिक पैकेज स्वीकृत करते हुए उनके खातों में पांच-पांच हजार रूपये जमा कराने का आग्रह भी किया. विडियों कान्फ्रेंस के दौरान उन्हें कम समय देने पर नाराजगी प्रकट करते हुए कहा कि जनहित के ऐसे कई विषय छूट गए जिन पर सरकार का ध्यान आकृष्ट करना जरूरी था.
देवनानी ने जिला प्रशासन पर आरोप लगाया कि अधिकारियों का ध्यान केवल चिकित्सा मंत्री की सेवा में रहता है. जबकि आमजन की कोई सुनवाई नहीं होती. प्रशासन ने अजमेर जिले में डीएमएफटी फण्ड की सारी राशि केकड़ी क्षेत्र को अलॉट कर दी. जबकि इससे जेएलएन अस्पतलाल की स्थिति सुधारी जा सकती थी.
उन्होंने मुख्यमंत्री से कहा कि प्रशासन द्वारा जरूरतमंद को सहयोग और राशन उपलब्ध कराने के लिए जो टेलीफोन नम्बर जारी किया गया, उस पर कोई सुनवाई नहीं होती और वह स्वंय प्रशासन से यह जानकारी मांगे कि अजमेर में कितने जरूरतमंद लोगों की सुनवाई कर उन्हें सहायता उपलब्ध कराई गई, तो सारी स्थिति साफ हो जाएगी.
उन्होंने मुख्यमंत्री का ध्यान आकृष्ट किया कि जेएलएन चिकित्सालय की हालत बेहद खराब है. सफाई व्यवस्था बेहाल है, शौचालयों की स्थिति बहुत बुरी है. गनीमत है कि गत दिनों छत से गिरे प्लास्टर से कोई जनहानि नहीं हुई. उन्होंने स्वंय इस मामले में सुधार के लिए अस्पताल अधीक्षक और मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य से मुलाकात की, लेकिन फिर भी हाल वैसे के वैसे ही हैं.
देवनानी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में मुख्यमंत्री से आग्रह किया कि लॉकडाउन के दौरान घर-घर सब्जी और दूध बेचने वालों के टेस्ट करके पास जारी किए जाए. जिससे संक्रमण फैलने का खतरा ना रहे. उन्होंने कहा कि आजकल बड़ी संख्या में लोग सब्जी और दूध बेचने का काम कर रहे है.
उनमें से यदि कोई संक्रमित हुआ, तो बड़े स्तर पर संक्रमण फैल सकता है. इसके अलावा देवनानी ने मुख्यमंत्री से कहा कि प्रदेश से जाने वाले प्रवासियों को सरलता से अनुमति दी जाए और जो श्रमिक यहां रूके है. उनके खानपान और रोजगार की व्यवस्था कराई जाए.
प्रदेश के जो लोग अपने चार पहिया वाहनों या बसों से यहां आना चाहते है, उन्हें भी तत्काल मंजूरी दी जानी चाहिए. देवनानी ने कहा कि मुख्यमंत्री स्वंय और उनकी सरकार के अन्य मंत्री प्रधानमंत्री की आलोचना करना बन्द करे. उन्होंने कहा कि सरकार अपनी नाकामियां छुपाने के लिए केन्द्र की आलोचना करने से बाज आए. जिससे राजस्थान का हित प्रभावति ना हो. केन्द्र की ओर से राज्य सरकार का हर स्तर पर सहयोग करने के बावजूद रोज आलोचना करते जा रहे है कि केन्द्र सहयोग नहीं कर रहा, जबकि राजस्थान को नरेगा में 10 हजार करोड सहित कई मदों में हजारों करोड की सहायता दी गई है.
देवनानी ने मुख्यमंत्री को सुझाव दिया कि विधायक कोष से 50 प्रतिशत राशि चिकित्सा क्षेत्र के लिए और 25 प्रतिशत राशि पेयजल व्यवस्था और 25 प्रतिशत राशि कोरोना महामारी के दौरान जरूरतमंद लोगों को राशन उपलब्ध कराने के लिए निर्धारित की जानी चाहिए.
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देवनानी ने सीएम से यह भी आग्रह किया कि प्रदेश में प्राइवेट स्कूलो कि फीस और बिजली, पानी के बिल 3 माह के लिए माफ किए जाए. लॉकडाउन के कारण जनता की स्थिति नहीं है कि वह इनका भुगतान कर सके. यह शुल्क केवल स्थगित करने से समस्या का समाधान नहीं होगा. निजी स्कूलों की ओर से रोज बच्चों के घर नोटिस भेजे जा रहे है.