अजमेर. अजमेर में आदिवासी भील समाज ने एसटी वर्ग में पृथक से 6 फीसदी आरक्षण की मांग उठाई है. कोटा में 10 दिन से लगातार अनशन पर बैठे भील समाज कि युवकों को समर्थन देते हुए भील समाज के लोगों का कहना है कि एसटी वर्ग में 12 फीसदी आरक्षण है, लेकिन आरक्षण का लाभ एक विशेष जाति के लोग हैं उठा लेते हैं.
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भील समाज के लोग आरक्षण के लाभ से वंचित रह जाते हैं. अजमेर में आरक्षण संघर्ष समिति के अध्यक्ष बाबूलाल गुनरात ने बताया कि राष्ट्रीय जनजाति आयोग 12 जुलाई 2019 को भारत सरकार को अनुशंसा रिपोर्ट में सुझाव भेजे थे उन पर विचार कर उसे लागू किया जाना चाहिए.
उन्होंने बताया कि 12 जिले के सहरिया आदिवासियों को जनजाति में शामिल होते हुए भी सरकारी नौकरियों में अलग से स्पेशल को टाल दिया गया है वह आदिवासी भील समाज को भी दिया जाए. जिस प्रकार गुर्जर सहित पांच अन्य जातियों को 5 प्रतिशत विशेष कोटा अलग से दिया जा सकता है तो एसटी वर्ग में मीणा जाति को छोड़कर जनजाति की सूची भील सहित अन्य जातियों को भी दिया जाए.
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गुनरात ने कहा कि एसटी वर्ग में 12 प्रतिशत में से 6 प्रतिशत कोटा भील समाज को अलग से दिया जाए. हरियाणा सरकार की तर्ज पर जनजाति कोटे में और केटेगरी बढ़ाई जावे. अनुसूचित जाति की तर्ज पर विद्युत कनेक्शनों में आदिवासी भील समाज को भी विद्युत कनेक्शन दिया जाए.
उन्होंने बताया कि 14 मार्च से आदिवासी भील समाज के कई युवा अनशन पर बैठे हैं. यदि उनके साथ कोई अप्रिय घटना होती है तो संपूर्ण भील समाज सड़कों पर उतरेगा. आदिवासी भील समाज आरक्षण संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने अजमेर कलेक्टर प्रकाश राजपुरोहित को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा है ....