अजमेर. सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती के 809 वें उर्स मेले को लेकर दरगाह क्षेत्र में रोनक बढ़ी है. उर्स के अब दो दिन बचे हैं. लंबे कोरोना काल के बाद क्षेत्र में जायरीन की चहल-पहल है. ऐसे में व्यापारियों के चेहरे भी चमक उठे हैं. व्यापारियों को उम्मीद है कि गरीब नवाज उनके 10 माह के नुकसान की भरपाई कर देंगे. देखिये यह खास रिपोर्ट
इरादे रोज बनते हैं और टूट जाते हैं. अजमेर वही आते हैं जिन्हे ख्वाजा बुलाते हैं. देश और दुनिया में ख्वाजा गरीब नवाज के चाहने वालों की कोई कमी नहीं है. ख्वाजा गरीब नवाज का उर्स चल रहा है. लिहाजा उनके चाहने वालों के कदम भी अजमेर की ओर लगातार बढ़ रहे हैं.
ख्वाजा गरीब नवाज के उर्स में हाजिरी देने की मन में इच्छा लिए जायरीन अजमेर आ रहे हैं. हालांकि तादाद इस बार कम है लेकिन दरगाह क्षेत्र के सभी बाजारों में रौनक बढ़ी है. होटल और गेस्ट हाउस में कमरे बुक हैं.
दुकानदारों ने भी उर्स में जायरीन की अच्छी आवक को देखते हुए पहले ही माल भर लिया था. पिछले वर्ष उर्स मेले के 10 दिन बाद से ही देश में कोरोना का संकट गहराया था और इस कारण देशभर में लॉक डाउन करना पड़ा था. जायरीन की आवक नहीं होने से क्षेत्र में व्यवसायिक गतिविधियां ठप पड़ गईं थीं.
लॉकडाउन खुलने के बाद भी कोरोना के संकट को देखते हुए जायरीन की आवक कम हो रही थी. दरगाह क्षेत्र में होटल, गेस्ट हाउस, दुकानदार टूर ऑपरेटर सहित विभिन्न व्यवसायिक गतिविधियां धीमी गति से चल रही थी. ख्वाजा गरीब नवाज का उर्स मेला अब शबाब पर है. दुकानदार बताते है कि कोरोना काल में व्यापारियों को काफी नुकसान हुआ है. ख्वाजा गरीब नवाज का उर्स मेला इस नुकसान की भरपाई कर देगा.
गेस्ट हाउस संचालक ने बताया कि उर्स मेले से रोनक बढ़ी है. खाली पड़े होटल गेस्ट हाउस जायरीन से आबाद हैं. कई जायरीन ने पहले से बुकिंग कर ली थी. आस्था की डोर ही ऐसी है कि जो एक बार बारगाह ए गरीब नवाज में आता है वो बार बार आने की ख्वाहिश रखता है.
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देश के कोने कोने से आशिकाने गरीब नवाज दिल अक़ीदा लिए मोहब्बत की डोर से खिंचे चले आ रहे हैं. गुजरात राजकोट से दरगाह में हाजरी देने आए स्माईल भाई बताते हैं कि ख्वाजा के दर पर आने से सुकून मिलता है. मन की मुरादें पूरी होती हैं. इसलिए उर्स में ही नही हर छठी पर वह 22 वर्षों से अजमेर आ रहे हैं.
जम्मू कश्मीर से आए नदीम बताते हैं कि ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह में आने का उन्हें दूसरी बार मौका मिल रहा है. उन्होंने कहा कि ख्वाजा के दर पर हर मुराद पूरी होती है. यहां रौनक ऐसे ही बनी रहे और देश और दुनिया से कोरोना का खात्मा हो जाए.
ख्वाजा गरीब नवाज के 809 वें उर्स मेले में पहुंचने वाले जायरीन अपने आप को खुशनसीब समझ रहे हैं कि उन्हें गरीब नवाज के दर पर हाजिरी लगाने का अवसर मिला. वहीं जायरीन की आवक को देखते हुए व्यापारी भी खुश है कि उनके व्यापार में बरकत होगी और गरीब नवाज सबकी झोलियां खुशियों से भरेंगे.