मैं कृष्ण भक्त बनना चाहता हूं... लेटर लिखा और घर छोड़ मथुरा जा पहुंचा बच्चाअजमेर. नाबालिग किशोरी का अपहरण कर देश के कई राज्यों में ले जाकर दुष्कर्म करने के मामले में अजमेर के पोक्सो विशेष न्यायालय संख्या -2 ने अहम फैसला सुनाया है. जहां न्यायाधीश ने आरोपी को दोषी करार देते हुए सजा और जुर्माने से दंडित किया है.
पोक्सो विशेष न्यायालय के विशिष्ठ लोक अभियोजक विक्रम सिंह शेखावत ने बताया कि 16 जून 2019 को गंज थाना क्षेत्र में रहने वाली किशोरी के परिजन की रिपोर्ट पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया था. परिजन ने रिपोर्ट में बताया कि किशोरी घर से आइसक्रीम लेने के लिए निकली थी और वापस नहीं लौटी, जब पता किया तो सामने आया कि उनके पड़ोस में किराए से रहने वाला मूलतः कलकत्ता निवासी नियामत उल्ला उर्फ जावेद उसका अपहरण कर के उसे ले गया है.
दी रिपोर्ट पर आरोपी जावेद के खिलाफ पुलिस ने मुकदमा दर्ज करके जांच की और आरोपी जावेद को गिरफ्तार किया. आरोपी पीड़िता को लखनऊ, कोलकाता सहित विभिन्न राज्यों में ले गया और उसके साथ दुष्कर्म किया. मामले में पुलिस में चालान पेश किया. इसके बाद अभियोजन पक्ष की ओर से 16 गवाह और 20 दस्तावेज प्रदर्शित करवाए गए. इन के मद्देनजर न्यायालय ने लगभग डेढ़ साल में फैसला सुनाया. जिसमें आरोपी जावेद को दस साल के कठोर कारावास और 61 हजार रुपए जुर्माने की सजा से दंडित किया.
साइबर अपराध से बचाने के लिए जागरूकता अभियान
अजमेर में नवनियुक्त पुलिस कप्तान जगदीश चंद्र शर्मा ने लोगों को साइबर अपराध से बचाने के लिए जागरूकता अभियान चलाने का फैसला किया है. मीडिया से बातचीत करते हुए पुलिस कप्तान जगदीश चंद्र शर्मा ने कहा कि आम जनता में जागरूकता की कमी के कारण लोग साइबर ठगी या साइबर अपराधों के शिकार हो जाते हैं. जनता को इन्हीं साइबर अपराधों से बचाने के लिए पुलिस प्रशासन द्वारा एक जागरूकता अभियान चलाया जाएगा.
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जिसके जरिए पुलिस आमजन स्वयंसेवी संस्थान सामाजिक कार्यकर्ताओं की मदद से लोगों को साइबर अपराधों के लिए जागरूक करेगी. इस अभियान के तहत हर एटीएम के बाहर एक सूची लगाई जाएगी जो लोगों को यह बताएगी कि उन्हें क्या करना चाहिए और क्या नहीं.