अजमेर. एसीबी ने 10 जून को ब्यावर में कार्रवाई करते हुए सुनील लखारा और भरत मंगल को ढाई लाख रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया था. इस मामले में ब्यावर नगर परिषद के 2 पार्षद कुलदीप बोहरा और सुरेंद्र सोनी फरार हो गए थे.
एएसपी सतनाम सिंह ने बताया कि 16 जून को पार्षद कुलदीप बोहरा को गिरफ्तार कर लिया गया था. लेकिन बीजेपी पार्षद सुरेंद्र सोनी फरार चल रहा था. मंगलवार को आरोपी सुरेंद्र सोनी ने अजमेर एसीबी कार्यालय में सरेंडर कर दिया. आरोपी को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया गया है.
उन्होंने बताया कि ब्यावर में परिवादी सीताराम ने एसीबी कार्यालय में शिकायत दी थी. सीताराम ने एक दुकान बनवाई थी, जिसकी शिकायत दोनों पार्षदों कुलदीप और सुरेंद्र ने नगर परिषद में कर दी थी. इसके बाद सेटलमेंट के लिए पार्षद सीताराम से रिश्वत की मांग कर रहे थे. 8 जून को एसीबी ने सीताराम की शिकायत का सत्यापन कराया.
इसमें सामने आया कि बीजेपी पार्षद कुलदीप बोहरा और सुरेंद्र सोनी ने परिवादी सीताराम से 3 लाख रुपए की डिमांड की थी. बातचीत में दोनों पक्षों के बीच ढाई लाख रुपए में शिकायत का सेटलमेंट करने पर बात बन गई.
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10 जून को पार्षदों ने अपने सहयोगी सुनील लखारा को सीताराम से रकम लेने के लिए भेजा. एसीबी ने सुनील लखारा को रकम के साथ गिरफ्तार किया था. मामले में भरत मंगल को भी गिरफ्तार किया गया. अब इस मामले में दो माह से फरार फरार भाजपा पार्षद सुरेंद्र सोनी की गिरफ्तारी भी हो चुकी है.
शिकायत का सेटलमेंट करने की एवज में मांगी थी रिश्वत
एसीबी के मुताबिक ब्यावर निवासी परिवादी हलवाई सीताराम ने 1 वर्ष पहले दुकान बनवाई थी. ब्यावर नगर परिषद के पार्षद सुरेंद्र सोनी और कुलदीप बोहरा ने सीताराम की शिकायत नगर परिषद में की थी. इस शिकायत का सेटलमेंट करने की एवज में दोनों पार्षद परिवादी सीताराम से 3 लाख रुपए की डिमांड कर रहे थे.