अजमेर. राजस्थान के शिक्षा मंत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा एक बार फिर अपने बयान को लेकर विवाद में हैं. डोटासरा पिछली बार शिक्षकों के साथ दुर्व्यवहार की वजह विवाद में फंस गए थे. इस बार फिर वह अपने एक बयान की वजह से विवादों में हैं.
दरअसल डोटासरा ने ग्राम पंचायत सहायक के प्रति दिए अपने बयान में उन्हें आरएसएस का एजेंट घोषित कर दिया. जिसकी वजह से प्रदेश भर के ग्राम पंचायत सहायकों में आक्रोश और गुस्से की लहर दौड़ गई है.
यह है पूरा मामला
दरअसल गोविंद सिंह डोटासरा ने 2 दिन पहले मीडिया से बात की थी. उस दौरान उन्होंने ग्राम पंचायत सहायकों पर टिप्पणी करते हुए उन्हें आरएसएस का एजेंट बता दिया था. इस पर प्रदेश भर के 27000 ग्राम पंचायत सहायक नाराज हो गए.
ग्राम पंचायत सहायकों ने इस संबंध में जिला कलक्टर कार्यालय पर धरना प्रदर्शन की बात कही. उनका कहना है कि सभी ग्राम पंचायत सहायक दो-दो विभागों में मात्र 6000 रुपए के न्यूनतम वेतन पर नियमित रूप से अपनी सेवाएं प्रदान कर रहे हैं. महामारी के दौर में भी उन्होंने कोरोना वॉरियर्स के रूप में अपनी सेवाएं पूरी निष्ठा के साथ प्रदान की.
कांग्रेस की सरकार ने सत्ता में आने से पूर्व अपने घोषणापत्र में सभी ग्राम पंचायत सहायकों को नियमित करने का वादा किया था, लेकिन आज 3 साल के बाद भी सरकार ने इस दिशा में कोई कदम नहीं उठाया है. जिसके बाद राजस्थान कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष और शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने उन्हें आरएसएस का एजेंट बता दिया.
ग्राम पंचायत सहायकों ने महा आंदोलन की दी चेतावनी
लंबे समय से अपने नियमितीकरण की मांग कर रहे ग्राम पंचायत सहायकों ने शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा के गैर जिम्मेदाराना बयान को लेकर महा आंदोलन करने की चेतावनी दी है. उनका कहना है कि शिक्षा मंत्री का दिया गया यह बयान इतना गैर जिम्मेदाराना है कि वह सोमवार के बाद कभी भी दिल्ली जाकर राष्ट्रीय कांग्रेस कमेटी से इस संबंध में शिकायत करेंगे.
गौरतलब है कि ग्राम पंचायत सहायक शिक्षा मित्र के रूप में पिछले 8 सालों से राज्य सरकार को अपनी सेवाएं प्रदान कर रही हैं. लेकिन शिक्षा मंत्री के बयान से आहत होकर उन्होंने महा आंदोलन की चेतावनी दी है.