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अजमेर: विश्व के दो अति प्राचीन कुबेर मंदिरों के खुले कपाट, धनतेरस के अवसर पर हुई विशेष पूजा-अर्चना - ajmer news

अजमेर के पुष्कर स्थित ब्रह्मा मंदिर में ब्रह्मा जी के द्वारपाल भगवान कुबेर की धनतेरस के अवसर पर विशेष पूजा अर्चना की गई. पंडितों ने वैदिक मंत्रोच्चार के साथ भगवान कुबेर का अभिषेक किया. बता दें कि साल में एक बार ही धनतेरस पर इस मंदिर के कपाट खुलते हैं.

ब्रह्मा मंदिर, अजमेर न्यूज, Brahma temple, ajmer news
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Published : Oct 25, 2019, 9:01 PM IST

पुष्कर (अजमेर). दीपावली के पहले धनतेरस पर यूं तो देश भर के बाजारों में खरीदारी का माहौल होता है. पर दुनिया से इतर साल में केवल एक दिन पुष्कर स्थित जगत पिता ब्रह्मा मंदिर में ब्रह्मा जी के द्वारपाल भगवान कुबेर की धनतेरस के अवसर पर विशेष पूजा अर्चना की जाती है.

ब्रह्मा मंदिर में भगवान कुबेर की विशेष पूजा-अर्चना

शुक्रवार को मंदिर की अस्थाई प्रबंधन समिति द्वारा मंदिर के कपाट खोले गए. पंडितों ने शुभ महूर्त में भगवान कुबेर की आरती उतारकर देश में खुशहाली और सुख समृद्धि की मनोकामना मांगी. इससे पहले वैदिक मंत्रोच्चार के साथ भगवान कुबेर का अभिषेक भी किया गया. पूर्व की प्रबंधन समिति से जुड़े अरुण पाराशर ने बताया कि सदियों से यह मान्यता रही है कि जगत पिता ब्रह्मा के द्वारपाल कुबेर घर में अन्न-धन की बारिश करते हैं. इसी मान्यता के चलते धनतेरस के अवसर पर साल में एक बार भगवान कुबेर का आव्हान कर देश में धन और लक्ष्मी की मनोकामना की जाती है.

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ज्योतिषी गणनाओं के अनुसार सालों बाद 2 दिन की धनतेरस का अवसर आया है. ज्योतिषविद कैलाश नाथ दाधीच ने बताया कि पौराणिक कथाओं के अंतर्गत आज के दिन ही देवी लक्ष्मी और भगवान कुबेर का प्रादुर्भाव हुआ था. इन पांच दिवसीय दीपोत्सव के क्रम में लक्ष्मी पूजन के पूर्व कुबेर पूजन किया जाता है, जिससे धन-धान्य और समृद्धि की प्राप्ति होती है. गौरतलब है कि साल में एक बार धनतेरस के अवसर पर इस मंदिर के कपाट खुलते हैं. मान्यता है कि भारत में बद्रीनाथ और ब्रह्मा मंदिर इन दो स्थानों पर ही भगवान कुबेर का प्राचीन मंदिर है.

पुष्कर (अजमेर). दीपावली के पहले धनतेरस पर यूं तो देश भर के बाजारों में खरीदारी का माहौल होता है. पर दुनिया से इतर साल में केवल एक दिन पुष्कर स्थित जगत पिता ब्रह्मा मंदिर में ब्रह्मा जी के द्वारपाल भगवान कुबेर की धनतेरस के अवसर पर विशेष पूजा अर्चना की जाती है.

ब्रह्मा मंदिर में भगवान कुबेर की विशेष पूजा-अर्चना

शुक्रवार को मंदिर की अस्थाई प्रबंधन समिति द्वारा मंदिर के कपाट खोले गए. पंडितों ने शुभ महूर्त में भगवान कुबेर की आरती उतारकर देश में खुशहाली और सुख समृद्धि की मनोकामना मांगी. इससे पहले वैदिक मंत्रोच्चार के साथ भगवान कुबेर का अभिषेक भी किया गया. पूर्व की प्रबंधन समिति से जुड़े अरुण पाराशर ने बताया कि सदियों से यह मान्यता रही है कि जगत पिता ब्रह्मा के द्वारपाल कुबेर घर में अन्न-धन की बारिश करते हैं. इसी मान्यता के चलते धनतेरस के अवसर पर साल में एक बार भगवान कुबेर का आव्हान कर देश में धन और लक्ष्मी की मनोकामना की जाती है.

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ज्योतिषी गणनाओं के अनुसार सालों बाद 2 दिन की धनतेरस का अवसर आया है. ज्योतिषविद कैलाश नाथ दाधीच ने बताया कि पौराणिक कथाओं के अंतर्गत आज के दिन ही देवी लक्ष्मी और भगवान कुबेर का प्रादुर्भाव हुआ था. इन पांच दिवसीय दीपोत्सव के क्रम में लक्ष्मी पूजन के पूर्व कुबेर पूजन किया जाता है, जिससे धन-धान्य और समृद्धि की प्राप्ति होती है. गौरतलब है कि साल में एक बार धनतेरस के अवसर पर इस मंदिर के कपाट खुलते हैं. मान्यता है कि भारत में बद्रीनाथ और ब्रह्मा मंदिर इन दो स्थानों पर ही भगवान कुबेर का प्राचीन मंदिर है.

Intro:दीपावली के पूर्व धनतेरस पर यू तो देश भर के बाजारों में खरीदारी का माहौल होता है । पर दुनिया से इतर वर्ष में केवल एक दिन पुष्कर स्थित जगत पिता ब्रह्मा मंदिर में ब्रह्मा जी के द्वारपाल भगवान कुबेर की धनतेरस के अवसर पर विशेष पूजा अर्चना की जाती है । Body:शुक्रवार को मंदिर की अस्थाई प्रबंधन समिति द्वारा मंदिर के कपाट खोले गए और शुभ महूर्त में भगवान कुबेर की आरती उतारकर देश में खुशहाली और सुख सम्रद्धि की मनोकामना मांगी। इससे पहले वैदिक मंत्रोच्चार के साथ भगवान कुबेर का अभिषेक भी किया गया। पूर्व की प्रबंधन समिति से जुड़े अरुण पाराशर ने बताया कि सदियों से यह मान्यता रही है कि जगत पिता ब्रह्मा के द्वारपाल कुबेर घर में अन्न धन की बारिश करते है इसी मान्यता के चलते धनतेरस के अवसर पर वर्ष में एक बार भगवान कुबेर का आव्हान कर देश में धन और लक्ष्मी की मनोकांमना की जाती है ।

बाइट-- अरुण पाराशर, सामाजिक कार्यकर्ता

ज्योतिषी गणनाओं के अनुसार वर्षों बाद 2 दिन की धनतेरस का अवसर आया है। ज्योतिषविद कैलाश नाथ दाधीच ने बताया कि पौराणिक कथाओं के अंतर्गत आज के दिन ही देवी लक्ष्मी और भगवान कुबेर का प्रादुर्भाव हुआ था । इन पांच दिवसीय दीपोत्सव के क्रम में लक्ष्मी पूजन के पूर्व कुबेर पूजन किया जाता है । जिससे धन धान्य और समृद्धि की प्राप्ति होती है।

बाइट-- कैलाश नाथ दाधीच, ज्योतिषविद
Conclusion:गौरतलब है कि साल में एक बार धनतेरस के अवसर पर इस मंदिर केे कपाट खुलते हैं । मान्यता है कि भारत में बद्रीनाथ एवं ब्रह्मा मंदिर इन दो स्थानों पर ही भगवान कुबेर का प्राचीन मंदिर है ।
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