ETV Bharat / city

चंद 'कागज के टुकड़ों' के लिए बेटे ने जंजीरों में जकड़ी पिता की जिंदगी, न्याय की गुहार लगाने पहुंचा कलेक्ट्रेट

पैसों के लिए अपने ही अपनों के दुश्मन बन जाते हैं. और वो इतने अमानवीय हो जाते हैं कि रिश्तों को ही ताक पर रख देते हैं. ऐसा ही कुछ घटित हुआ भीलवाड़ा निवासी किशन लाल से. अजमेर जिला कलेक्ट्रेट पर न्याय की गुहार लगाने पहुंचे किशन लाल ने ईटीवी भारत को बताई अपनी आपबीती...

जंजीरों में जकड़ी पिता की जिंदगी, Son tied father
जंजीरों में जकड़ी पिता की जिंदगी
author img

By

Published : Dec 5, 2019, 10:49 PM IST

अजमेर. भीलवाड़ा जिले के मांडलगढ़ तहसील के बार का खेड़ा गांव के रहने वाले किशन को उसके परिवार के लोगों ने ही बेड़ियों में बांध रखा था. उसके साथ आए दिन मारपीट की जाती थी. लेकिन गुरुवार को उसके एक मौका हाथ लगा और वो वहां से भाग निकला.

बेटे ने जंजीरों में जकड़ी पिता की जिंदगी

दिमागी तौर पर स्वस्थ होने के बावजूद बेड़ियों से बांधे रखने की वजह आप सुनेंगे तो हैरान होंगे. किशन बताते हैं कि उसका बेटा रामलाल व पुत्रवधु उनकी रेलवे ने अधिग्रहण के बाद मिली राशि हड़पना चाहते थे. लेकिन वो किशन को मंजूर नहीं था. विरोध करने पर बेटे ने उन्हें बेड़ियों से जकड़ दिया और आए दिन मारपीट की जाने लगी.

पढ़ेंः स्पेशल: रियासत काल की शान कही जाने वाली 'जैत सागर झील' अपनी बदहाली पर आंसू बहा रही, विकास की दरकार

आजाद होने में सफल हुए किशन ने अब अजमेर जिला कलेक्टर के पास न्याय की गुहार लगाई है. पीड़ित किशन लाल का कहना है कि प्रशासनिक अधिकारियों व पुलिस ने अभी तक उनकी कोई मदद नहीं की है. इसलिए वह आज अजमेर जिला कलेक्टर व आईजी से मुलाकात करने के लिए पहुंचे हैं.

पढ़ेंः Special: इन गांवों में लगे डीप बोर सर्दी में भी उगल रहे खौलता हुआ पानी, किसानों के लिए बना मुसीबत

किशन के मुताबिक कुछ समय पहले उनके खेत से रेलवे लाइन गुजरी थी. जिसकी एवज में प्रशासन ने उन्हें 20 लाख रुपए का मुआवजा मिला था. इसी राशि को हड़पने के लिए उनके बेटे ने उन्हें बेड़ियों में बांधे रखा. ना कुछ खाने को दिया गया और ना पीने को. अब किशन ने अपने परिजनों को पाबंद करने की अपील आला अधिकारियों से की है. किशन को उम्मीद है कि उसके साथ न्याय होगा और वो आजाद तरीके से अपने घर में रह सकेंगे.

अजमेर. भीलवाड़ा जिले के मांडलगढ़ तहसील के बार का खेड़ा गांव के रहने वाले किशन को उसके परिवार के लोगों ने ही बेड़ियों में बांध रखा था. उसके साथ आए दिन मारपीट की जाती थी. लेकिन गुरुवार को उसके एक मौका हाथ लगा और वो वहां से भाग निकला.

बेटे ने जंजीरों में जकड़ी पिता की जिंदगी

दिमागी तौर पर स्वस्थ होने के बावजूद बेड़ियों से बांधे रखने की वजह आप सुनेंगे तो हैरान होंगे. किशन बताते हैं कि उसका बेटा रामलाल व पुत्रवधु उनकी रेलवे ने अधिग्रहण के बाद मिली राशि हड़पना चाहते थे. लेकिन वो किशन को मंजूर नहीं था. विरोध करने पर बेटे ने उन्हें बेड़ियों से जकड़ दिया और आए दिन मारपीट की जाने लगी.

पढ़ेंः स्पेशल: रियासत काल की शान कही जाने वाली 'जैत सागर झील' अपनी बदहाली पर आंसू बहा रही, विकास की दरकार

आजाद होने में सफल हुए किशन ने अब अजमेर जिला कलेक्टर के पास न्याय की गुहार लगाई है. पीड़ित किशन लाल का कहना है कि प्रशासनिक अधिकारियों व पुलिस ने अभी तक उनकी कोई मदद नहीं की है. इसलिए वह आज अजमेर जिला कलेक्टर व आईजी से मुलाकात करने के लिए पहुंचे हैं.

पढ़ेंः Special: इन गांवों में लगे डीप बोर सर्दी में भी उगल रहे खौलता हुआ पानी, किसानों के लिए बना मुसीबत

किशन के मुताबिक कुछ समय पहले उनके खेत से रेलवे लाइन गुजरी थी. जिसकी एवज में प्रशासन ने उन्हें 20 लाख रुपए का मुआवजा मिला था. इसी राशि को हड़पने के लिए उनके बेटे ने उन्हें बेड़ियों में बांधे रखा. ना कुछ खाने को दिया गया और ना पीने को. अब किशन ने अपने परिजनों को पाबंद करने की अपील आला अधिकारियों से की है. किशन को उम्मीद है कि उसके साथ न्याय होगा और वो आजाद तरीके से अपने घर में रह सकेंगे.

Intro:अजमेर/ भीलवाड़ा जिले के मांडलगढ़ तहसील के बार का खेड़ा गांव का रहने वाला एक युवक बेड़ियों में बंधा हुआ पहुंचा युवक ने अपना नाम किशन बताया जो जिला मुख्यालय के बाहर अपनी पीड़ा बताने के लिए बेड़ियों को तोड़कर अजमेर जिला मुख्यालय पर पहुंचा था


जी हां यह है एक पिता जो किसी और से नहीं बल्कि अपने परिवार से पीड़ित है पीड़ित किशनलाल गुरुवार को हाथ व पांव में बंधी सांकल को तोड़कर जिला मुख्यालय पर अपनी पीड़ा बताते हुए न्याय की गुहार लगाने के लिए पहुंचा जहाँ किशनलाल का कहना है कि उसका बेटा रामलाल व पत्नी के साथ ही उसके पुत्रवधु रेलवे द्वारा अधिग्रहण के दौरान मिली राशि को हड़पने व खेती से दूर रखने के लिए उसके साथ आए दिन मारपीट करते थे और कई दिनों से किशन को घर के अंदर ही बेड़ियों से बांधकर रखा गया था




पीड़ित किशन लाल बेड़ियों को पत्थर से तोड़ कर प्रशासनिक अधिकारियों व पुलिस के पास पहुंचा लेकिन किसी भी व्यक्ति द्वारा उसकी कोई भी मदद नहीं की गई इसलिए वह आज अजमेर जिला कलेक्टर व आईजी से मुलाकात करने के लिए पहुंचा और अपनी आपबीती बताई पीड़ित का कहना है कि कुछ समय पहले उनके खेत से रेलवे ऑनलाइन गुजरी थी जिसकी एवज में प्रशासन ने उन्हें 20 लाख रुपए पैसों पर परिजनों ने अपना हक जताते हुए उसके साथ मारपीट की और अन्य जमीन को बेचने का लगातार दबाव बनाया जा रहा था


जिसकी खिलाफत करने पर उन्होंने किशनलाल के साथ मारपीट की और कई दिनों तक किशन को बांधकर रखा और ना पीने के पानी व खाने की भी कोई व्यवस्था की गई जब पीड़ित किशनलाल ने प्रशासन से गुहार लगाई कि उसके परिवार को जल्द से जल्द को पाबंद किया जाए उन पर कार्रवाई की जाए जिससे कि वह अपने घर जा सके


बाईट-किशनलाल पीड़ित






Body:अजमेर


Conclusion:अजमेर
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.