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अजमेर दरगाह में बुजुर्ग मां से बिछड़ा बेटा, मां का रो-रो कर बुरा हाल

महाराष्ट्र के संजय नगर से सूफी संत ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह में हाजिरी देने आई अमीना बेगम अपने बेटे से बिछड़ गई. अब उनकी निगाहें अपने बेटे की तलाश में है. अमीना बेगम ने बताया कि 4 महीने से ज्यादा का समय बीत चुका है और वह अपने बेटे को तलाश कर रही हैं.

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अजमेर दरगाह में बुजुर्ग मां से बिछड़ा बेटा
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Published : May 26, 2020, 10:16 AM IST

अजमेर. सूफी संत ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह पर जियारत करने महाराष्ट्र से आई अमीना बेगम अपने बेटे की तंदुरुस्ती और सलामती की दुआ मांगने ख्वाजा की चौखट पर पहुंची थी, लेकिन उनका बेटा उनसे बिछड़ गया और अब उनकी निगाहें अपने बेटे की तलाश में है. अमीना बेगम ने बताया कि 4 महीने से ज्यादा का समय बीत चुका है और वह अपने बेटे को तलाश कर रही हैं.

अजमेर दरगाह में बुजुर्ग मां से बिछड़ा बेटा

वहीं, अमीना बेगम का कहना है कि वह दरगाह थाने में भी गई थी, लेकिन वहां से भी उनको निराश ही लौटना पड़ा और अब उनके बेटे की तलाश कब जाकर खत्म होगी यह भी पता नहीं. अमीना अपने बेटे अब्दुल रज्जाक को 4 महीने पहले अजमेर में लेकर आई थी. जहां 2 महीने तक वह मीरा दातार में अपने बेटे के साथ हाजिरी देती रही, लेकिन उसके बाद उनका बेटा कहीं बिछड़ गया.

पढ़ेंः बड़ा फैसला: गहलोत सरकार ने लॉकडाउन 4.0 में छूट का दायरा और बढ़ाया, जानिए किन प्रतिबंधों से हटी रोक

अमीना बेगम ने बताया कि सब उसे पागल समझकर इधर से उधर भगा देते हैं, लेकिन उन्हें उम्मीद है कि वह जिस दरबार पर आई हैं उस दरबार से वह कभी खाली हाथ लौट कर नहीं जाएगी. महाराष्ट्र के संजय नगर से आई अमीना लॉकडाउन के बीच अजमेर में ही फंस गई और अब उनका बेटा कहां है किसी को भी पता नहीं. ईटीवी भारत ने उनकी पीड़ा सुनकर उनको अधिकारी से मिलवाया, जिसके बाद उनके बेटे की तलाश की शुरू की गई.

अजमेर. सूफी संत ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह पर जियारत करने महाराष्ट्र से आई अमीना बेगम अपने बेटे की तंदुरुस्ती और सलामती की दुआ मांगने ख्वाजा की चौखट पर पहुंची थी, लेकिन उनका बेटा उनसे बिछड़ गया और अब उनकी निगाहें अपने बेटे की तलाश में है. अमीना बेगम ने बताया कि 4 महीने से ज्यादा का समय बीत चुका है और वह अपने बेटे को तलाश कर रही हैं.

अजमेर दरगाह में बुजुर्ग मां से बिछड़ा बेटा

वहीं, अमीना बेगम का कहना है कि वह दरगाह थाने में भी गई थी, लेकिन वहां से भी उनको निराश ही लौटना पड़ा और अब उनके बेटे की तलाश कब जाकर खत्म होगी यह भी पता नहीं. अमीना अपने बेटे अब्दुल रज्जाक को 4 महीने पहले अजमेर में लेकर आई थी. जहां 2 महीने तक वह मीरा दातार में अपने बेटे के साथ हाजिरी देती रही, लेकिन उसके बाद उनका बेटा कहीं बिछड़ गया.

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अमीना बेगम ने बताया कि सब उसे पागल समझकर इधर से उधर भगा देते हैं, लेकिन उन्हें उम्मीद है कि वह जिस दरबार पर आई हैं उस दरबार से वह कभी खाली हाथ लौट कर नहीं जाएगी. महाराष्ट्र के संजय नगर से आई अमीना लॉकडाउन के बीच अजमेर में ही फंस गई और अब उनका बेटा कहां है किसी को भी पता नहीं. ईटीवी भारत ने उनकी पीड़ा सुनकर उनको अधिकारी से मिलवाया, जिसके बाद उनके बेटे की तलाश की शुरू की गई.

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