अजमेर. ख्वाजा गरीब नवाज के उर्स का झंडा गुरुवार के दिन पेश होगा. जिसे भीलवाड़ा को गौरी परिवार द्वारा इस रस्म को अदा किया जाएगा. यह रस्म गौरी परिवार ही काफी वर्षों से अदा कर रहा है.
बता दें, कि हर वर्ष की भांति विश्व विख्यात सूफी हजरत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह पर उर्स शुरू होने से पूर्व भीलवाड़ा का गौरी परिवार ख्वाजा साहब की दरगाह के बुलंद दरवाजे पर झंडा पेश करता है. इस परंपरा के चलते इस साल भी भीलवाड़ा का गौरी परिवार अजमेर दरगाह पर पहुंच चुका है, जहां गुरुवार को अर्स की नमाज के बाद दरगाह बुलंद दरवाजे पर इस झंडे को पेश किया जाएगा.
पढ़ेंः अजमेर में 26 और 27 फरवरी को होगा प्रकृति मेले का आयोजन
दरअसल, यह परंपरा वर्षों से इसी प्रकार से निभाई जा रही है. झंडे की रस्म होने के बाद ख्वाजा गरीब नवाज के उर्स की अनौपचारिक शुरुआत हो जाती है. चांद दिखने के बाद उस की औपचारिक शुरुआत के बाद रस्मों का संचालन यहां शुरू हो जाता है.
1928 से चली आ रही रस्म-ए-अदाएगी...
सन 1928 से फखरुद्दीन गौरी के पीर मुर्शिद अब्दुल सत्तार बादशाह झंडे की रस्म को अदा किया करते थे. जिसके बाद 1944 में उनके दादा लाल मोहम्मद गौरी को यह जिम्मेदारी सौंपी गई.
पढ़ेंः ब्यावर में बंद ई-मित्र कियोस्क को लेकर बढ़ा विरोध, दोबारा संचालित करने की मांग
गरीब नवाज के 808वें सालाना उर्स की तैयारियों को लेकर जिला कलेक्टर ने अधिकारीयों के साथ ली बैठक...
विश्व प्रसिद्ध उर्स मेले की तैयारियों के समस्याओं को लेकर बुधवार को संभागीय आयुक्त के निर्देशन में अंतिम बैठक का आयोजन किया गया. इस बैठक में दरगाह कमेटी सदर अमीन खान पठान के साथ ही अंजुमन कमेटी जिला कलेक्टर विश्व मोहन शर्मा के साथ ही जीआरपी एसपी सहित तमाम प्रशासनिक अधिकारी मौजूद रहे. ख्वाजा गरीब नवाज के 808वें सालाना उर्स के मौके पर आयोजन को लेकर बैठक में पानी बिजली के साथ ही चिकित्सा व्यवस्था को माकूल इंतजाम करने और कायड़ से दरगाह के बीच यातायात को सुगम बनाने और खाने की व्यवस्था को भी सही रखने के साथ-साथ सांस्कृतिक कार्यक्रमों को लेकर भी चर्चा की गई.