ETV Bharat / city

Sarva Pitru Amavasya 2022: पुष्कर में पितरों के निमित्त श्राद्ध कर्म एवं दान करने का है विशेष महत्व - Rajasthan Hindi News

हिंदू धर्म में श्राद्ध पक्ष का विशेष महत्व है. वहीं श्राद्ध पक्ष में सर्वपितृ अमावस्या को (Sarva Pitru Amavasya 2022) भी विशेष दिन माना जाता है. यह दिन भूले बिसरे पितरों के अलावा अकाल मृत्यु को प्राप्त दिवंगत के निमित्त तीर्थ नगरी पुष्कर में श्राद्ध एवं तर्पण का विधान है. यही वजह है कि 25 सितंबर रविवार को बड़ी संख्या में लोग पुष्कर आएंगे.

Sarva Pitru Amavasya 2022
सर्वपितृ अमावस्या
author img

By

Published : Sep 22, 2022, 8:57 PM IST

Updated : Sep 22, 2022, 10:59 PM IST

अजमेर. श्राद्ध पक्ष का हिन्दू धर्म में विशेष महत्व है. श्राद्ध पक्ष पितरों को सम्मान देने और उनके (Sarva Pitru Amavasya 2022) लिए श्रद्धा प्रकट करने का पर्व है. कहा जाता है कि श्रद्धा बिना श्राद्ध संभव नहीं है. वर्ष में 16 दिन श्राद्ध पक्ष रहते हैं. इसमें हिन्दू कैलेंडर के मुताबिक पितरों के निधन की तिथि के अनुसार श्राद्ध करने का विधान है. श्राद्ध पक्ष का अंतिम दिन सर्वपितृ अमावस्या 25 सितंबर को है.

पुष्कर के तीर्थ पुरोहित पंडित कैलाश शर्मा बताते हैं कि पितृ अमावस्या पर नारायण बलि, पिंड दान, पिंड श्राद्ध, एक पिंडिय श्राद्ध एवं तर्पण करने का विधान है. यह कर्म करने से पितरों को शांति एवं मोक्ष की प्राप्ति भी होती है. पंडित शर्मा ने बताया कि ऐसे लोग जिन्होंने वर्ष भर में पितरों का श्राद्ध एवं उनके निमित्त दान धर्म नहीं किया है, वो पितृ अमावस्या पर श्राद्ध कर्म और दान कर सकते हैं. उन्होंने बताया कि जिन लोगों की अकाल मृत्यु हुई है, ऐसे पितरों की आत्मा की शांति और गति के लिए यह दिन उपयुक्त है.

श्राद्ध कर्म एवं दान करने का है विशेष महत्व.

पढ़ें. श्राद्ध पक्ष 2022: शहरों में नहीं मिल रहे कौवे, तो इन्‍हें भोग लगा कर सकते हैं पितरों को प्रसन्न

दान का है विशेष महत्व : पंडित कैलाश नाथ शर्मा बताते हैं कि श्राद्ध कर्म करवाने के उपरांत (Importance of Sarva Pitru Amavasya) अपने पूर्वजों के निमित्त दान-धर्म करना श्रेष्ठ माना जाता है. खासकर पितरों को जो भी खाद्य एवं अन्य वस्तुए पसंद थी, वहीं वस्तुएं दान करना उचित माना गया है. उन्होंने बताया कि पदम पुराण, विष्णु पुराण, अग्नि पुराण के अलावा पितर संहिता में भी इसका उल्लेख है. इन धर्म शास्त्रों के अलावा ज्योतिष शास्त्र में भी लिखा है कि पितरों के निमित्त दान की गई वस्तुएं उन तक पहुंचती हैं. वहीं पितरों के निमित्त किए गए अनुष्ठान से कई गुना पुण्य, पितरों के निमित्त श्राद्ध कर्म और दान करने वाले जातक को भी मिलता है.

होटल, धर्मशालाओं एवं पुरोहितों की एडवांस बुकिंग : सर्वपितृ अमावस्या पर पुष्कर में श्राद्ध कर्म (Sarva Pitru Amavasya in Pushkar) करवाने के लिए दूरदराज से आने वाले लोगों ने होटल, धर्मशाला के अलावा तीर्थ पुरोहितों की भी एडवांस बुकिंग कर ली है. देशभर से बड़ी संख्या में श्रद्धालु सर्वपितृ अमावस्या पर पुष्कर पहुंचेंगे.

अजमेर. श्राद्ध पक्ष का हिन्दू धर्म में विशेष महत्व है. श्राद्ध पक्ष पितरों को सम्मान देने और उनके (Sarva Pitru Amavasya 2022) लिए श्रद्धा प्रकट करने का पर्व है. कहा जाता है कि श्रद्धा बिना श्राद्ध संभव नहीं है. वर्ष में 16 दिन श्राद्ध पक्ष रहते हैं. इसमें हिन्दू कैलेंडर के मुताबिक पितरों के निधन की तिथि के अनुसार श्राद्ध करने का विधान है. श्राद्ध पक्ष का अंतिम दिन सर्वपितृ अमावस्या 25 सितंबर को है.

पुष्कर के तीर्थ पुरोहित पंडित कैलाश शर्मा बताते हैं कि पितृ अमावस्या पर नारायण बलि, पिंड दान, पिंड श्राद्ध, एक पिंडिय श्राद्ध एवं तर्पण करने का विधान है. यह कर्म करने से पितरों को शांति एवं मोक्ष की प्राप्ति भी होती है. पंडित शर्मा ने बताया कि ऐसे लोग जिन्होंने वर्ष भर में पितरों का श्राद्ध एवं उनके निमित्त दान धर्म नहीं किया है, वो पितृ अमावस्या पर श्राद्ध कर्म और दान कर सकते हैं. उन्होंने बताया कि जिन लोगों की अकाल मृत्यु हुई है, ऐसे पितरों की आत्मा की शांति और गति के लिए यह दिन उपयुक्त है.

श्राद्ध कर्म एवं दान करने का है विशेष महत्व.

पढ़ें. श्राद्ध पक्ष 2022: शहरों में नहीं मिल रहे कौवे, तो इन्‍हें भोग लगा कर सकते हैं पितरों को प्रसन्न

दान का है विशेष महत्व : पंडित कैलाश नाथ शर्मा बताते हैं कि श्राद्ध कर्म करवाने के उपरांत (Importance of Sarva Pitru Amavasya) अपने पूर्वजों के निमित्त दान-धर्म करना श्रेष्ठ माना जाता है. खासकर पितरों को जो भी खाद्य एवं अन्य वस्तुए पसंद थी, वहीं वस्तुएं दान करना उचित माना गया है. उन्होंने बताया कि पदम पुराण, विष्णु पुराण, अग्नि पुराण के अलावा पितर संहिता में भी इसका उल्लेख है. इन धर्म शास्त्रों के अलावा ज्योतिष शास्त्र में भी लिखा है कि पितरों के निमित्त दान की गई वस्तुएं उन तक पहुंचती हैं. वहीं पितरों के निमित्त किए गए अनुष्ठान से कई गुना पुण्य, पितरों के निमित्त श्राद्ध कर्म और दान करने वाले जातक को भी मिलता है.

होटल, धर्मशालाओं एवं पुरोहितों की एडवांस बुकिंग : सर्वपितृ अमावस्या पर पुष्कर में श्राद्ध कर्म (Sarva Pitru Amavasya in Pushkar) करवाने के लिए दूरदराज से आने वाले लोगों ने होटल, धर्मशाला के अलावा तीर्थ पुरोहितों की भी एडवांस बुकिंग कर ली है. देशभर से बड़ी संख्या में श्रद्धालु सर्वपितृ अमावस्या पर पुष्कर पहुंचेंगे.

Last Updated : Sep 22, 2022, 10:59 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.