अजमेर. साल के पहले दिन प्रदेश में महिलाएं और बालिकाएं कुछ अलग ही अंदाज में दिखी. दरअसल पुलिस लाइन में बालिकाओं और महिलाओं को जूड़ो-कराटे और बॉक्सिंग के दांव पेच सिखाने की शुरुआत की गई. बालिकाओं में सेल्फ डिफेंस ट्रेनिंग को लेकर जोश और उत्साह नजर आया.
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के आदेश पर पुलिस मुख्यालय ने सभी जिलों में आत्मरक्षा प्रशिक्षण केंद्रों की शुरुआत की है. पुलिस लाइन स्थित केंद्र में महिलाओं और बालिकाओं को आत्मरक्षा के दांव पेच सिखाने की शुरुआत की गई. पुलिस अधीक्षक कुंवर राष्ट्रदीप ने कहा कि छेड़छाड़ और दुष्कर्म के बढ़ते मामले चिंताजनक है. महिलाओं बालिकाओं को सशक्त बनाने के लिए आत्मरक्षा प्रशिक्षण की शुरुआत की गई है. जहां जूड़ो-कराटे, बॉक्सिंग के गुर सीख कर वह किसी भी आपातस्थिति से स्वयं मुकाबला कर सकती है. इसके अलावा पुलिस उनकी सुरक्षा के लिए सदैव तत्पर है महिला हेल्पलाइन व्हाट्सएप नंबर भी दिए गए हैं.
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पुलिस अधीक्षक ने कहा कि घरों में बच्चों को महिलाओं सम्मान करना सिखाना चाहिए. बच्चों को बताना चाहिए कि लड़कियों को या महिलाओं को आपत्तिजनक शब्द नहीं बोले. अगर इसके बावजूद भी बच्चा ऐसे करे तो उसे तत्काल समाझाना चाहिए. इससे पुरुषों और बच्चों में महिलाओं के प्रति सम्मान के भाव विकसित होंगे.
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डीजीपी डॉक्टर भूपेंद्र यादव के अनुसार प्रत्येक जिले में आत्मरक्षा प्रशिक्षण केंद्र स्थापित किया गया है. जिसमें महिलाओं बालिकाओं को आत्मरक्षा सेल्फ डिफेंस के गुर सिखाए जाएंगे. प्रशिक्षण की अवधि सात दिवसीय होगी. वहीं केंद्रों पर कामकाजी महिलाएं, गृहणी, स्कूल कॉलेज और विश्वविद्यालय में अध्ययनरत बालिकाओं और विभिन्न संगठनों संस्थाओं में कार्यरत महिलाएं आत्मरक्षा प्रशिक्षण प्राप्त कर सकेगी.