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अजमेर: नाई की कैंची पर कोरोना की मार, 15 हजार से अधिक व्यापारियों की टूटी कमर

कोरोना वायरस की मार देश के कई तबकों पर पड़ी है, जिन पर आर्थिक संकट खड़ा हो गया है. इसमें देश का एक ऐसा भी वर्ग शामिल है, जो कहीं न कहीं रोज कमाकर खाने वाले है. इनमें देश की सैलून इंडस्ट्री भी शामिल है, जिसकी कमर इन दो महीनों में पूरी तरह टूट चुकी है. इसके चलते अजमेर जिले के लगभग 15 हजार से ज्यादा लोग बेरोजगार हो गए है.

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Published : May 17, 2020, 8:16 PM IST

ajmer news, अजमेर की खबर
सैलून व्यापारियों पर पड़ा आर्थिक संकट

अजमेर. देशभर में कोरोना संक्रमण के चलते हुए लॉकडाउन से दुकानें बंद चल रही है, जिससे लाखों लोगों पर आर्थिक संकट खड़ा हो गया है. इसमें सैलून इंडस्ट्री भी शामिल है, जिसकी कमर इस लॉकडाउन में पूरी तरह से टूट चुकी है. देश में चल रहे लॉकडाउन को 50 दिन से ज्यादा का समय बीत चुका है. लेकिन अब तक सैलून व्यापारी को राजस्थान सरकार की ओर से किसी भी तरह की राहत प्रदान नहीं की गई है. लॉकडाउन के चलते सैलून नहीं खुल पाने से व्यापारी काफी परेशान हो पा रहे हैं. काम ठप्प होने के बाद अब उनकी आर्थिक स्थिति भी धीरे-धीरे बिगड़ने लगी है, जिससे उन्हें खाने के लाले पड़ने लगे है.

सैलून व्यापारियों पर पड़ा आर्थिक संकट

सैलून व्यापारी हरि सेन ने जानकारी देते हुए बताया कि जिस तरह से उनकी आर्थिक स्थिति बिगड़ती जा रही है. उस पर राजस्थान सरकार और देश के प्रधानमंत्री को गौर करने की जरूरत है. देश में लॉकडाउन लगने से कई दुकानदारों सहित सैलून और ब्यूटी पार्लर को भी काफी घाटा हुआ है.

पढ़ें- अजमेरः कोरोना के संकट के बीच राजस्थान में फिर टिड्डी हमला

बात करें अजमेर की तो जिले में लगभग 11 से 12 हजार सैलून की दुकानें संचालित होती है. वहीं, अजमेर शहर की बात की जाए तो 2 हजार से लेकर 2500 तक दुकानें संचालित होती है. इस व्यापार से जुड़े परिवारों पर अब आर्थिक संकट आन पड़ा है. वहीं, जिले में लगभग 15 हजार से ज्यादा लोग इस रोजगार से जुड़े हुए है. जिनकी इन हालातों ने कमर तोड़ कर रख दी है.

सैलून व्यापारियों पर पड़ा आर्थिक संकट

कर्मचारी महेंद्र सेन ने जानकारी देते हुए बताया कि वह सैलून की दुकान पर कार्य करता है, जहां उसकी तनख्वाह हर महीने 12 हजार है. लेकिन 2 महीनों से काम बंद होने के बाद एक भी रुपया उसकी जेब में नहीं आया है. वहीं, खर्चों की बात की जाए तो खर्चे उसी तरह से ही हो रहे है, जैसे पहले हुआ करते थे. ऐसे में उनकी सरकार से मांग है कि सैलून की दुकानों को जल्द से जल्द खोला जाए. और तो और राज्य और केंद्र सरकार सैलून व्यापारियों की आर्थिक मदद की घोषणा भी करें.

नए नियमों के साथ शुरू होगी फिर से सैलून इंडस्ट्री

सैलून व्यापारी हरि सेन ने जानकारी देते हुए बताया कि राजस्थान सरकार की ओर से अगर सैलून व्यापारियों को छूट भी दे दी जाती है तो उसके लिए नए नियम और नई शर्तें भी लागू होगी. अब दुकान पर पूरी तरह से ही सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखा जाएगा. दुकान पर ज्यादा भीड़ ना हो, इसका भी खासतौर से ध्यान रखा जाएगा.

इसके साथ ही हेयर कटिंग करने वाले ग्राहक को फोन पर अपॉइंटमेंट देने के बाद ही दुकान पर बुलाया जाएगा, जिससे ज्यादा से ज्यादा भीड़ दुकान पर ना हो. वहीं, सेन ने बताया कि हेयर सैलून व्यापारी को छूट देने के बाद जब तक इस कोरोना महामारी से पूरी तरह निजात नहीं मिल जाती है. सिर्फ और सिर्फ ग्राहकों की हेयर कटिंग की जाएंगी. वहीं, ग्राहकों की दाढ़ी बनाने के लिए उसे मना कर दिया जाएगा.

शोरकार्य व्यापारी संरक्षक ने लिखा पत्र

शोरकार्य व्यापारी संरक्षक एवं पूर्व पार्षद राम सिंह सेन ने जानकारी देते हुए बताया कि लॉकडाउन के बाद सैलून व्यापारियों को काफी नुकसान हुआ है. उन्होंने कहा कि ना तो वह बीपीएल की श्रेणी में आते है और ना ही उन्हें सरकार की ओर से किसी भी तरह की आर्थिक सहायता दी जा रही है. ऐसे में सैलून व्यापारियों को परिवार का भरण-पोषण करने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. सेन ने बताया कि उन्होंने मुख्यमंत्री गहलोत को भी पत्र लिखा है, जिस तरह से अनुमानित पूरा सेन समाज इस कार्य से जुड़ा है, उनको ऐसी महामारी के बीच राहत प्रदान की जाए.

सैलून व्यापारियों को करोड़ों का हुआ नुकसान

कोरोना संक्रमण के चलते हुए लॉकडाउन से सैलून व्यापार को करोड़ों का नुकसान का सामना करना पड़ा है. इस घाटे से उबरने के लिए और व्यापार को फिर से पुनर्स्थापित करने के लिए उन्हें काफी समय लगेगा. वहीं, जिले के ब्यूटी पार्लर व्यापारियों की माने तो दुकान पर कार्य करने वाले कर्मचारियों की तनख्वाह भी अब निकलना मुश्किल हो चुका है. इसके अलावा पार्लर का किराया, लाइट का बिल भी अभी बाकी है.

अजमेर. देशभर में कोरोना संक्रमण के चलते हुए लॉकडाउन से दुकानें बंद चल रही है, जिससे लाखों लोगों पर आर्थिक संकट खड़ा हो गया है. इसमें सैलून इंडस्ट्री भी शामिल है, जिसकी कमर इस लॉकडाउन में पूरी तरह से टूट चुकी है. देश में चल रहे लॉकडाउन को 50 दिन से ज्यादा का समय बीत चुका है. लेकिन अब तक सैलून व्यापारी को राजस्थान सरकार की ओर से किसी भी तरह की राहत प्रदान नहीं की गई है. लॉकडाउन के चलते सैलून नहीं खुल पाने से व्यापारी काफी परेशान हो पा रहे हैं. काम ठप्प होने के बाद अब उनकी आर्थिक स्थिति भी धीरे-धीरे बिगड़ने लगी है, जिससे उन्हें खाने के लाले पड़ने लगे है.

सैलून व्यापारियों पर पड़ा आर्थिक संकट

सैलून व्यापारी हरि सेन ने जानकारी देते हुए बताया कि जिस तरह से उनकी आर्थिक स्थिति बिगड़ती जा रही है. उस पर राजस्थान सरकार और देश के प्रधानमंत्री को गौर करने की जरूरत है. देश में लॉकडाउन लगने से कई दुकानदारों सहित सैलून और ब्यूटी पार्लर को भी काफी घाटा हुआ है.

पढ़ें- अजमेरः कोरोना के संकट के बीच राजस्थान में फिर टिड्डी हमला

बात करें अजमेर की तो जिले में लगभग 11 से 12 हजार सैलून की दुकानें संचालित होती है. वहीं, अजमेर शहर की बात की जाए तो 2 हजार से लेकर 2500 तक दुकानें संचालित होती है. इस व्यापार से जुड़े परिवारों पर अब आर्थिक संकट आन पड़ा है. वहीं, जिले में लगभग 15 हजार से ज्यादा लोग इस रोजगार से जुड़े हुए है. जिनकी इन हालातों ने कमर तोड़ कर रख दी है.

सैलून व्यापारियों पर पड़ा आर्थिक संकट

कर्मचारी महेंद्र सेन ने जानकारी देते हुए बताया कि वह सैलून की दुकान पर कार्य करता है, जहां उसकी तनख्वाह हर महीने 12 हजार है. लेकिन 2 महीनों से काम बंद होने के बाद एक भी रुपया उसकी जेब में नहीं आया है. वहीं, खर्चों की बात की जाए तो खर्चे उसी तरह से ही हो रहे है, जैसे पहले हुआ करते थे. ऐसे में उनकी सरकार से मांग है कि सैलून की दुकानों को जल्द से जल्द खोला जाए. और तो और राज्य और केंद्र सरकार सैलून व्यापारियों की आर्थिक मदद की घोषणा भी करें.

नए नियमों के साथ शुरू होगी फिर से सैलून इंडस्ट्री

सैलून व्यापारी हरि सेन ने जानकारी देते हुए बताया कि राजस्थान सरकार की ओर से अगर सैलून व्यापारियों को छूट भी दे दी जाती है तो उसके लिए नए नियम और नई शर्तें भी लागू होगी. अब दुकान पर पूरी तरह से ही सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखा जाएगा. दुकान पर ज्यादा भीड़ ना हो, इसका भी खासतौर से ध्यान रखा जाएगा.

इसके साथ ही हेयर कटिंग करने वाले ग्राहक को फोन पर अपॉइंटमेंट देने के बाद ही दुकान पर बुलाया जाएगा, जिससे ज्यादा से ज्यादा भीड़ दुकान पर ना हो. वहीं, सेन ने बताया कि हेयर सैलून व्यापारी को छूट देने के बाद जब तक इस कोरोना महामारी से पूरी तरह निजात नहीं मिल जाती है. सिर्फ और सिर्फ ग्राहकों की हेयर कटिंग की जाएंगी. वहीं, ग्राहकों की दाढ़ी बनाने के लिए उसे मना कर दिया जाएगा.

शोरकार्य व्यापारी संरक्षक ने लिखा पत्र

शोरकार्य व्यापारी संरक्षक एवं पूर्व पार्षद राम सिंह सेन ने जानकारी देते हुए बताया कि लॉकडाउन के बाद सैलून व्यापारियों को काफी नुकसान हुआ है. उन्होंने कहा कि ना तो वह बीपीएल की श्रेणी में आते है और ना ही उन्हें सरकार की ओर से किसी भी तरह की आर्थिक सहायता दी जा रही है. ऐसे में सैलून व्यापारियों को परिवार का भरण-पोषण करने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. सेन ने बताया कि उन्होंने मुख्यमंत्री गहलोत को भी पत्र लिखा है, जिस तरह से अनुमानित पूरा सेन समाज इस कार्य से जुड़ा है, उनको ऐसी महामारी के बीच राहत प्रदान की जाए.

सैलून व्यापारियों को करोड़ों का हुआ नुकसान

कोरोना संक्रमण के चलते हुए लॉकडाउन से सैलून व्यापार को करोड़ों का नुकसान का सामना करना पड़ा है. इस घाटे से उबरने के लिए और व्यापार को फिर से पुनर्स्थापित करने के लिए उन्हें काफी समय लगेगा. वहीं, जिले के ब्यूटी पार्लर व्यापारियों की माने तो दुकान पर कार्य करने वाले कर्मचारियों की तनख्वाह भी अब निकलना मुश्किल हो चुका है. इसके अलावा पार्लर का किराया, लाइट का बिल भी अभी बाकी है.

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