अजमेर. ब्यावर के सदर थाना क्षेत्र के खरवा गांव में 6 जनवरी को कन्या स्कूल के पास पुरानी घुडशाला में मृत मिले जसराज की हत्या का खुलासा पुलिस ने कर दिया है. सदर थाना पुलिस ने मृतक जयराज के ही एक दोस्त को डिटेन किया है.
दोस्त ही निकला हत्यारा
शनिवार को सदर थाने में एक प्रेसवार्ता के दौरान प्रकरण का खुलासा करते हुए अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ग्रामीण किशनसिंह भाटी ने बताया कि जयराज की हत्या का मुख्य कारण दोनों दोस्तों के बीच हुआ एक छोटा का विवाद था. भाटी ने बताया कि इस मामले में पुलिस ने प्रकरण दर्ज कर जिला पुलिस अधीक्षक जगदीशचंद के निर्देश पर वृत्ताधिकारी वृत ब्यावर हीरालाल सैनी के सुपरविजन में एक टीम का गठन किया गया. गठित टीम ने आसपास के लोगों और जयराज के दोस्तों और परिजनों से पूछताछ की. मृतक को आखिरी समय जिस दोस्त के साथ देखा गया उस दोस्त से पूछताछ की गई तो उसने बताया कि जयराज की किसी लडकी से दोस्ती थी और लड़की के मामा ने जसराज के साथ मारपीट की थी.
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बेबुनियाद कहानी पर पुलिस को हुआ शक
मृतक के दोस्त ने जो कहानी सुनाई उन बातों की पुलिस टीम ने जब तस्दीक की तो सारी बातें काल्पनिक पाई गई. इसके बाद पुलिस का शक उसी बालक पर टिक गया. घटनास्थल के आने जाने वाले रास्तों पर लगे सीसीटीवी कैमरों के फुटेज चैक किये गये. जसराज के इस दोस्त की गतिविधियों पर निगरानी रखी गई. साथ ही मुखबीर भी सक्रिय किए गए. मुखबीर से प्राप्त सूचना के आधार पर मृतक बालक के साथ अक्सर रहने वाले और पांच जनवरी को साथ में पंतग उड़ा रहे बच्चे से प्रकरण में मृतक जयराज के हत्याकांड के बारे में गहनता से पूछताछ की गई तो मृतक के दोस्त ने जयराज की हत्या करना स्वीकार कर लिया.
जरा सी बात पर पहले घायल किया, फिर जलाने का प्रयास
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ग्रामीण किशनसिंह भाटी ने बताया कि प्रकरण में डिटेन किए गए बालक से की गई गहन पूछताछ में उसने बताया कि पंतग उड़ाने दौरान जब वह छत से उतर कर नीचे जाने लगा तो जयराज ने छत से खण्डर में बैठे दो-तीन सुअरों पर पत्थर फेंका था. सुअर भागे तो दोस्त सूअरों की चपेट में आ गया जिससे वह गिर गया और उसकी टी-शर्ट गंदी हो गई. इस बात को लेकर दोनों के बीच विवाद हो गया. टी-शर्ट गंदी होने के विवाद के चलते दोस्त ने पत्थर उठाकर जयराज की तरफ फेंका जो जसराज की कनपटी में लगा और वह बेहोश हो गया.
बेहोश होकर गिरने के बाद उसने जयराज को घसीटकर खंडहर कमरे में लेकर गया और जयराज के हाथ पैर बांध दिए. इसके बाद वह वहां से रवाना होकर अंडे के ठेले पर गया जहां से माचिस लेकर जयराज को जलाने के लिए कचरे के ढेर से प्लास्टिक के कट्टे लेकर आया और उस पर डाल कर जलाने का प्रयास किया.