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स्कूल प्राध्यापक भर्ती 2018 में चयनित अभ्यार्थियों ने निकाली RPSC की शव यात्रा

राजस्थान लोक सेवा आयोग की स्कूल प्राध्यापक भर्ती- 2018 के चयनित अभ्यार्थियों के आंदोलन को शनिवार को 12 दिन हो चुके हैं. अपने परिवार से दूर अजमेर में आयोग भवन से 100 मीटर की दूरी पर धरना दे रहे मानसिक तनाव से भी गुजर रहे हैं.

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स्कूल प्राध्यापक भर्ती 2018 में चयनित अभ्यर्थी
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Published : Mar 6, 2021, 10:34 PM IST

अजमेर. एक ओर आयोग की ओर से उन्हें कोई संतोषप्रद जवाब नहीं दिया जा रहा है. दूसरी ओर घर की चिंता उन्हें सता रही है. शनिवार को चयनित अभ्यार्थियों ने आरपीएससी की शव यात्रा निकाली. बीते 12 दिन से धरने पर बैठे चयनित अभ्यार्थियों ने परेशान होकर आरपीएससी की प्रतीकात्मक रूप से शव यात्रा निकाली. अभ्यार्थियों का कहना है कि 12 दिन से किसी भी अधिकारी ने उनकी कोई सुध नहीं ली और न ही अंतिम परिणाम घोषित करने को लेकर कोई सकारात्मक कदम आयोग ने उठाया.

स्कूल प्राध्यापक भर्ती 2018 में चयनित अभ्यर्थी

अभियर्थियों का कहना है कि 3 साल से अभ्यर्थी नौकरी का इंतजार कर रहे हैं. परिजनों ने पढ़ाया-लिखाया और उच्च शिक्षा की डिग्रियां दिलवाई. जब नौकरी लगी, स्कूल भी आवंटित हो गए. ऐसी स्थिति में उन्हें बाहर कर दिया गया. अभ्यर्थियों का कहना है कि जब सर्वोच्च न्यायालय ने आरपीएससी को अंतिम निर्णय लेने के निर्देश जारी कर दिए हैं. बावजूद इसके भर्ती को पूर्ण होने से आरपीएससी ने अटका रखा है.

यह भी पढ़ें: Army Recruitment Rally: जयपुर के CISF ग्राउंड पर 8 मार्च से शुरू होगी सेना भर्ती की दौड़

अभ्यार्थियों ने कहा कि पांच हजार चयनित स्कूल व्याख्याताओं के साथ अन्याय हो रहा है. धरना दे रहे इन चयनित अभ्यर्थियों में कई ऐसे हैं, जो परिवार में इकलौते कमाने वाले हैं. परिवार परेशान है, वहीं चयनित अभ्यर्थी मानसिक अवसाद से गुजर रहे हैं. उन्होंने सरकार और आरपीएससी से मांग की है कि अंतिम परिणाम जारी कर उन्हें जल्द नियुक्ति दी जाए.

अजमेर. एक ओर आयोग की ओर से उन्हें कोई संतोषप्रद जवाब नहीं दिया जा रहा है. दूसरी ओर घर की चिंता उन्हें सता रही है. शनिवार को चयनित अभ्यार्थियों ने आरपीएससी की शव यात्रा निकाली. बीते 12 दिन से धरने पर बैठे चयनित अभ्यार्थियों ने परेशान होकर आरपीएससी की प्रतीकात्मक रूप से शव यात्रा निकाली. अभ्यार्थियों का कहना है कि 12 दिन से किसी भी अधिकारी ने उनकी कोई सुध नहीं ली और न ही अंतिम परिणाम घोषित करने को लेकर कोई सकारात्मक कदम आयोग ने उठाया.

स्कूल प्राध्यापक भर्ती 2018 में चयनित अभ्यर्थी

अभियर्थियों का कहना है कि 3 साल से अभ्यर्थी नौकरी का इंतजार कर रहे हैं. परिजनों ने पढ़ाया-लिखाया और उच्च शिक्षा की डिग्रियां दिलवाई. जब नौकरी लगी, स्कूल भी आवंटित हो गए. ऐसी स्थिति में उन्हें बाहर कर दिया गया. अभ्यर्थियों का कहना है कि जब सर्वोच्च न्यायालय ने आरपीएससी को अंतिम निर्णय लेने के निर्देश जारी कर दिए हैं. बावजूद इसके भर्ती को पूर्ण होने से आरपीएससी ने अटका रखा है.

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अभ्यार्थियों ने कहा कि पांच हजार चयनित स्कूल व्याख्याताओं के साथ अन्याय हो रहा है. धरना दे रहे इन चयनित अभ्यर्थियों में कई ऐसे हैं, जो परिवार में इकलौते कमाने वाले हैं. परिवार परेशान है, वहीं चयनित अभ्यर्थी मानसिक अवसाद से गुजर रहे हैं. उन्होंने सरकार और आरपीएससी से मांग की है कि अंतिम परिणाम जारी कर उन्हें जल्द नियुक्ति दी जाए.

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