अजमेर. कोरोना की दूसरी लहर अपने चरम पर पहुंच कर तबाही मचा रही है. हर तरफ बस परेशानियां ही परेशानियां नजर आ रही हैं. सरकार जनता को राहत देने के लिए अपनी पूरी ताकत लगा रही है. ऐसे में अब रोडवेज बस में भी यात्री कम आ रहे है. जिससे सरकार को काफी नुकसान हुआ है.
आम जनता की सुरक्षा के लिए लॉकडाउन
आम जनता को सुरक्षित रखने के लिए पूरे प्रदेश में लॉक डाउन लागू किया जा चुका है. प्रदेश में लॉकडाउन को जन अनुशासन पखवाड़े का नाम दिया गया. लॉकडाउन की वजह से पिछले साल की अर्थव्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई थी, इस बार भी लॉक डाउन की मार अर्थव्यवस्था को पूरी तरह से चौपट कर रही है, ना सिर्फ उद्योग धंधे बल्कि परिवहन उद्योग भी इसकी मार बुरी तरह झेल रहा है.
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रोडवेज का यात्री भार हुआ कम
रोडवेज के मुख्य प्रबंधक राकेश सारस्वत ने बताया कि लॉकडाउन की वजह से रोडवेज में यात्री भार पहले के मुकाबले काफी कम हो गया है. संक्रमण को रोकने के लिए सरकार की ओर से 50 प्रतिशत यात्री भार की ही अनुमति दी गई है. जिसकी वजह से रोडवेज में यात्री भार काफी कम हो गया है. वहीं दूसरी ओर आम जनता भी संक्रमण के डर से यात्रा करने से बच रही है.
रोडवेज से मिलने वाले रेवेन्यू में आई कमी
सारस्वत ने बताया कि रोडवेज की तरफ से सरकार को पहले 8 लाख रुपए कर रेवेन्यू मिल जाता था लेकिन उनकी वजह से रेवेन्यू में काफी कमी आई है। अभी रोडवेज की तरफ से मिलने वाला रेवेन्यू सिर्फ ढाई से 3 लाख रुपए तक ही रह गया है, जिससे सरकार को काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है.
गाड़ियों के डिपार्चर में आई कमी
पहले जहां केंद्रीय बस स्टैंड से करीब 700 बसें हर रोज रवाना होती थी, वहीं अब इस संख्या में भी कमी आ गई है. लॉकडाउन की वजह से अब सिर्फ 300 गाड़ियां हैं, केंद्रीय बस स्टैंड से रवाना हो रही है. इसकी वजह से यात्री भार और रेवेन्यू दोनों में भारी कमी आ गई है.
यात्री भार कम होने की वजह बना कोरोना संक्रमण
सारस्वत ने बताया की कोरोना संक्रमण जिस तरह से फैल रहा है, उसकी वजह से आम जनता काफी दहशत में है. इसकी वजह से लोग अपनी जान से हाथ धो रहे हैं, उसे देखते हुए अब कोई भी अनावश्यक रूप से यात्रा करना नहीं चाहता. इमरजेंसी होने पर यात्रा करना लाजमी है, लेकिन लोग भी अब स्थिति की गंभीरता को समझ कर घर में रहना उचित समझते हैं.
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परिस्थितियां संभलने की उम्मीद
उम्मीद पर दुनिया कायम है. सारस्वत ने कहा कि अभी भी रोडवेज प्रशासन को परिस्थितियों के संभलने की उम्मीद है, ताकि रोडवेज भी पटरी पर वापस आ सके. परिस्थितियां ठीक होते ही यात्री भार फिर से बढ़ेगा और रोडवेज की ओर से दिए जाने वाले रेवेन्यू में भी बढ़ोतरी होगी.