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CBSE 12वीं कक्षा की परीक्षा रद्द : फैसले से स्टूडेंट्स खुश भी और निराश भी, अभिभावकों को भी सता रही ये चिंता

कोरोना महामारी के मद्देजनर लाखों बच्चों के स्वास्थ को देखते हुए सीबीएसई 10वीं के बाद अब सीबीएसई 12वीं की परीक्षा भी रद्द हो चुकी है. 10वीं और 12वीं के परीक्षा परिणाम विद्यार्थियों के भविष्य की दिशा तय करते हैं. परीक्षा रद्द होने के बाद विद्यार्थियो में परीक्षा परिणाम को लेकर संशय की स्थिति बनी हुई है. मसलन 12 वीं कक्षा का परिणाम का मापदंड क्या होगा. इससे विद्यार्थियों के भविष्य पर क्या असर पड़ेगा. विद्यार्थी ही नहीं, अभिभावकों में भी इसको लेकर चिंता है. ईटीवी भारत ने विद्यार्थियों और अभिभावक से बारहवीं कक्षा की परीक्षा रद्द होने पर उनकी प्रतिक्रिया जानी. सीबीएसई 12वीं की परीक्षा रद्द होने पर स्टूडेंट्स और अभिभावकों की प्रतिक्रिया

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सीबीएसई 12वीं की परीक्षा रद्द होने पर स्टूडेंट्स और अभिभावकों की प्रतिक्रिया
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Published : Jun 2, 2021, 10:07 AM IST

अजमेर. कोरोना महामारी के दौरान पीएम नरेंद्र मोदी ने ट्वीट करके सीबीएसई के 12 बारहवीं कक्षा के विद्यार्थियों को बड़ी राहत दी है. इस महामारी में बच्चों को तनाव से दूर रखने का निर्णय विद्यार्थियों और अभिभावकों को पसंद आ रहा है, लेकिन अभिभावक और विद्यार्थी परिणाम को लेकर भी चिंतित है. दरअसल 4 मई को सीबीएसई की 10वीं परीक्षा रद्द हो चुकी है. उसके बाद 12वीं कक्षा की परीक्षा अभी मंगलवार को रद्द कर दी गई है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद ट्वीट करके घोषणा की है. ये निर्णय बच्चों के स्वास्थ्य और कोण महामारी में बच्चों पर परीक्षा को लेकर तनाव को देखते हुए लिया गया है. वहीं, विद्यार्थियों का मानना है कि ये निर्णय उनके स्वास्थ्य की दृष्टि से एकदम सही है, लेकिन इसका दूसरा पहलू देखा जाए तो क्रिस्टल एसे उनके भविष्य पर भी असर पड़ेगा.

सीबीएसई 12वीं की परीक्षा रद्द होने पर स्टूडेंट्स और अभिभावकों की प्रतिक्रिया

12वीं कक्षा की विज्ञान संकाय की छात्रा लक्षिता ने बताया कि परीक्षा के लिए उसने जी तोड़ मेहनत की थी. उन्होंने बताया कि इसके लिए कोचिंग भी की थी लेकिन परीक्षा नहीं होने से सारी मेहनत पर पानी फिर गया. हालांकि अभी की गई मेहनत आगे काम आएगी. उन्होंने बताया कि परीक्षा रद्द की गई है, लेकिन विद्यार्थियों का मूल्यांकन कैसे होगा इस बारे में संशय की स्थिति है. पिछले कई साल का स्कोर देखकर मूल्यांकन किया जाता है तो परिणाम प्रभावित होंगे. इसका असर भविष्य पर भी पड़ेगा. लक्षिता ने बताया कि 12वीं में अच्छे स्कूल आने के बाद जेईईई परीक्षा अच्छे अंकों में पास करने की उनकी योजना थी. उन्होंने बताया कि 12वीं परीक्षा के स्कोर इसमें मायने नहीं रखते, लेकिन अगर किसी अन्य क्षेत्र में जाने के लिए अच्छे कॉलेज में दाखिला प्राप्त करना हो तो अच्छे इसको बहुत मायने रखते हैं. परीक्षा रद्द होने से खुशी भी है, लेकिन साथ में परिणाम को लेकर संशय भी है.

पढ़ें: Modified Lockdown : शर्तों के साथ राजस्थान में आज से मिनी अनलॉक! जानिए क्या खुला रहेगा और क्या बंद

वहीं, 12वीं कक्षा की छात्रा कृति ने बताया कि 12वीं कक्षा की परीक्षा का परिणाम विद्यार्थियों के जीवन में बहुत ही मायने रखता है इस परिणाम से ही विद्यार्थियों का भविष्य तय होता है कि वह आगे किस दिशा में जाएंगे. अच्छे अंक अच्छे कॉलेज में दाखिला के लिए आवश्यक है. परीक्षा रद्द होने से विद्यार्थियों के मन को अच्छा लगेगा, लेकिन ये बात है कि 14 माह से 12वीं कक्षा में अच्छे स्कोर लाने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे बारहवीं कक्षा के सभी विद्यार्थी अब समान हो चुके हैं. सभी विद्यार्थियों को एक ही स्तर पर देखा जाएगा. विद्यार्थी होने के नाते मन को पूरी तरह से राहत नहीं मिली है. तनाव तो अभी भी है, क्योंकि पूरी तरह से यह स्पष्ट नहीं किया गया है कि किस तरीके से परिणाम दिए जाएंगे. बेहतरीन कॉलेज में दाखिले के लिए बारहवीं कक्षा के परीक्षा परिणाम बहुत ही मायने रखते हैं. जैसे एक चीज के दो पहलू होते हैं. परीक्षा रद्द होने से अच्छा भी लग रहा है और परिणाम को लेकर मन में संशय भी है. उन्होंने बताया कि डॉक्टर बनने का सोचा था, इसलिए पूरा फोकस अपने विषय पर दिया था. इसके लिए काफी मेहनत की थी. साथ ही इंजीनियर बनने का विचार भी मन में आ रहा था. अभी कुछ तय नहीं था. जिन विद्यार्थियों का परीक्षा को लेकर मुख्य फोकस रहा होगा, उन विद्यार्थियों को जरूर परीक्षा रद्द होने से झटका लगा होगा. पूरे साल सेल्फ डिसीजन के साथ विद्यार्थियों ने परीक्षा की तैयारी की थी. कोरोना महामारी की वजह से ऑनलाइन पढ़ाई हुई थी, इस दौरान अनुशासन बच्चों में नहीं रहा. वैसे भी बच्चों में जन्मजात अनुशासन नहीं होता है, वो सिखाया जाता है. पढ़ाई में काफी परेशानी हुई थी, लेकिन परीक्षा के लिए काफी मेहनत की थी. जिस तरह के हालात कोरोना महामारी की वजह से बने हैं, उसको देखते हुए लगता है कि परीक्षा का रद्द होना सही निर्णय है.

पढ़ें: 31 हजार होमगार्ड स्वयंसेवकों के लिए अच्छी खबर, गहलोत सरकार ने पूरी की ये बड़ी मांग

विद्यार्थी ही नहीं, अभिभावकों को भी परीक्षा रद्द होने से राहत मिली है लेकिन कहीं ना कहीं मन में बच्चों के भविष्य को लेकर चिंता भी है. अभिभावक एवं शिक्षक महेश बोहरा बताते हैं कि कोरोना महामारी की वजह से सभी को परेशानी हो रही है. पीएम नरेंद्र मोदी ने परीक्षा रद्द करने का निर्णय लिया है, उसकी तारीफ की जानी चाहिए. साथ ही परीक्षा का मूल्यांकन किस प्रकार होगा, यह भी स्पष्ट हो जाए तो पूरी तरह से विद्यार्थियों और अभिभावकों को राहत मिलेगी. 12वीं कक्षा विद्यार्थियों के लिए टर्निंग प्वाइंट होती है. अभिभावक बच्चों के भविष्य को लेकर चिंतित रहते हैं कि उनका भविष्य किस तरह से उज्जवल होगा. इसके लिए अक्षय कॉलेजों में दाखिला कैसे होगा यह सभी बातें अभिभावक सोचते हैं. अभी भी अभिभावकों में चिंता है. कई जगह वैक्सीनेशन का मुद्दा चल रहा है. कई विशेषज्ञों ने अपनी राय दी थी कि सभी अभिभावकों शिक्षकों और विद्यार्थियों का वैक्सीनेशन होता है तो परीक्षा करवाई जानी चाहिए. वैक्सीनेशन कि फिलहाल कमी है. इसलिए यह निर्णय तो लेना ही था. काफी लंबे समय से परीक्षा को लेकर संशय की स्थिति बनी हुई थी. उन्होंने कहा कि जल्द यह निर्णय भी हो जाए कि परिणामों को लेकर क्या योजना रहेगी और आगामी दिनों में बच्चों के दाखिले को लेकर किस तरह के दिशा निर्देश होंगे, इस निर्णय पर सभी की निगाहें रहेगी. परीक्षा रद्द होने से इंटरनल असेसमेंट किस प्रकार होता है. बच्चे अपनी दिशा तय कर आगे बढ़े, इसके लिए सही दिशा निर्देश मिल जाएंगे तो सब अच्छा ही होगा.

बता दें कि केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के क्षेत्रीय कार्यालय के अनुसार सवा लाख विद्यार्थी 12वीं कक्षा में परीक्षा के लिए पंजीकृत थे. वहीं, देश में 14 लाख विद्यार्थी केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की 12वीं परीक्षा के लिए पंजीकृत थे. परीक्षा रद्द होने से विद्यार्थियों को मानसिक तनाव से मुक्ति मिलेगी, लेकिन मन में परीक्षा परिणामों को लेकर संशय की स्थिति तब तक दूर नहीं होगी, जब तक की परीक्षा परिणामों को लेकर दिशा निर्देश जारी नहीं हो जाते.

अजमेर. कोरोना महामारी के दौरान पीएम नरेंद्र मोदी ने ट्वीट करके सीबीएसई के 12 बारहवीं कक्षा के विद्यार्थियों को बड़ी राहत दी है. इस महामारी में बच्चों को तनाव से दूर रखने का निर्णय विद्यार्थियों और अभिभावकों को पसंद आ रहा है, लेकिन अभिभावक और विद्यार्थी परिणाम को लेकर भी चिंतित है. दरअसल 4 मई को सीबीएसई की 10वीं परीक्षा रद्द हो चुकी है. उसके बाद 12वीं कक्षा की परीक्षा अभी मंगलवार को रद्द कर दी गई है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद ट्वीट करके घोषणा की है. ये निर्णय बच्चों के स्वास्थ्य और कोण महामारी में बच्चों पर परीक्षा को लेकर तनाव को देखते हुए लिया गया है. वहीं, विद्यार्थियों का मानना है कि ये निर्णय उनके स्वास्थ्य की दृष्टि से एकदम सही है, लेकिन इसका दूसरा पहलू देखा जाए तो क्रिस्टल एसे उनके भविष्य पर भी असर पड़ेगा.

सीबीएसई 12वीं की परीक्षा रद्द होने पर स्टूडेंट्स और अभिभावकों की प्रतिक्रिया

12वीं कक्षा की विज्ञान संकाय की छात्रा लक्षिता ने बताया कि परीक्षा के लिए उसने जी तोड़ मेहनत की थी. उन्होंने बताया कि इसके लिए कोचिंग भी की थी लेकिन परीक्षा नहीं होने से सारी मेहनत पर पानी फिर गया. हालांकि अभी की गई मेहनत आगे काम आएगी. उन्होंने बताया कि परीक्षा रद्द की गई है, लेकिन विद्यार्थियों का मूल्यांकन कैसे होगा इस बारे में संशय की स्थिति है. पिछले कई साल का स्कोर देखकर मूल्यांकन किया जाता है तो परिणाम प्रभावित होंगे. इसका असर भविष्य पर भी पड़ेगा. लक्षिता ने बताया कि 12वीं में अच्छे स्कूल आने के बाद जेईईई परीक्षा अच्छे अंकों में पास करने की उनकी योजना थी. उन्होंने बताया कि 12वीं परीक्षा के स्कोर इसमें मायने नहीं रखते, लेकिन अगर किसी अन्य क्षेत्र में जाने के लिए अच्छे कॉलेज में दाखिला प्राप्त करना हो तो अच्छे इसको बहुत मायने रखते हैं. परीक्षा रद्द होने से खुशी भी है, लेकिन साथ में परिणाम को लेकर संशय भी है.

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वहीं, 12वीं कक्षा की छात्रा कृति ने बताया कि 12वीं कक्षा की परीक्षा का परिणाम विद्यार्थियों के जीवन में बहुत ही मायने रखता है इस परिणाम से ही विद्यार्थियों का भविष्य तय होता है कि वह आगे किस दिशा में जाएंगे. अच्छे अंक अच्छे कॉलेज में दाखिला के लिए आवश्यक है. परीक्षा रद्द होने से विद्यार्थियों के मन को अच्छा लगेगा, लेकिन ये बात है कि 14 माह से 12वीं कक्षा में अच्छे स्कोर लाने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे बारहवीं कक्षा के सभी विद्यार्थी अब समान हो चुके हैं. सभी विद्यार्थियों को एक ही स्तर पर देखा जाएगा. विद्यार्थी होने के नाते मन को पूरी तरह से राहत नहीं मिली है. तनाव तो अभी भी है, क्योंकि पूरी तरह से यह स्पष्ट नहीं किया गया है कि किस तरीके से परिणाम दिए जाएंगे. बेहतरीन कॉलेज में दाखिले के लिए बारहवीं कक्षा के परीक्षा परिणाम बहुत ही मायने रखते हैं. जैसे एक चीज के दो पहलू होते हैं. परीक्षा रद्द होने से अच्छा भी लग रहा है और परिणाम को लेकर मन में संशय भी है. उन्होंने बताया कि डॉक्टर बनने का सोचा था, इसलिए पूरा फोकस अपने विषय पर दिया था. इसके लिए काफी मेहनत की थी. साथ ही इंजीनियर बनने का विचार भी मन में आ रहा था. अभी कुछ तय नहीं था. जिन विद्यार्थियों का परीक्षा को लेकर मुख्य फोकस रहा होगा, उन विद्यार्थियों को जरूर परीक्षा रद्द होने से झटका लगा होगा. पूरे साल सेल्फ डिसीजन के साथ विद्यार्थियों ने परीक्षा की तैयारी की थी. कोरोना महामारी की वजह से ऑनलाइन पढ़ाई हुई थी, इस दौरान अनुशासन बच्चों में नहीं रहा. वैसे भी बच्चों में जन्मजात अनुशासन नहीं होता है, वो सिखाया जाता है. पढ़ाई में काफी परेशानी हुई थी, लेकिन परीक्षा के लिए काफी मेहनत की थी. जिस तरह के हालात कोरोना महामारी की वजह से बने हैं, उसको देखते हुए लगता है कि परीक्षा का रद्द होना सही निर्णय है.

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विद्यार्थी ही नहीं, अभिभावकों को भी परीक्षा रद्द होने से राहत मिली है लेकिन कहीं ना कहीं मन में बच्चों के भविष्य को लेकर चिंता भी है. अभिभावक एवं शिक्षक महेश बोहरा बताते हैं कि कोरोना महामारी की वजह से सभी को परेशानी हो रही है. पीएम नरेंद्र मोदी ने परीक्षा रद्द करने का निर्णय लिया है, उसकी तारीफ की जानी चाहिए. साथ ही परीक्षा का मूल्यांकन किस प्रकार होगा, यह भी स्पष्ट हो जाए तो पूरी तरह से विद्यार्थियों और अभिभावकों को राहत मिलेगी. 12वीं कक्षा विद्यार्थियों के लिए टर्निंग प्वाइंट होती है. अभिभावक बच्चों के भविष्य को लेकर चिंतित रहते हैं कि उनका भविष्य किस तरह से उज्जवल होगा. इसके लिए अक्षय कॉलेजों में दाखिला कैसे होगा यह सभी बातें अभिभावक सोचते हैं. अभी भी अभिभावकों में चिंता है. कई जगह वैक्सीनेशन का मुद्दा चल रहा है. कई विशेषज्ञों ने अपनी राय दी थी कि सभी अभिभावकों शिक्षकों और विद्यार्थियों का वैक्सीनेशन होता है तो परीक्षा करवाई जानी चाहिए. वैक्सीनेशन कि फिलहाल कमी है. इसलिए यह निर्णय तो लेना ही था. काफी लंबे समय से परीक्षा को लेकर संशय की स्थिति बनी हुई थी. उन्होंने कहा कि जल्द यह निर्णय भी हो जाए कि परिणामों को लेकर क्या योजना रहेगी और आगामी दिनों में बच्चों के दाखिले को लेकर किस तरह के दिशा निर्देश होंगे, इस निर्णय पर सभी की निगाहें रहेगी. परीक्षा रद्द होने से इंटरनल असेसमेंट किस प्रकार होता है. बच्चे अपनी दिशा तय कर आगे बढ़े, इसके लिए सही दिशा निर्देश मिल जाएंगे तो सब अच्छा ही होगा.

बता दें कि केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के क्षेत्रीय कार्यालय के अनुसार सवा लाख विद्यार्थी 12वीं कक्षा में परीक्षा के लिए पंजीकृत थे. वहीं, देश में 14 लाख विद्यार्थी केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की 12वीं परीक्षा के लिए पंजीकृत थे. परीक्षा रद्द होने से विद्यार्थियों को मानसिक तनाव से मुक्ति मिलेगी, लेकिन मन में परीक्षा परिणामों को लेकर संशय की स्थिति तब तक दूर नहीं होगी, जब तक की परीक्षा परिणामों को लेकर दिशा निर्देश जारी नहीं हो जाते.

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