अजमेर. राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड रीट परीक्षा का आयोजन निर्धारित तिथि पर ही करवाएगा. बोर्ड सरकार से परीक्षा तिथि में परिवर्तन नहीं करने के लिए पत्र लिखकर आग्रह करेगा. वहीं बोर्ड परीक्षा भी 6 मई से शुरू होगी. अगले 2 दिन में बोर्ड परीक्षा कार्यक्रम जारी करेगा. बोर्ड अध्यक्ष डीपी जारोली के कार्यकाल को 1 वर्ष पूर्ण हो चुका है. इस अवसर पर बोर्ड अध्यक्ष ने अपने कार्यकाल की उपलब्धियों को प्रेस वार्ता के जरिए बताया.
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रीट परीक्षा के लिए 16.40 लाख आवेदन हो चुके हैं. 25 अप्रैल को परीक्षा की तिथि निर्धारित हो चुकी है. परीक्षा की तिथि में परिवर्तन को लेकर संशय की स्थिति बनी हुई है. डॉ. डीपी जारोली ने कहा कि परीक्षा तिथि में बदलाव करना सरकार पर निर्भर है लेकिन बोर्ड की ओर से सरकार को पत्र लिखकर आग्रह किया जाएगा कि रीट परीक्षा की तिथि में बदलाव नहीं किया जाए. उन्होंने कहा कि रीट परीक्षा के दिन महावीर जयंती है. वह स्वयं जैन हैं और जैन धर्म में त्याग का महत्व है.
जैन समुदाय से अपील
डॉ. जारोली ने जैन समुदाय से अपील की है कि परीक्षा समय बाद होने दी जाए उन्होंने कहा कि परीक्षा के लिए बदलाव की गुंजाइश नहीं है. लाखों बेरोजगारों के भविष्य को देखते हुए परीक्षा में सहयोग करें. उन्होंने अभ्यार्थियों से भी अपील की है कि वह किसी प्रकार की अफवाह में ना आए और समय का सदुपयोग करते हुए परीक्षा की तैयारी में जुटे रहे. परीक्षा से संबंधित किसी भी प्रकार की जानकारी के लिए बोर्ड की वेबसाइट को ही अधिकृत मानें. बातचीत में डॉ. जारोली ने बोर्ड परीक्षाओं की तिथि को लेकर भी संकेत दिए हैं. 6 मई को बोर्ड परीक्षा आयोजित कराने जा रहा है.
एक वर्ष के कार्यकाल की उपलब्धियों की दी जानकारी
जारोली ने बताया कि बोर्ड अध्यक्ष का पदभार ग्रहण करने के बाद कोरोना की वजह से काफी चुनौतियां रही. बोर्ड ने 20 लाख परीक्षार्थियों की परीक्षा सफलतापूर्वक आयोजित करवाई. वहीं आपदा में अवसर तलाशते हुए बोर्ड ने कई नवाचार विद्यार्थियों के हित में किए. परीक्षार्थियों को परीक्षा संबंधी दस्तावेज घर बैठे प्राप्त करने के बोर्ड ने ऑनलाइन आवेदन की व्यवस्था की. इस नवाचार के माध्यम से परीक्षार्थी देश-विदेश में रहते हुए ऑनलाइन आवेदन कर अपने परीक्षा संबंधी दस्तावेज घर बैठे मंगा सकता है.
उन्होंने कहा कि बोर्ड की शेष रही परीक्षा जून 2020 में आयोजित हुई. इसमें लगभग 21 लाख विद्यार्थी परीक्षा में बैठे. 5600 परीक्षा केंद्रों पर सरकार के सहयोग से विद्यार्थियों के लिए थर्मल स्क्रीनिंग की व्यवस्था की गई. जिससे बोर्ड को 3 करोड़ के व्यय से राहत मिली. उन्होंने बताया कि विद्यालयों की संबद्धता के लिए भी ऑनलाइन व्यवस्था की गई है. इसमें पूरी तरह से पारदर्शिता बरती जा रही है.
राज्य सरकार की महत्वकांक्षी योजना के तहत राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने सन 2014 से 2020 तक के परीक्षार्थियों के प्रालेख ऑनलाइन डीजी लॉकर के माध्यम से उपलब्ध करवाए जा रहे हैं. कोविड-19 के कारण शेष रही सभी परीक्षाएं बोर्ड ने को कोविड-19 की गाइडलाइन के अनुसार जून माह में समय बाद तरीके से संपादित करवाई एवं परीक्षा परिणाम रिकॉर्ड 18 दिन में घोषित किया. इसके अलावा बोर्ड अधिकारियों और कर्मचारियों की पदोन्नति समिति की बैठक आयोजित कर 32 कर्मचारियों को पदोन्नत किया गया.
कोविड-19 को देखते हुए नौवीं से बारहवीं तक के पाठ्यक्रम में 40% कटौती कर संशोधित पाठ्यक्रम रिकॉर्ड समय में जारी किया गया. कक्षा 10 व 12 में बोर्ड से मान्यता प्राप्त निजी विद्यालयों राजकीय विद्यालयों में एनसीईआरटी पाठ्यक्रम लागू करने के लिए पाठ्य पुस्तकों का चयन कर सरकार को सूची प्रेषित की गई. उन्होंने बताया कि बोर्ड परीक्षा 2020 में कोविड-19 के दौरान आयोजित परीक्षाओं में सीसीटीवी नहीं लगवाने के कारण बोर्ड को लगभग 80 लाख रुपए व्यय होने से बच गए. डॉ. जारोली ने बताया कि बोर्ड परीक्षा 2021 में विद्यार्थियों की सुविधा के लिए पुनर्मूल्यांकन की व्यवस्था के प्रयास भी बोर्ड द्वारा किए जा रहे हैं.