अजमेर. भरतपुर में हथकढ़ शराब से हुई 8 मौतों के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेश भर में अभियान चलाकर अवैध शराब बेचने वाले लोगों पर कार्रवाई के आदेश जारी किए थे. इसी के तहत अजमेर आबकारी विभाग की टीम ने सांसी बस्ती में दबिश दी. यहां पर दो घरों में कच्ची शराब बनाई जा रही थी. कार्रवाई की भनक मिलने पर मकान मालिक फरार हो गए, लेकिन आबकारी की टीम ने 3600 लीटर वॉश नष्ट की और 3 भट्टियां तोड़ी दी.
आबकारी अधिकारी रामलाल मीणा ने बताया कि रामगंज थाना क्षेत्र स्थित सांसी बस्ती में कच्ची शराब बनाने की सूचना मिली. जिस पर वो मौके पर पहुंचे और मकानों में दबिश दी. सांसी बस्ती में सुगना सांसी और सुवालाल सांसी के घर में कच्ची शराब बनाई जा रही थी आरोपी मौके से भागने में कामयाब हो गए. विभाग की टीम ने मौके पर मौजूद भट्टियों को तोड़ा और 36 सौ लीटर के लगभग वॉश को नष्ट करवाया.
बता दें कि भरतपुर में हुई मौतों के बाद ही आबकारी विभाग की नींद खुली है. शनिवार को भी विभाग की टीम ने अजमेर जिले के कई थाना क्षेत्रों में दबिश देकर वॉश को नष्ट करवाया और अवैध शराब बेचने वालों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है.
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आखिर मौत के बाद ही क्यों खुलती है नींद
आबकारी विभाग की इन दिनों चल रही कार्रवाई से एक बार फिर यह सवाल खड़ा हो गया है कि आखिर मौत के बाद ही विभाग की कुंभकरण की नींद क्यों खुलती है. इससे पहले क्यों वो अपने कर्तव्य के प्रति सजग नहीं रहते और अवैध शराब विक्रेताओं के खिलाफ क्यों कार्रवाई नहीं की जाती है. क्या इसके पीछे सांठगांठ है या फिर और कोई कारण है? सरकार को चाहिए कि विभाग के खिलाफ सख्ती बरतें और दोषी अधिकारियों पर सख्त से सख्त कार्रवाई अमल में लाई जाए, जिससे कि भविष्य में लोग मौत के मुंह में नहीं समाएं.