अजमेर. राजस्थान राज्य वरिष्ठ नागरिक कल्याण बोर्ड के उपाध्यक्ष राजेश टंडन ने सीएम अशोक गहलोत को पत्र लिखकर अजमेर एसपी की शिकायत की है. टंडन का आरोप है कि एसपी कार्यालय और उनके अधीनस्थ थानों में बुजुर्ग फरियादियों की सुनवाई नहीं होती और न ही बुजुर्गों को सम्मान मिलता है. वहीं, एसपी का भी बुजुर्ग फरियादों के साथ अच्छा बर्ताव नहीं है.
राजस्थान राज्य वरिष्ठ नागरिक कल्याण बोर्ड के उपाध्यक्ष राजेश टंडन ने अजमेर एसपी की शिकायत मुख्यमंत्री से की है. टंडन ने बताया कि अजमेर एसपी का व्यवहार वृद्धजन की पीड़ा बढ़ाने वाला है. एसपी संवेदनशील नहीं (Rajesh Tandon accuses Ajmer SP) हैं. उन्होंने बताया कि जब भी कोई वृद्धजन थाने पर फरियाद लेकर जाता है तो उन्हें थाने पर कहा जाता है यह आप बाप-बेटे का झगड़ा है, यह सास-बहू के बीच का झगड़ा है इसमें पुलिस क्या करें. जबकि वृद्धजन की अपेक्षा रहती है कि वह थाने के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के पास जाएं तो अधिकारी उनकी पीड़ा को सुने और कार्रवाई करें.
उन्होंने कहा कि एसपी के पास भी यदि कोई बुजुर्ग जाता है तो उनसे कहा जाता है कि आप पहले थाने गए थे तो थाने में क्या हुआ, आज क्यों आए यहां. इस तरह का उनका रूखा व्यवहार वृद्धजनों को हतोत्साहित करने का होता है. उन्होंने कहा कि 22 प्रकरणों में मैंने खुद वृद्ध जनों को एसपी के पास भेजा है. जब भी कोई बुजुर्ग ज्यादा पीड़ित होते हैं तो उनके साथ मैं भी गया हूं. टंडन का आरोप है कि एसपी का व्यवहार वरिष्ठ नागरिक कल्याण बोर्ड की गरिमा को गिराने वाला होता है.
सीएम को लिखा पत्र- राजस्थान राज्य वरिष्ठ नागरिक कल्याण बोर्ड के उपाध्यक्ष राजेश टंडन ने कहा कि मैंने सीएम को पत्र लिखकर एसपी को निर्देशित करने के लिए मांग की है कि बुजुर्गों के साथ वे ठीक से व्यवहार करें. साथ ही राज्य सरकार ने वृद्धजन अधिनियम बनाया है उसमें सेक्शन 24 और 25 के तहत बुजुर्गों की फरियाद थानों में दर्ज हो. थानों में बुजुर्ग फरियादी से सम्मान पूर्वक व्यवहार हो. टंडन ने आरोप लगाया कि पुलिस बुजुर्ग फरियादियों से सरेआम पैसे खा रही है. उन्होंने बताया कि ऐसा ही एक मामला में बुजुर्ग दंपती से 20 हजार रुपए क्रिश्चियन गंज थाने के एएसआई ने एठ लिए थे. इस मामले में अब एसपी कह रहे हैं कि मामले की जांच करवा लूंगा. जबकि डीजीपी एमएल लाठर ने खुद एएसआई को सस्पेंड करने के निर्देश दिए थे.
टंडन ने कहा कि वृद्धजनों के कानून सम्मत कार्य होने चाहिए थे वह नहीं हो रहे हैं. उन्होंने कहा कि मैं सीएम से स्वंय मिलकर उन्हें बताऊंगा कि वह एसपी को निर्देशित करें नहीं तो कोई दूसरा अधिकारी बताए जहां बुजुर्ग फरियादी अपनी बात कह सके. टंडन का यह भी आरोप है कि एसपी फरियादियों को 4-4 घण्टे बैठाए रखते हैं.
वहीं, एसपी विकास शर्मा ने कहा कि अजमेर एसपी का कार्यभार संभालने के बाद से ही उनकी कार्यशैली किसी से छुपी हुई नहीं है. परिवादियों को सुनकर प्रकरण में जांच के बाद कार्रवाई की जाती है. बुजुर्ग परिवादियों के मामले में भी पुलिस संवेदनशील है और हर परिवाद की जांच करने के बाद ही उचित कार्रवाई की जाती है.