अजमेर. छात्रसंघ चुनाव के मद्देनजर ईटीवी भारत ने जीसीए कॉलेज के विद्यार्थियों से बातचीत की. विद्यार्थियों का आरोप है कि चुनाव की घोषणा होने के बावजूद कॉलेज प्रशासन ने अभी तक किसी तरह की तैयारी नहीं की है. विद्यार्थियों का यह भी आरोप है कि कॉलेज प्रशासन पुलिस की मदद से शांति व्यवस्था कायम करने की आड़ में नए विद्यार्थियों में दहशत पैदा कर रहा है.
अजमेर में छात्रसंघ चुनाव को लेकर छात्र संगठनों की गतिविधियां तेज हो गई हैं, लेकिन कॉलेज प्रशासन की ओर से अभी तक किसी भी तरह की तैयारी नहीं की गई है. अजमेर संभाग के सबसे बड़े और सबसे पुराने जीसीए कॉलेज में विद्यार्थी कॉलेज में शांति व्यवस्था कायम करने की आड़ में सख्ती किए जाने से नाराज हैं. विद्यार्थियों का आरोप है कि कॉलेज प्रशासन ने अस्थाई रूप से कॉलेज परिसर में ही पुलिस चौकी बना दी है. छात्र नेता यदि विद्यार्थियों के साथ प्राचार्य से मिलने जाते हैं तो उन्हें बाहर निकाल दिया जाता है और विरोध करने पर उन्हें धारा 151 के तहत गिरफ्तार किया जाता है.
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विद्यार्थियों ने बताया कि शहर के बीचोंबीच होने के बावजूद भी यहां पर इंटरनेट नेटवर्क की काफी समस्या रहती है. ईटीवी भारत से बातचीत में विद्यार्थियों ने बताया कि एडमिशन के बाद विद्यार्थियों को परिचय पत्र नहीं दिए गए हैं. परिचय पत्र बनना अब शुरू हुए हैं, लेकिन कई परीक्षाओं के परिणाम अभी तक कॉलेज प्रशासन ने जारी नहीं किए हैं. इसलिए विद्यार्थी असमंजस में हैं. यही हाल रहा तो विद्यार्थी छात्रसंघ चुनाव में वोट देने से भी वंचित रह जाएंगे. विद्यार्थियों का आरोप है कि परीक्षाएं देरी से शुरू की जाती हैं और उनके परिणाम भी देरी से जारी होते हैं. इस वजह से विद्यार्थी प्रथम वर्ष में है या द्वितीय वर्ष में आ चुके हैं, इसको लेकर वे असमंजस में हैं.
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परिणाम जारी होने के बाद ही सफल होने पर उनके परिचय पत्र बनाए जाते हैं. छात्र नेताओं का आरोप है कि प्रशासन विद्यार्थियों पर सख्ती कर रहा है. कॉलेज से बाहर निकलते ही विद्यार्थियों के वाहनों के चालान बनाए जाते हैं. कॉलेज में आने-जाने पर पुलिस उनसे पूछताछ करती है, नए विद्यार्थियों में इसको लेकर दहशत है. कई विद्यार्थी तो अपने अभिभावकों के साथ कॉलेज आने लगे हैं.
छात्र नेताओं का यह भी कहना है कि कॉलेज में छात्रसंघ चुनाव को लेकर किसी भी तरह की गतिविधि पर कॉलेज प्रशासन पाबंदी लगा रखी है. जिस वजह से नए विद्यार्थी छात्रसंघ चुनाव की गतिविधि में हिस्सा लेने से भी डर रहे हैं. बता दें कि छात्रसंघ चुनाव में नए विद्यार्थियों की संख्या अधिक होती है, लिहाजा जीत और हार का दारोमदार नए विद्यार्थियों के मतदान पर निर्भर करता है. लेकिन जिस तरीके से जीसीए कॉलेज प्रशासन सख्त नजर आ रहा है, उसके मद्देनजर छात्र संगठनों को नए विद्यार्थियों से संपर्क करने में काफी कठिनाइयां आ रही हैं.