अजमेर. राजस्व मामलों की सबसे बड़ी अदालत राजस्व मंडल में सदस्य के लिए वकील एवं न्यायिक अधिकारी (Lawyers and Judicial Officers Kota in Revenue Board ) का कोटा बढ़ाने की मांग राजस्थान राजस्व मंडल अभिभाषक संघ लंबे समय से कर रहा है. राज्य सरकार से मांग मनवाने के लिए राजस्थान राजस्व मंडल अभिभाषक संघ ने दो दिन तक कार्य बहिष्कार कर दिया है. शुक्रवार तक राजस्व (boycotted the work for two days) मंडल में वकील कार्य नही करेंगे.
अभिभाषक संघ के अध्यक्ष पुष्पेंद्र सिंह नरुका ने बताया कि राजस्व मंडल में अभिभाषक कोटे एवं न्याय कोटे के सदस्यों की संख्या बढ़ाने एवं अनुपातिक रूप से राजस्थान उच्च न्यायालय की तर्ज पर नियुक्ति देने की मांग काफी लंबे समय से अभिभाषक संघ की ओर से की जाती रही है. लेकिन राज्य सरकारों ने इस पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं की. जबकि राज्य सरकार ने आईएएस कोटा घटा कर आरएएस का कोटा बढ़ा दिया. वर्तमान में 11 आरएएस का कोटा राजस्व मंडल में सदस्य का है.
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नरुका ने बताया कि राजस्व मंडल में जब कुल सदस्यों की संख्या 11 थी उस वक्त भी अभिभाषक एवं न्यायिक अधिकारी कोटे के सदस्यों की संख्या 2-2 थी. उसके बाद राजस्व मंडल में सदस्यों की संख्या बढ़ाकर 20 कर दी गई तो भी वकील एवं न्यायिक कोटे की संख्या 2-2 ही है. जबकि आरएएस कोटे के सदस्यों की संख्या 11 कर दी गई. जो सबसे बड़ी राजस्व अदालत होने के नाते न्याय पूर्ण नहीं है. उन्होंने कहा कि शीर्ष अदालत में अभिभाषक एवं न्यायिक कोटे के विपरीत प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों की संख्या बहुत अधिक होना न्यायिक दृष्टिकोण से उचित नहीं है. नरुका ने कहा कि दो दिन का राजस्थान राजस्व मंडल अभिभाषक संघ की ओर से कार्य बहिष्कार किया गया है. इसके बाद प्रदेश की समस्त बार एसोसिएशन से बातचीत कर आगे की रणनीति तैयार की जाएगी.
20 सदस्यों की कभी नहीं हुई नियुक्तिः राजस्व मंडल में सदस्यों की संख्या 20 है. लेकिन 15 से अधिक सदस्य कभी भी राजस्व मंडल में नियुक्त नहीं हुए. वर्तमान में चेयरमैन सहित 13 सदस्य राजस्व मंडल में हैं. इनमें 2 आईएएस, 4 आरएएस, 2 न्यायिक अधिकारी कोटे से एवं दो वकील कोटे से सदस्य है. इनमें से भी दो आरएएस सदस्यों का सेवानिवृत नजदीक है. राजस्व मंडल में 7 सदस्यों के पद रिक्त हैं.