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अजमेर: इतिहास में पहली बार आयोजित नहीं होगा पुष्कर पशु मेला

कोविड-19 के चलते इस बार अंतरराष्ट्रीय पुष्कर पशु मेला आयोजित नहीं किया जाएगा. इतिहास में पहली बार ऐसा होगा, जब पशु मेले का आयोजन नहीं किया जाएगा. पशुपालन विभाग की ओर से इस साल 16 नवंबर से 2 दिसंबर तक अंतरराष्ट्रीय स्तर का पशु मेले का आयोजन किया जाना था.

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इतिहास में पहली बार आयोजित नहीं होगा पुष्कर पशु मेला
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Published : Nov 11, 2020, 9:28 AM IST

Updated : Nov 11, 2020, 10:56 AM IST

अजमेर. अंतरराष्ट्रीय पुष्कर पशु मेला इस बार आयोजित नहीं किया जाएगा. इतिहास में पहली बार ऐसा होगा, जब पशु मेले का आयोजन नहीं किया जा रहा है. पशुपालन विभाग ने कोरोना संक्रमण फैलने के खतरे के कारण अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पुष्कर पशु मेले को इस बार निरस्त कर दिया है.

इतिहास में पहली बार आयोजित नहीं होगा पुष्कर पशु मेला

संयुक्त शासन सचिव और डॉ. वीरेंद्र सिंह ने मेला निरस्त करने के आदेश भी जारी कर दिए हैं. पशुपालन विभाग की ओर से इस वर्ष दीपावली के तुरंत बाद 16 नवंबर से 2 दिसंबर तक अंतरराष्ट्रीय स्तर का पशु मेला आयोजित किया जाना था.

इस दौरान पशु प्रतियोगिताएं प्रदर्शनी और सांस्कृतिक कार्यक्रमों में प्रतिदिन हजारों की संख्या में लोगों के शामिल होने की संभावनाएं बनी रहती है. अंतरराष्ट्रीय पुष्कर पशु मेले में देश-विदेश से सैलानी यहां घूमने आते हैं, जिसमें लोगों की तादाद काफी बढ़ जाती है. अब ऐसे में भीड़ को रोकने के लिए इस बार अंतरराष्ट्रीय पुष्कर पशु मेले को निरस्त कर दिया गया है.

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इतिहास में पहली बार आयोजित नहीं होगा पुष्कर पशु मेला

कोरोना संक्रमण रोकने के मकसद से 1 नवंबर को कोरोना संक्रमण की जारी गाइडलाइन की पालना और जिला कलेक्टर की अनुशंसा के बाद पशुपालन विभाग ने पुष्कर पशु मेला आयोजन निरस्त कर दिया है. इस अवधि में सरकारी स्तर पर किसी प्रकार के आयोजन भी नहीं किए जाएंगे.

25 नवम्बर शुरू होता है मेला

धार्मिक पुष्कर मेला 25 नवंबर से 30 नवंबर तक होना है. 6 दिनों के पंचतीर्थ स्नान को लेकर प्रशासन स्तर पर कोई निर्देश जारी नहीं किए गए हैं. इसलिए अमावस एकादशी तिथि को श्रद्धालुओं की आवक अधिक होती है. अब ऐसे में पुष्कर मेले में हजारों श्रद्धालुओं की बड़ी संख्या में आमद होना शुरू हो जाता है.

व्यापार पर आया संकट

इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है कि जब अंतरराष्ट्रीय पुष्कर पशु मेले को निरस्त किया गया है. अब ऐसे में कई लोगों के व्यापार संघ राष्ट्रीय पुष्कर पशु मेले से जुड़े हुए हैं, जिसमें काफी संख्या से सांस्कृतिक कार्यक्रम किए जाते हैं, जो कि पर्यटन विभाग द्वारा आयोजित किए जाते हैं. इस बार ना ही कोई भी सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा, बल्कि बाहर से आने वाले पशु भी इस बार नहीं आ पाएंगे.

यह भी पढ़ें- आजीविका के अधिकार से बड़ा है जीवन जीने का अधिकार : HC

जानकारी के अनुसार कई व्यापार करने की इच्छा से पुष्कर पहुंचे हैं, लेकिन एक बार उनकी इस आशा को प्रशासन ने निराशा में बदल दिया है क्योंकि जिस तरह के आदेशों को जारी किया गया है, उसके तहत किसी भी तरह के आयोजन इस बार नहीं किए जाएंगे.

अजमेर. अंतरराष्ट्रीय पुष्कर पशु मेला इस बार आयोजित नहीं किया जाएगा. इतिहास में पहली बार ऐसा होगा, जब पशु मेले का आयोजन नहीं किया जा रहा है. पशुपालन विभाग ने कोरोना संक्रमण फैलने के खतरे के कारण अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पुष्कर पशु मेले को इस बार निरस्त कर दिया है.

इतिहास में पहली बार आयोजित नहीं होगा पुष्कर पशु मेला

संयुक्त शासन सचिव और डॉ. वीरेंद्र सिंह ने मेला निरस्त करने के आदेश भी जारी कर दिए हैं. पशुपालन विभाग की ओर से इस वर्ष दीपावली के तुरंत बाद 16 नवंबर से 2 दिसंबर तक अंतरराष्ट्रीय स्तर का पशु मेला आयोजित किया जाना था.

इस दौरान पशु प्रतियोगिताएं प्रदर्शनी और सांस्कृतिक कार्यक्रमों में प्रतिदिन हजारों की संख्या में लोगों के शामिल होने की संभावनाएं बनी रहती है. अंतरराष्ट्रीय पुष्कर पशु मेले में देश-विदेश से सैलानी यहां घूमने आते हैं, जिसमें लोगों की तादाद काफी बढ़ जाती है. अब ऐसे में भीड़ को रोकने के लिए इस बार अंतरराष्ट्रीय पुष्कर पशु मेले को निरस्त कर दिया गया है.

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इतिहास में पहली बार आयोजित नहीं होगा पुष्कर पशु मेला

कोरोना संक्रमण रोकने के मकसद से 1 नवंबर को कोरोना संक्रमण की जारी गाइडलाइन की पालना और जिला कलेक्टर की अनुशंसा के बाद पशुपालन विभाग ने पुष्कर पशु मेला आयोजन निरस्त कर दिया है. इस अवधि में सरकारी स्तर पर किसी प्रकार के आयोजन भी नहीं किए जाएंगे.

25 नवम्बर शुरू होता है मेला

धार्मिक पुष्कर मेला 25 नवंबर से 30 नवंबर तक होना है. 6 दिनों के पंचतीर्थ स्नान को लेकर प्रशासन स्तर पर कोई निर्देश जारी नहीं किए गए हैं. इसलिए अमावस एकादशी तिथि को श्रद्धालुओं की आवक अधिक होती है. अब ऐसे में पुष्कर मेले में हजारों श्रद्धालुओं की बड़ी संख्या में आमद होना शुरू हो जाता है.

व्यापार पर आया संकट

इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है कि जब अंतरराष्ट्रीय पुष्कर पशु मेले को निरस्त किया गया है. अब ऐसे में कई लोगों के व्यापार संघ राष्ट्रीय पुष्कर पशु मेले से जुड़े हुए हैं, जिसमें काफी संख्या से सांस्कृतिक कार्यक्रम किए जाते हैं, जो कि पर्यटन विभाग द्वारा आयोजित किए जाते हैं. इस बार ना ही कोई भी सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा, बल्कि बाहर से आने वाले पशु भी इस बार नहीं आ पाएंगे.

यह भी पढ़ें- आजीविका के अधिकार से बड़ा है जीवन जीने का अधिकार : HC

जानकारी के अनुसार कई व्यापार करने की इच्छा से पुष्कर पहुंचे हैं, लेकिन एक बार उनकी इस आशा को प्रशासन ने निराशा में बदल दिया है क्योंकि जिस तरह के आदेशों को जारी किया गया है, उसके तहत किसी भी तरह के आयोजन इस बार नहीं किए जाएंगे.

Last Updated : Nov 11, 2020, 10:56 AM IST
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