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अजमेर: फीस वसूली मामले में हाईकोर्ट का आदेश नहीं मान रहे निजी स्कूल

फीस वसूली मामले को लेकर हाईकोर्ट के निर्णय के बाद भी प्राइवेट स्कूलों की मनमानी खत्म नहीं हो रही है. अजमेर में कई प्राइवेट स्कूल अभिभावकों पर पूरी फीस जमा कराने का दबाव बना रहे हैं. ऐसे में हाईकोर्ट के निर्णय से पहले प्राइवेट स्कूल और अभिभावकों के बीच जो टकराव की स्थिति थी, वह अब भी बनी हुई है.

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Published : Sep 28, 2020, 4:21 PM IST

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निजी स्कूल संचालक नहीं मान रहे हाईकोर्ट का आदेश

अजमेर. फीस वसूली मामले को लेकर कई प्राइवेट स्कूल राजस्थान हाईकोर्ट के आदेशों की पालना नहीं कर रहे हैं. कुछ प्राइवेट स्कूल पूरी फीस जमा कराने पर 30 फीसदी राशि माफ करने और कुछ स्कूल ट्यूशन फीस की बजाय मासिक पूरी फीस का 70 प्रतिशत शुल्क मांग रहे हैं. जबकि कोर्ट ने स्पष्ट आदेश दिए हैं कि स्कूल ट्यूशन फीस में से 70 फीसदी राशि ही, अभिभावकों से ले सकते हैं. बावजूद इसके प्राइवेट स्कूल और अभिभावकों के बीच टकराव की स्थिति खत्म नहीं हुई है.

निजी स्कूल संचालक नहीं मान रहे हाईकोर्ट का आदेश

अजमेर में केसरगंज स्थित एक निजी स्कूल पर अभिभावकों ने स्कूल फीस की 70 फीसदी राशि जमा करने का दबाव बनाने का आरोप लगाया है. स्कूल प्रशासन से कोर्ट के आदेश मानने के लिए अभिभावकों ने आग्रह भी किया. अभिभावकों का कहना है कि स्कूल प्रशासन कोर्ट के आदेशों को नहीं मान रहा है. अभिभावकों पर पूरी फीस का 70 फीसदी शुल्क जमा कराने का दबाव बनाया जा रहा है. प्राचार्य मामले में कुछ भी जवाब नहीं दे रहे हैं. अभिभावकों के बीच असमंजस की स्थिति बनी हुई है.

यह भी पढ़ें: फीस लेने वाले स्कूलों को पाठ्यक्रम पूरा पढ़ाना अनिवार्य होगा : शिक्षा मंत्री

अभिभावकों ने मांग की है कि कोर्ट के आदेश के मुताबिक ट्यूशन फीस की 70 फ़ीसदी शुल्क ही ले सकता है. फ़िलहाल स्कूल मामले में कमेटी बनाने की बात कह रहा है. बता दें कि अजमेर में कई प्राइवेट स्कूल कोर्ट के आदेश के बावजूद ट्यूशन फीस में से 70 फ़ीसदी शुल्क लेने की बाजाय पूरी फीस का 70 फ़ीसदी शुल्क लेने के लिए अभिभावकों पर दबाव बना रहे हैं. यही वजह है कि कोर्ट के आदेश से पहले प्राइवेट स्कूल और अभिभावकों के बीच में टकराव की स्थिति अब भी बनी हुई है.

अजमेर. फीस वसूली मामले को लेकर कई प्राइवेट स्कूल राजस्थान हाईकोर्ट के आदेशों की पालना नहीं कर रहे हैं. कुछ प्राइवेट स्कूल पूरी फीस जमा कराने पर 30 फीसदी राशि माफ करने और कुछ स्कूल ट्यूशन फीस की बजाय मासिक पूरी फीस का 70 प्रतिशत शुल्क मांग रहे हैं. जबकि कोर्ट ने स्पष्ट आदेश दिए हैं कि स्कूल ट्यूशन फीस में से 70 फीसदी राशि ही, अभिभावकों से ले सकते हैं. बावजूद इसके प्राइवेट स्कूल और अभिभावकों के बीच टकराव की स्थिति खत्म नहीं हुई है.

निजी स्कूल संचालक नहीं मान रहे हाईकोर्ट का आदेश

अजमेर में केसरगंज स्थित एक निजी स्कूल पर अभिभावकों ने स्कूल फीस की 70 फीसदी राशि जमा करने का दबाव बनाने का आरोप लगाया है. स्कूल प्रशासन से कोर्ट के आदेश मानने के लिए अभिभावकों ने आग्रह भी किया. अभिभावकों का कहना है कि स्कूल प्रशासन कोर्ट के आदेशों को नहीं मान रहा है. अभिभावकों पर पूरी फीस का 70 फीसदी शुल्क जमा कराने का दबाव बनाया जा रहा है. प्राचार्य मामले में कुछ भी जवाब नहीं दे रहे हैं. अभिभावकों के बीच असमंजस की स्थिति बनी हुई है.

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अभिभावकों ने मांग की है कि कोर्ट के आदेश के मुताबिक ट्यूशन फीस की 70 फ़ीसदी शुल्क ही ले सकता है. फ़िलहाल स्कूल मामले में कमेटी बनाने की बात कह रहा है. बता दें कि अजमेर में कई प्राइवेट स्कूल कोर्ट के आदेश के बावजूद ट्यूशन फीस में से 70 फ़ीसदी शुल्क लेने की बाजाय पूरी फीस का 70 फ़ीसदी शुल्क लेने के लिए अभिभावकों पर दबाव बना रहे हैं. यही वजह है कि कोर्ट के आदेश से पहले प्राइवेट स्कूल और अभिभावकों के बीच में टकराव की स्थिति अब भी बनी हुई है.

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