अजमेर. नीट और जेईई परीक्षा में फर्जी विद्यार्थियों को बैठा कर धोखाधड़ी करने वाली अन्तर्राजिय गैंग के चार आरोपियों को पुलिस ने अदालत में पेश किया. कोर्ट ने 3 आरोपियों को 10 दिन के रिमांड पर पुलिस को सौंपा है तो वहीं एक आरोपी को न्यायिक अभिरक्षा में भेजा है. अजमेर पुलिस रेंज आईजी एस सेंगाथिर सुपर विजन में मामले में कई टीमें जांच में जुटी हैं. 12 सितंबर को होने वाली नीट परीक्षा पर भी पुलिस की नजर रहेगी.
नीट/जेईई परीक्षा में असल विद्यार्थी की जगह मेधावी विद्यार्थी को बैठाने के मामले में पुलिस ने अभी तक चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है. इन आरोपियों में अलवर के बानसूर क्षेत्र के कानूगोवाली स्वामियान निवासी अर्पित स्वामी गैंग को मास्टरमाइंड बताया जा रहा है. आरोपी अर्पित स्वामी के अलावा बानसूर निवासी गजेंद्र स्वामी और योगेंद्र स्वामी, चौथा आरोपी बिहार के पूर्णिया जिला में बेरिया गांव निवासी मोहम्मद तंजील को कोटा से गिरफ्तार किया गया है.
मोहम्मद तंजील और मोहम्मद दानिश दोनों भाई हैं. पुलिस ने दोनों भाइयों को कोटा से पकड़ा था. आरोपी मोहम्मद तंजील अपने भाई के मोबाइल सिम का इस्तेमाल कर रहा था. अजमेर रेंज कार्यालय में अपराध एवं सतर्कता सेक्शन में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक राजेश चौधरी ने बताया कि अर्पित स्वामी इस मामले में मास्टरमाइंड है. वह खुद भी कोटा में मेडिकल की कोचिंग कर चुका है लेकिन नीट परीक्षा में कामयाब नहीं हुआ. इसके बाद से ही उसने धोखाधड़ी करने के लिए नेटवर्क तैयार किया. आरोपी अर्पित स्वामी दो तरह से नेटवर्क संचालित करता था. एक नेटवर्क में परीक्षा देने वाले कमजोर विद्यार्थियों को फांसने के लिए एवं दूसरा नेटवर्क मेधावी विद्यार्थियों को परीक्षा दिलवाने के लिए उसने अलग-अलग नेटवर्क बना रखे थे.
उन्होंने बताया कि दोनों ही नेटवर्क में शामिल लोग आपस में एक दूसरे को नहीं जानते हैं. मामले में कुछ संदिग्ध लोगों के और भी नाम सामने आए हैं. जिन पर कड़ी नजर रखी जा रही है. चौधरी ने बताया कि अर्पित के पास से बरामद मोबाइल लैपटॉप पेनड्राइव और दस्तावेजों के अलावा दो ब्लैंक चेक के बारे में भी पड़ताल जारी है. उन्होंने बताया कि कल होने वाली नीट परीक्षा पर भी कड़ी नजर रखी जा रही है. बातचीत में चौधरी ने बताया कि आरोपी अर्पित स्वामी के पास से एक फोटो मिक्सिंग का सॉफ्टवेयर भी मिला है जिसके माध्यम से परीक्षा में शामिल होने वाले कमजोर विद्यार्थियों के फोटो को बदलने और हूबहू मेधावी विद्यार्थी के फोटो उस पर चस्पा करने का मामला भी सामने आया है.
एक सवाल के जवाब में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक राजेश चौधरी ने बताया कि मामले में अभी कोई परिवादी सामने नहीं आया है. इसके अलावा पूर्व में भी आरोपियों ने किसी अभ्यार्थी को परीक्षा में बैठाया और किसी महाविद्यालय में उसका सिलेक्शन करवाया, इस प्रकार का भी कोई मामला अभी तक सामने नहीं आया है. पुलिस आरोपियों के पास से मिले गैजेट और दस्तावेजों की बारीकी से जांच कर रही है. इसके लिए कई अलग-अलग विशेष टीमें बनाई गई हैं.
नीट परीक्षा पर रहेगी कड़ी नजर
जांच कर रही पुलिस टीमों की विशेष नजर 12 सितंबर को होने वाली नीट परीक्षा पर भी होगी. पुलिस का मानना है कि आरोपियों ने जिन कमजोर विद्यार्थियों से पैसा लेकर अन्य मेधावी विद्यार्थी को बैठाने के लिए धोखाधड़ी की है, उन पर विशेष नजर रहेगी. पुलिस का मानना है कि आरोपियों के पास से मिले दस्तावेज के आधार पर 2 कमजोर परीक्षार्थियों के स्थान पर अन्य दो मेधावी विद्यार्थी परीक्षा देने आ सकते हैं. यदि इनमें कोई फेरबदल नहीं हुआ और असल विद्यार्थी भी आए तो भी पुलिस को अपनी जांच आगे बढ़ाने में कमजोर विद्यार्थियों से मदद मिलेगी.
प्रथम और द्वितीय वर्ष के मेडिकल विद्यार्थियों की दिन में तीन बार होगी अटेंडेंस
नीट परीक्षा में सतर्कता बरतते हुए प्रदेश में सभी मेडिकल कॉलेज को निर्देश दिए हैं कि रविवार 12 सितंबर को प्रथम और द्वितीय वर्ष के मेडिकल विद्यार्थियों कि दिन में तीन बार अटेंडेंस ली जाए. प्रथम अटेंडेंस सुबह 10:00 बजे दूसरी दोपहर 12:00 बजे एवं तीसरी दोपहर 2:30 बजे विद्यार्थियों की अटेंडेंस होगी. इस अटेंडेंस में अनुपस्थित रहने वाले विद्यार्थियों की रिपोर्ट बनाकर सरकार को भेजने के निर्देश दिए गए हैं.
ऐसे फंसते हैं कमजोर और मेधावी विद्यार्थी
पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार हत्थे चढ़े आरोपी मास्टरमाइंड अर्पित स्वामी के लिए कमीशन बेस पर काम करते थे. आरोपी गजेंद्र स्वामी, मोहम्मद तंजील कमजोर विद्यार्थियों को फांसते थे. उन्हें अर्पित स्वामी से मिलवाते थे. इसके लिए वह पूर्व में हुई नीट परीक्षा में चयन होने वाले विद्यार्थियों का उदाहरण देकर शिकार पर विश्वास जमाते थे. इसी प्रकार अर्पित से जुड़ा दूसरा नेटवर्क के लोग मेधावी विद्यार्थियों का चयन विभिन्न कोचिंग सेंटरों की वेबसाइट पर लगी मेधावी विद्यार्थियों की फोटो और उनके नीचे दिए गए मोबाइल नंबर से करते थे.
यह कमीशन बेस लोग मेधावी विद्यार्थियों से संपर्क कर उन्हें पैसे का लालच देते थे और उन्हें परीक्षा में बैठने के लिए राजी करते थे. ऐसे कई विद्यार्थी हैं जो नीट की कोचिंग करते हैं और परीक्षा में असफल हो जाते हैं. ऐसे कई विद्यार्थी धोखाधड़ी करने वाले लोगों के नेटवर्क में फंस जाते हैं.