अजमेर. जिले में कोटड़ा इलाके के सूर्य नगरी में स्थित केंद्रीय अनुश्रवण केंद्र के अभियंता ने जर्जर सरकारी क्वार्टर की मरम्मत करवाने के लिए न्यायालय की शरण ली है. दो साल से अभियंता विनय कुमार मीणा कई बार क्वार्टर की मरम्मत के लिए सीपीडब्ल्यूडी के अधिकारियों को पत्र लिख चुके हैं. लेकिन कोई कार्रवाई नहीं होने पर उसने न्याय के लिए अदालत का दरवाजा खटखटाना पड़ा है.
बता दें कि केंद्रीय अनुश्रवण केंद्र कार्यालय परिसर में अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए 10 क्वार्टर है. जिनकी मेंटिनेंस का जिम्मा सीपीडब्लूडी का है. वैसे तो सरकारी क्वाटर्स बाहर से अच्छे और मजबूत लगते है, लेकिन भीतर जगह-जगह दरारे आ चुकी है. इतना ही इनमें रहने वाले अधिकारी और कर्मचारियों के परिवार के सदस्यों के लिए जर्जर क्वाटर्स मुसीबत बन गए है. कभी भी कोई हादसा हो सकता है.
पढ़ेंः अजमेर जिला सेशन सहित सभी अधीनस्थ अदालतों में नियमित रूप से शुरू हुआ कार्य
अभियंता विनय कुमार ने बताया कि वह 2018 से क्वार्टर में रह रहा है. क्वार्टर में रहने से पहले उसने अपने निजी खर्च से मरम्मत करवाई थी. हालात यह थी कि छत से पानी कमरों में टपकता था. मीणा ने बताया कि मरम्मत के लिए उसने कई बार सीपीडब्ल्यूडी को पत्र लिखा, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई. उन्होंने बताया कि ड्यूटी टाइम के बाद परिवार के साथ आम तौर पर वह बालकनी में बैठते है. 24 जून को बालकनी के ऊपर की छत का मलबा गिर पड़ा. गनीमत रही कि वह और उसकी पत्नी वहां मौजूद नहीं थे.
पढ़ेंः अजमेर में सूने पड़े पर्यटन स्थल, 7 से 8 हजार लोगों पर आर्थिक संकट
क्वार्टर की जर्जर हालत की समस्या केवल अभियंता विनय मीणा की नहीं है. एक अन्य क्वार्टर में रहने वाले अधिकारी ब्रजमोहन मीणा बताते हैं कि क्वार्टर में हमेशा हादसा होने की संभावना बनी रहती है. पानी की पाइपलाइन टूटी फूटी है. खिड़कियां और उनके छज्जे जर्जर हो चुके हैं. अभियंता विनय कुमार मीणा ने अदालत में सीपीडब्ल्यूडी के कार्यपालक अभियंता उत्पल त्रिपाठी और कार्यपालक अभियंता जोधपुर विक्रांत वर्मा के खिलाफ इस्तगासा दायर किया है.