अजमेर. अजमेर में महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय में गुरुवार को एनएसयूआई से अध्यक्ष पद सहित चारों पदों के लिए नामांकन दाखिल कर दिये है. इस दौरान एबीवीपी और एनएसयूआई समर्थक आमने-सामने हो गए. पुलिस ने बीच बचाव कर दोनों दलों के समर्थकों को समझाइश के जरिये मामला शांत करवाया. ईटीवी भारत ने एनएसयूआई के पैनल से विशेष बातचीत की.
अजमेर एमडीएसयू में एनएसयूआई से चारो पदों के लिए नामांकन दाखिल हो गए है. इस बार एनएसयूआई ने अध्यक्ष पद के लिए शुभम चौधरी को मैदान में उतारा है. वहीं उपाध्यक्ष पद पर महावीर चौहान, महासचिव पद पर कल्पेश शर्मा और संयुक्त सचिव पद पर सानिया सिद्दकी ने अपना नामांकन रिटर्निंग अधिकारी लक्ष्मी ठाकुर के समक्ष दाखिल किया है.
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ईटीवी भारत से विशेष बातचीत में शुभम चौधरी ने बताया कि यूनिवर्सिटी में कुलपति का पद रिक्त होने से कैम्पस में कई तरह की समस्याएं उत्पन्न हो गई है. यूनिवर्सिटी में फैकल्टी की कमी है. खेल कूद को लेकर यूनिवर्सिटी का स्पोर्ट्स बोर्ड सक्रिय नही है. महासचिव पद के उम्मीदवार कल्पेश शर्मा ने बताया कि यूनिवर्सिटी के कैंपस में एक डिपार्टमेंट से दूसरे डिपार्टमेंट में जाने में काफी वक्त लग जाता है इसके लिए ई रिक्शा की व्यवस्था कैंपस में लागू करने की मांग रही है, स्थाई फैकेल्टियों नहीं है, कुलपति का पद रिक्त रहने से अनेक समस्याएं यूनिवर्सिटी में है.
इस बार एनएचएआई ने अपने पैनल में छात्रा सानिया सिद्धकी को भी संयुक्त सचिव पद पर मैदान में उतारा है. सानिया ने बताया कि यूनिवर्सिटी में छात्राओं के लिए बने छात्रावास की हालत इतनी जर्जर है कि वह कभी भी गिर सकता है. इस वजह से यूनिवर्सिटी में दाखिला लेने के लिए कई छात्राएं आई लेकिन छात्रावास की दशा देखकर वह वापस लौट गई. उन्होंने बताया कि वह खुद इस समस्या से जूझ रही है.
साथ ही उन्होंने कहा कि यूनिवर्सिटी में वाईफाई की कोई व्यवस्था नहीं है. एमडीएस यूनिवर्सिटी में एनएसयूआई चुनाव समिति के सदस्य भगवान सिंह ने बताया कि छात्र संघ चुनाव को लेकर बहुत ही कम समय मिला है. इसलिए रणनीति के तहत डोर टू डोर विद्यार्थियों से संपर्क किया जाएगा. साथ ही सोशल मीडिया के माध्यम से विद्यार्थियों से संपर्क साधने में ज्यादा फोकस रहेगा.
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एनएचएल संगठन के वरिष्ठ पदाधिकारी सुनील लारा ने बताया कि एनएसयूआई ने यूनिवर्सिटी सहित 8 कॉलेज कैंपस में अपना पैनल उतारा है. बता दें कि एनएसयूआई संगठन की अजमेर में लचर हालत है. एनएसयूआई जिलाध्यक्ष नवीन सोनी नागौर जिले से हैं. अक्सर वह वहीं रहते हैं इस वजह से संगठन का ढांचा यहां बिगड़ा हुआ है. यूनिवर्सिटी में एनएसयूआई के पुराने दिग्गज नेताओं ने मोर्चा संभाला है लेकिन राजकीय सावित्री कन्या महाविद्यालय में एनएसयूआई अपना पैनल तक नहीं उतार सकी. वहीं एबीवीपी से टिकट नहीं मिलने पर एनएसयूआई ने दिनेश चौधरी को जीसीए कॉलेज से उतारा है. इतना ही नहीं संस्कृत और विधि कॉलेज में भी एनएसयूआई अपना पैनल घोषित नहीं कर पाई.