अजमेर. राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम नॉन ऑपरेटिंग रेवेन्यू इनक्रीस स्कीम (Non operating revenue increase scheme) के तहत अतिरिक्त कमाई करने की जुगाड़ में लगा हुआ है. मुख्यालय की ओर से एक तकनीकी टीम प्रदेश के सभी केंद्रीय रोडवेज बस स्टैंड (Central Roadways Bus Stand) परिसर का सर्वे करेगी. टीम में सिविल इंजीनियर सहित काफी तकनीकी अधिकारी शामिल होंगे.
केंद्रीय रोडवेज को आर्थिक तंगी से उबारने की कवायद
केंद्रीय रोडवेज को आर्थिक तंगी से उबारने की कवायद के रूप में नई कवायद को देखा जा रहा है. प्रदेश के 52 बस स्टैंड परिसर में उपयोगी और अनुपयोगी पड़े खाली क्षेत्र का सदुपयोग किया जाएगा.
इस्तेमाल नहीं हो रहे क्षेत्र को विकसित करने की योजना
इसमें तकरीबन सभी बस स्टैंड की प्राइम लोकेशन और परिसर में औसतन 60 से 70 % क्षेत्र का खुले में पड़ा अनुपयोगी क्षेत्र सामने आया. यह क्षेत्र गंदगी और कबाड़ से अटा पड़ा है. लिहाजा इसे विकसित करने की योजना पर चर्चा की जा रही है.
जमीन का नक्शा तैयार करा रहे
रोडवेज प्रबंधन अब तकनीकी अधिकारियों की टीम से संबंधित बस स्टैंड, बस डिपो की भूमि का वास्तविक उपयोग में अनुपयोगी पड़ी जमीन का नक्शा तैयार करा रहा है.
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आय बढ़ने के साथ ही बेकार पड़ी जगह का होगा सदुपयोग
खाली भूमि को व्यावसायिक गतिविधियों के तहत होटल, रेस्तरां और अन्य वाणिज्यिक प्रतिष्ठान के लिए लीज पर दिए जाने की योजना है. जिससे निगम की आय बढ़ने के साथ ही बेकार पड़ी जगह का भी सदुपयोग हो सकेगा.
पहले कागजों में ही सिमट कर रह गई योजना
इससे पहले कुछ प्रमुख बस स्टैंड की बिल्ड ओवर एंड ट्रांसफर योजना के तहत निजी क्षेत्र की फर्म को देने की भी योजना बनाई थी. जिसके तहत बस स्टैंड की भूमि पर मॉल, शॉपिंग कॉम्प्लेक्स को विकसित किया जाना था. संबंधित फर्म इससे होने वाली आय में एक निर्धारित एकमुश्त राशि प्रबंधन को देता रहता, लेकिन यह योजना कागजों पर सिमट कर ही रह गई.